राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि
15 अगस्त 2025 को लाल किले पर 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की। यह दस वर्षीय पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के सबसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें रक्षा और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा के लिए स्वदेशी तकनीक का उपयोग होगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: लाल किला 1947 से प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस संबोधन का स्थल रहा है।
मिशन के उद्देश्य
इस पहल का लक्ष्य विकसित हो रहे खतरों के विरुद्ध बहु–स्तरीय सुरक्षा ढांचा तैयार करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं – विदेशी सुरक्षा प्रणालियों पर निर्भरता कम करना, निगरानी, साइबर सुरक्षा और भौतिक सुरक्षा को एक मंच पर एकीकृत करना, तथा केवल प्रतिक्रिया देने की बजाय संभावित खतरों की पहले से भविष्यवाणी कर रोकथाम करना।
सांस्कृतिक और रणनीतिक प्रेरणा
इस मिशन की प्रेरणा महाभारत से ली गई है, जब भगवान कृष्ण ने सूर्य को ढककर अर्जुन की सहायता की थी ताकि वह जयद्रथ को पराजित कर सके। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कथा को आधुनिक समय से जोड़ा, यह बताते हुए कि आज हमें भी अपने महत्वपूर्ण संस्थानों को आंतरिक और बाहरी खतरों से ढालने की आवश्यकता है।
मुख्य घटक
हालाँकि सभी परिचालन विवरण गोपनीय हैं, प्रारंभिक ढाँचे में निम्नलिखित शामिल हैं:
- उन्नत निगरानी प्रणाली – संवेदनशील स्थलों के लिए AI-आधारित मॉनिटरिंग।
- साइबर सुरक्षा ढाँचा – साइबर युद्ध और हाइब्रिड हमलों से बचाव।
- भौतिक सुरक्षा सुधार – सुदृढ़ भवन और त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल।
- एकीकृत खतरों से निपटने का नेटवर्क – सुरक्षा एजेंसियों, खुफिया संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों के बीच वास्तविक समय में समन्वय।
- सार्वजनिक–निजी सहयोग – भारतीय अनुसंधान एजेंसियों, रक्षा PSUs और निजी नवोन्मेषकों के साथ साझेदारी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) एक प्रमुख रक्षा PSU है, जो स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा समाधान विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है।
रणनीतिक महत्त्व
इस मिशन की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब साइबर तोड़फोड़ और हाइब्रिड युद्ध को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ रही है। 2008 के मुंबई हमलों जैसे उदाहरण यह दर्शाते हैं कि पूर्व–नियोजित और एकीकृत सुरक्षा प्रणाली कितनी आवश्यक है। इस पहल के ज़रिए भारत सरकारी भवनों, रक्षा प्रतिष्ठानों, ऊर्जा ग्रिड और अनुसंधान केंद्रों को उच्च स्तर पर सुरक्षित करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मिशन सुदर्शन चक्र सुरक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है। स्वदेशी विकास पर बल देकर यह सुनिश्चित करता है कि संवेदनशील रक्षा क्षमताएँ राष्ट्रीय नियंत्रण में ही रहें। इसके माध्यम से भारत विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने का भी लक्ष्य रखता है।
स्थैतिक जीके टिप: ‘सुदर्शन चक्र’ भगवान विष्णु का घूर्णनशील अस्त्र है, जो सुरक्षा और सटीकता का प्रतीक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| घोषणा की तारीख | 15 अगस्त 2025 |
| अवसर | 79वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन |
| घोषणा करने वाले | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
| मिशन की अवधि | 10 वर्ष |
| मुख्य उद्देश्य | स्वदेशी तकनीक से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा |
| प्रमुख घटक | निगरानी, साइबर सुरक्षा, भौतिक सुरक्षा, एकीकृत खतरा प्रतिक्रिया |
| सांस्कृतिक संदर्भ | महाभारत में भगवान कृष्ण द्वारा सूर्य को ढालना |
| जुड़ी नीति | आत्मनिर्भर भारत |
| सार्वजनिक-निजी भूमिका | R&D एजेंसियों, रक्षा PSUs और निजी कंपनियों के साथ सहयोग |
| सुरक्षा फोकस | सरकारी भवन, रक्षा स्थल, ऊर्जा और अनुसंधान अवसंरचना |





