नवम्बर 4, 2025 11:04 अपराह्न

भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 लोकसभा में पारित

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Indian Ports Bill 2025 passed in Lok Sabha

परिचय

लोकसभा ने भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 पारित कर दिया है, जो भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 का स्थान लेगा। यह विधेयक भारत में बंदरगाहों के लिए एकीकृत और आधुनिक कानूनी ढाँचा तैयार करता है। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय, विवाद निपटान को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय समुद्री मानकों के अनुरूप बनाना है।

समुद्री राज्य विकास परिषद

विधेयक के तहत केंद्र सरकार समुद्री राज्य विकास परिषद स्थापित करेगी, जिसके पदेन अध्यक्ष केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री होंगे। यह परिषद प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के बीच नीतिगत समन्वय करेगी।
स्थैतिक GK तथ्य: 2020 में पोत परिवहन मंत्रालय का नाम बदलकर बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय कर दिया गया था।

राज्य समुद्री बोर्ड को वैधानिक मान्यता

राज्य सरकारें गैर-प्रमुख बंदरगाहों के प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्ड का गठन करेंगी। ये बोर्ड प्रशासन, सुरक्षा और बुनियादी ढाँचे के विकास को सुनिश्चित करेंगे।
स्थैतिक GK तथ्य: 1982 में गुजरात पहला राज्य था जिसने राज्य समुद्री बोर्ड की स्थापना की।

विवाद निपटान तंत्र

विधेयक के अनुसार, राज्य सरकारें विवाद समाधान समितियाँ (DRCs) बनाएंगी जो गैर-प्रमुख बंदरगाहों से जुड़े मामलों को देखेंगी। अपील उच्च न्यायालय में होगी और ऐसे मामलों में सिविल अदालतों का अधिकार क्षेत्र नहीं होगा। इसका उद्देश्य तेज़ और विशेषज्ञ समाधान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।

बंदरगाह शुल्क विनियमन

प्रमुख बंदरगाहों के लिए शुल्क बोर्ड ऑफ मेजर पोर्ट अथॉरिटी या कंपनी अधिनियम 2013 के तहत निदेशक मंडल द्वारा तय होगा। गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए शुल्क राज्य समुद्री बोर्ड तय करेंगे। इससे बंदरगाह संचालन में दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।

नए बंदरगाह और मेगा पोर्ट

केंद्र सरकार, राज्यों से परामर्श के बाद, नए बंदरगाह अधिसूचित करेगी और बंदरगाह सीमा में बदलाव कर सकेगी। यह मेगा पोर्ट की परिभाषा तय करेगी ताकि क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह महाराष्ट्र का जवाहरलाल नेहरू पोर्ट है।

पर्यावरण और सुरक्षा अनुपालन

विधेयक MARPOL और बैलास्ट वॉटर मैनेजमेंट कन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री समझौतों के अनुपालन को अनिवार्य करता है। इससे सतत शिपिंग प्रथाओं और पर्यावरण संरक्षण में भारत की प्रतिबद्धता मजबूत होगी।
स्थैतिक GK तथ्य: MARPOL 1973 में अपनाया गया था और यह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री पर्यावरण समझौतों में से एक है।

भारत में बंदरगाह

वर्तमान में भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं, जिन्हें 2021 के मेजर पोर्ट अथॉरिटीज़ एक्ट के तहत मंत्रालय नियंत्रित करता है। इसके अलावा 213 गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं, जिनका प्रबंधन राज्य सरकारें या राज्य समुद्री बोर्ड करते हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
विधेयक का नाम भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025
प्रतिस्थापित करता है भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908
गठन समुद्री राज्य विकास परिषद
अध्यक्ष केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री
राज्य समुद्री बोर्ड गैर-प्रमुख बंदरगाहों का प्रबंधन
विवाद समाधान DRCs, अपील उच्च न्यायालय में
बंदरगाह शुल्क (प्रमुख) बोर्ड ऑफ मेजर पोर्ट अथॉरिटी
बंदरगाह शुल्क (गैर-प्रमुख) राज्य समुद्री बोर्ड
मेगा पोर्ट मानदंड केंद्र व राज्यों के परामर्श से
अंतरराष्ट्रीय समझौते MARPOL, बैलास्ट वॉटर मैनेजमेंट कन्वेंशन
प्रमुख बंदरगाह 12
गैर-प्रमुख बंदरगाह 213
Indian Ports Bill 2025 passed in Lok Sabha
  1. भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 का स्थान लेता है।
  2. समुद्री राज्य विकास परिषद की स्थापना करता है।
  3. अध्यक्ष: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री।
  4. गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए राज्य समुद्री बोर्डों को मान्यता देता है।
  5. गुजरात ने 1982 में पहला राज्य समुद्री बोर्ड स्थापित किया।
  6. गैर-प्रमुख बंदरगाह मुद्दों के लिए विवाद समाधान समितियाँ।
  7. उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
  8. प्रमुख बंदरगाहों के लिए शुल्क प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण बोर्ड द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
  9. राज्य समुद्री बोर्डों द्वारा गैर-प्रमुख बंदरगाह शुल्क निर्धारित किए जाते हैं।
  10. मेगा बंदरगाह मानदंडों को परिभाषित करता है।
  11. MARPOL और बैलास्ट जल प्रबंधन सम्मेलन के साथ संरेखित करता है।
  12. MARPOL को 1973 में अपनाया गया।
  13. भारत का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह: जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह।
  14. भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं।
  15. भारत में 213 गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं।
  16. बेहतर केंद्र-राज्य समन्वय का लक्ष्य।
  17. बंदरगाह सुरक्षा और बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करता है।
  18. गैर-प्रमुख बंदरगाह विवादों में दीवानी न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को समाप्त करता है।
  19. बंदरगाहों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देता है।
  20. बंदरगाहों के लिए कानूनी ढाँचे का आधुनिकीकरण करता है।

Q1. भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 किस अधिनियम की जगह लेता है?


Q2. समुद्री राज्य विकास परिषद की अध्यक्षता कौन करेगा?


Q3. किस राज्य ने सबसे पहले राज्य समुद्री बोर्ड की स्थापना की?


Q4. समुद्री प्रदूषण पर कौन-सा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इस विधेयक के अनुरूप है?


Q5. भारत में कितने गैर-मुख्य बंदरगाह हैं?


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