परिचय
लोकसभा ने भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 पारित कर दिया है, जो भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 का स्थान लेगा। यह विधेयक भारत में बंदरगाहों के लिए एकीकृत और आधुनिक कानूनी ढाँचा तैयार करता है। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय, विवाद निपटान को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय समुद्री मानकों के अनुरूप बनाना है।
समुद्री राज्य विकास परिषद
विधेयक के तहत केंद्र सरकार समुद्री राज्य विकास परिषद स्थापित करेगी, जिसके पदेन अध्यक्ष केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री होंगे। यह परिषद प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के बीच नीतिगत समन्वय करेगी।
स्थैतिक GK तथ्य: 2020 में पोत परिवहन मंत्रालय का नाम बदलकर बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय कर दिया गया था।
राज्य समुद्री बोर्ड को वैधानिक मान्यता
राज्य सरकारें गैर-प्रमुख बंदरगाहों के प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्ड का गठन करेंगी। ये बोर्ड प्रशासन, सुरक्षा और बुनियादी ढाँचे के विकास को सुनिश्चित करेंगे।
स्थैतिक GK तथ्य: 1982 में गुजरात पहला राज्य था जिसने राज्य समुद्री बोर्ड की स्थापना की।
विवाद निपटान तंत्र
विधेयक के अनुसार, राज्य सरकारें विवाद समाधान समितियाँ (DRCs) बनाएंगी जो गैर-प्रमुख बंदरगाहों से जुड़े मामलों को देखेंगी। अपील उच्च न्यायालय में होगी और ऐसे मामलों में सिविल अदालतों का अधिकार क्षेत्र नहीं होगा। इसका उद्देश्य तेज़ और विशेषज्ञ समाधान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
बंदरगाह शुल्क विनियमन
प्रमुख बंदरगाहों के लिए शुल्क बोर्ड ऑफ मेजर पोर्ट अथॉरिटी या कंपनी अधिनियम 2013 के तहत निदेशक मंडल द्वारा तय होगा। गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए शुल्क राज्य समुद्री बोर्ड तय करेंगे। इससे बंदरगाह संचालन में दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।
नए बंदरगाह और मेगा पोर्ट
केंद्र सरकार, राज्यों से परामर्श के बाद, नए बंदरगाह अधिसूचित करेगी और बंदरगाह सीमा में बदलाव कर सकेगी। यह मेगा पोर्ट की परिभाषा तय करेगी ताकि क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह महाराष्ट्र का जवाहरलाल नेहरू पोर्ट है।
पर्यावरण और सुरक्षा अनुपालन
विधेयक MARPOL और बैलास्ट वॉटर मैनेजमेंट कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री समझौतों के अनुपालन को अनिवार्य करता है। इससे सतत शिपिंग प्रथाओं और पर्यावरण संरक्षण में भारत की प्रतिबद्धता मजबूत होगी।
स्थैतिक GK तथ्य: MARPOL 1973 में अपनाया गया था और यह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री पर्यावरण समझौतों में से एक है।
भारत में बंदरगाह
वर्तमान में भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं, जिन्हें 2021 के मेजर पोर्ट अथॉरिटीज़ एक्ट के तहत मंत्रालय नियंत्रित करता है। इसके अलावा 213 गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं, जिनका प्रबंधन राज्य सरकारें या राज्य समुद्री बोर्ड करते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| विधेयक का नाम | भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 |
| प्रतिस्थापित करता है | भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 |
| गठन | समुद्री राज्य विकास परिषद |
| अध्यक्ष | केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री |
| राज्य समुद्री बोर्ड | गैर-प्रमुख बंदरगाहों का प्रबंधन |
| विवाद समाधान | DRCs, अपील उच्च न्यायालय में |
| बंदरगाह शुल्क (प्रमुख) | बोर्ड ऑफ मेजर पोर्ट अथॉरिटी |
| बंदरगाह शुल्क (गैर-प्रमुख) | राज्य समुद्री बोर्ड |
| मेगा पोर्ट मानदंड | केंद्र व राज्यों के परामर्श से |
| अंतरराष्ट्रीय समझौते | MARPOL, बैलास्ट वॉटर मैनेजमेंट कन्वेंशन |
| प्रमुख बंदरगाह | 12 |
| गैर-प्रमुख बंदरगाह | 213 |





