नवम्बर 5, 2025 7:00 अपराह्न

भू-नीर पोर्टल

चालू घटनाएँ: भू-नीर, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA), जल शक्ति मंत्रालय, भूजल विनियमन, एनओसी प्रक्रिया, पैन-आधारित सिंगल आईडी, क्यूआर कोड एनओसी, वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट, केंद्रीकृत डाटाबेस

Bhu-Neer Portal

परिचय

भू-नीर पोर्टल वर्ष 2024 में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत लॉन्च किया गया। यह 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भूजल दोहन को विनियमित करने के लिए एक डिजिटल, वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म है। इसका उद्देश्य भूजल निकासी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने में पारदर्शिता, दक्षता और स्थिरता लाना है।
स्थैतिक GK तथ्य: राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) आमतौर पर राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत मिशन मोड ई-गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म विकसित करता है।

उद्देश्य

भारत के जलभृत (Aquifers) अति-निकासी से लंबे समय से खतरे में हैं। भू-नीर पोर्टल 24 सितंबर 2020 को जारी भूजल निकासी दिशानिर्देशों को लागू करता है, जिससे परियोजना प्रस्तावकों को संरक्षण मानकों का पालन करना सुनिश्चित होता है। यह मुख्य रूप से उद्योग, बुनियादी ढांचा और खनन क्षेत्रों को लक्षित करता है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत दुनिया का सबसे बड़ा भूजल उपभोक्ता देशों में से एक है, विशेषकर कृषि और उद्योग क्षेत्रों में।

प्रमुख विशेषताएँ

पोर्टल में कई उपयोगकर्ता-अनुकूल सुविधाएँ हैं:

  • पात्रता जांच (Eligibility Checker)
  • ऑनलाइन शुल्क कैलकुलेटर
  • सीजीडब्ल्यूए अधिकारियों से सीधा संवाद के लिए क्वेरी मॉड्यूल
  • एनओसी की स्थिति पर रीयल-टाइम एसएमएस और ईमेल अलर्ट
  • पैन-आधारित सिंगल आईडी सिस्टम जिससे प्रमाणीकरण, भुगतान और समन्वय आसान हो
  • क्यूआर कोड वाले एनओसी जिससे दस्तावेज़ की सुरक्षा और सत्यापन सरल हो
    स्थैतिक GK तथ्य: क्यूआर कोड एक द्वि-आयामी बारकोड है, जिसका आविष्कार जापान में हुआ था और अब यह सुरक्षित प्रमाणीकरण के लिए व्यापक रूप से उपयोग होता है।

आवेदन और प्रक्रिया

नियंत्रित क्षेत्रों में परियोजना प्रस्तावक पूरी तरह ऑनलाइन एनओसी आवेदन करते हैं। यह डिजिटल प्रणाली अनुमोदन प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और मैनुअल हस्तक्षेप रहित बनाती है।

सतत प्रबंधन पर प्रभाव

भू-नीर पोर्टल अवैध भूजल दोहन को रोकने और पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों के पालन को लागू करने में मदद करता है। यह छत-आधारित वर्षा जल संचयन संरचनाओं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को अपनाने को बढ़ावा देता है, जिससे भूजल पुनर्भरण और प्रदूषण में कमी आती है।
स्थैतिक GK तथ्य: वर्षा जल संचयन एक पारंपरिक जल प्रबंधन तकनीक है, जिसे अब कई राज्यों के भवन उपनियमों में अनिवार्य किया गया है।

जनजागरूकता और प्रसार

जल शक्ति मंत्रालय ने इस पोर्टल के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाई। इसे 19 सितंबर 2024 को इंडिया वाटर वीक 2024 के दौरान डिजिटल रूप से लॉन्च किया गया। इसके अलावा, सीजीडब्ल्यूए ने व्यापार मंडलों और पब्लिक इंटरैक्शन प्रोग्राम्स (PIPs) के माध्यम से प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए।
स्थैतिक GK तथ्य: इंडिया वाटर वीक जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा के लिए आयोजित वार्षिक सम्मेलन है।

निष्कर्ष

भू-नीर पोर्टल भारत के जल प्रशासन ढांचे में एक महत्वपूर्ण डिजिटल सुधार है। यह Ease of Doing Business और जल संसाधन संरक्षण का संतुलित उदाहरण है, जो भूजल प्रबंधन को आधुनिक शासन मानकों तक ले गया है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लॉन्च वर्ष 2024, CGWA द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत, इंडिया वाटर वीक के दौरान
कवरेज 19 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जहाँ CGWA भूजल निकासी नियंत्रित करता है
उद्देश्य सुव्यवस्थित, पारदर्शी और सतत NOC प्रक्रिया
लागू दिशानिर्देश 24 सितंबर 2020 के भूजल निकासी मानक
प्रमुख विशेषताएँ पात्रता जांच, शुल्क कैलकुलेटर, पैन आईडी, एसएमएस/ईमेल अलर्ट, क्यूआर एनओसी
संरक्षण उपाय वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स
जनजागरूकता मंत्री द्वारा लॉन्च, कार्यशालाएँ, PIPs
Bhu-Neer Portal
  1. जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय जल संसाधन और नदी विकास प्राधिकरण (CGWA) द्वारा 2024 में भू-नीर पोर्टल लॉन्च किया गया।
  2. विनियमित भूजल निष्कर्षण के लिए 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करता है।
  3. 24 सितंबर 2020 के भूजल दिशानिर्देशों को लागू करता है।
  4. उद्योगों, बुनियादी ढाँचे और खनन क्षेत्रों को लक्षित करता है।
  5. पात्रता जाँचकर्ता और शुल्क कैलकुलेटर की सुविधा प्रदान करता है।
  6. एनओसी के लिए पैन-आधारित एकल पहचान प्रणाली।
  7. क्यूआर-कोडेड एनओसी सुरक्षा बढ़ाते हैं।
  8. आवेदकों के लिए रीयल-टाइम एसएमएस/ईमेल अलर्ट।
  9. पूरी तरह से ऑनलाइन एनओसी आवेदन प्रक्रिया।
  10. वर्षा जल संचयन और सीवेज उपचार को बढ़ावा देता है।
  11. अवैध भूजल निष्कर्षण पर अंकुश लगाना प्राथमिकता है।
  12. भारत जल सप्ताह 2024 के दौरान लॉन्च किया गया।
  13. एनआईसी ई-गवर्नेंस के सहयोग से विकसित।
  14. व्यापार करने में आसानी में सुधार करता है।
  15. भूजल उपयोग में स्थिरता सुनिश्चित करता है।
  16. जागरूकता के लिए जन संपर्क कार्यक्रम (पीआईपी) आयोजित करता है।
  17. आउटरीच के लिए वाणिज्य मंडलों को शामिल करता है।
  18. जलभृत पुनर्भरण उपायों का समर्थन करता है।
  19. भारत दुनिया के सबसे बड़े भूजल उपभोक्ताओं में से एक है।
  20. पोर्टल विनियमन को संरक्षण के साथ एकीकृत करता है।

Q1. भू-नीर पोर्टल किस प्राधिकरण ने लॉन्च किया?


Q2. भू-नीर पोर्टल का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q3. निर्बाध प्रमाणीकरण के लिए कौन-सी पहचान प्रणाली का उपयोग किया जाता है?


Q4. भूजल दोहन संबंधी दिशा-निर्देश कब लागू किए गए?


Q5. भारत जल सप्ताह के दौरान भू-नीर कब लॉन्च किया गया?


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