भारत का डेटा नेतृत्व की ओर बदलाव
भारत अब केवल डेटा-समृद्ध लेकिन प्रणाली-कमज़ोर राष्ट्र नहीं रहा, बल्कि डेटा गुणवत्ता में विश्व का अग्रणी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने सांख्यिकीय सलाहकारों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कहा कि भारत अब ऐसे मानक स्थापित करेगा जिन्हें विकसित राष्ट्र भी अपनाएँगे।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद 1956 में स्थापित हुआ, जिसका मुख्य कार्य सरकार को आर्थिक नीतियों पर परामर्श देना है।
वैश्विक डेटा विश्वसनीयता चुनौतियों का समाधान
आज विश्व स्तर पर डेटा की सटीकता और पारदर्शिता सवालों के घेरे में है। अमेरिका में हाल ही में रोजगार आंकड़ों पर विवाद के चलते वहाँ के श्रम सांख्यिकी प्रमुख को पद से हटाया गया। ब्रिटेन में सांख्यिकीय सुधार की मांग बढ़ रही है ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके। भारत इस शून्य को भरना चाहता है और विश्वसनीय व समय पर आँकड़े प्रस्तुत करने की दिशा में उन्नत प्रणाली लागू कर रहा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: ब्रिटेन का ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) 1996 में स्थापित हुआ और यह देश का सबसे बड़ा स्वतंत्र सांख्यिकी उत्पादक है।
MoSPI का नया सेवा उत्पादन सूचकांक
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) अब सेवा उत्पादन सूचकांक (SPI) शुरू करने जा रहा है। यह सूचकांक भारत के विशाल सेवा क्षेत्र की गति और प्रवृत्तियों को मापेगा। यह औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) जैसा होगा लेकिन केवल सेवाओं पर केंद्रित रहेगा, जो भारत की GDP का 50% से अधिक हिस्सा है।
इससे नीति-निर्माताओं को क्षेत्र–विशिष्ट रुझान समझने और वास्तविक समय में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में IIP (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) 1950 से संकलित किया जा रहा है।
सांख्यिकीय सुधार में तकनीक की भूमिका
आदिल ज़ैनुलभाई, क्षमता निर्माण आयोग के पूर्व अध्यक्ष, ने सुझाव दिया कि सांख्यिकीय कार्यों में उन्नत तकनीक का समावेश किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत के डेटा सिस्टम को वैश्विक स्तर पर गोल्ड स्टैंडर्ड बनाया जा सकता है।
यह सुझाव मौजूदा पहलों जैसे डिजिटल इंडिया, आधार–सक्षम सेवाएँ और गवर्नेंस के लिए रियल–टाइम डैशबोर्ड से जुड़ता है। AI, बिग डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन को शामिल करके भारत गति, सटीकता और सुलभता बढ़ाना चाहता है।
स्थैतिक जीके टिप: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 2015 में शुरू हुआ था, जिसका लक्ष्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है।
भारत की डेटा गवर्नेंस की राह
नीतिगत नवाचार, तकनीक को अपनाना और संस्थागत क्षमता निर्माण का संयोजन भारत को अंतर्राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस मानकों को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाने योग्य बनाता है। मजबूत प्रणाली के साथ भारत UN सांख्यिकीय ढांचे को प्रभावित कर सकता है, व्यापार वार्ताओं में मदद कर सकता है और वैश्विक आर्थिक सहयोग को मजबूत बना सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मुख्य आर्थिक सलाहकार | वी. अनंथा नागेश्वरन |
आयोजन मंत्रालय | सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) |
नया सूचकांक | सेवा उत्पादन सूचकांक (SPI) |
SPI का उद्देश्य | सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन का आकलन |
समान मौजूदा सूचकांक | औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) |
भारत की GDP में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी | 50% से अधिक |
उल्लेखनीय वक्ता | आदिल ज़ैनुलभाई |
तकनीकी पहल | डिजिटल इंडिया, आधार-सक्षम सेवाएँ, रियल-टाइम डैशबोर्ड |
वैश्विक मुद्दा | डेटा की सटीकता और पारदर्शिता |
लक्ष्य परिणाम | डेटा गुणवत्ता में वैश्विक गोल्ड स्टैंडर्ड |