वेस्टर्न घाट में खोज
केरल विश्वविद्यालय और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने केरल के वेस्टर्न घाट क्षेत्र में मीठे पानी के केकड़ों की एक नई वंशावली और दो नई प्रजातियों की पहचान की है। यह खोज इस क्षेत्र की उच्च स्थानिकता और पारिस्थितिक महत्व को दर्शाती है।
स्थैतिक GK तथ्य: वेस्टर्न घाट UNESCO विश्व धरोहर स्थल है और इसे दुनिया के आठ “सबसे गर्म जैव विविधता हॉटस्पॉट” में गिना जाता है।
नामकरण और महत्व
नए वंश का नाम कसारगोडिया रखा गया है, जिसकी प्रजातियाँ कसारगोडिया शीबा और पिलार्टा वामन हैं।
- कसारगोडिया शीबा — कसारगोड ज़िले में खोजी गई, जिसका नाम ज़िले और शोधकर्ता की पत्नी शीबा स्मृति राज के सम्मान में रखा गया।
- पिलार्टा वामन — गावी (पठानमथिट्टा) में खोजी गई, जिसका नाम छोटे आकार के कारण हिंदू देवता वामन पर रखा गया।
स्थैतिक GK तथ्य: वैज्ञानिक नामकरण प्रजातियों की भौगोलिक, सांस्कृतिक या आकृति संबंधी विशेषताओं को दर्शा सकता है।
विशिष्ट शारीरिक विशेषताएँ
- कसारगोडिया शीबा — भूरे-नारंगी रंग का कवच, काले धब्बे, और नारंगी पैर जिन पर काले निशान हैं।
- पिलार्टा वामन — चतुर्भुज आकार का कवच और छोटा आकार।
दोनों प्रजातियाँ घासभूमि से बहने वाली एकांत पर्वतीय धाराओं में पाई गईं।
स्थैतिक GK तथ्य: परिवार गेसार्सिनुसिडी में भारत के अधिकांश मीठे पानी के केकड़े शामिल हैं।
आवास और वितरण
केरल के वेस्टर्न घाट में लगभग 70% मीठे पानी के केकड़े स्थानिक हैं, जिससे यह एक महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र बनता है। ये केकड़े रात्रिचर होते हैं और गहरे बिलों में रहते हैं, जिससे इन्हें देख पाना कठिन होता है। दोनों नई प्रजातियाँ दुर्लभ हैं और केवल कुछ ही नमूने दर्ज किए गए हैं।
संरक्षण से जुड़ी चिंताएँ
घासभूमि पर्यटन और मानव हस्तक्षेप इन प्रजातियों के आवास के लिए खतरा हैं। आवास क्षरण और प्रदूषण से इनके अस्तित्व पर गंभीर असर पड़ सकता है। पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और इन दुर्लभ प्रजातियों की रक्षा के लिए संरक्षण उपाय आवश्यक हैं।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 संकटग्रस्त प्रजातियों और उनके आवास की सुरक्षा के लिए कानूनी प्रावधान देता है।
वैज्ञानिक महत्व
ये खोजें वेस्टर्न घाट के वर्गीकरण और जैव विविधता डाटाबेस को समृद्ध करती हैं। जर्नल ऑफ क्रस्टेशियन बायोलॉजी और जूटैक्सा जैसी पीयर-रिव्यूड पत्रिकाओं में प्रकाशन से इनकी वैज्ञानिक विश्वसनीयता बढ़ती है। यह खोजें पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर जैव विविधता अन्वेषण की आवश्यकता पर जोर देती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
खोज का स्थान | केरल का वेस्टर्न घाट |
खोज करने वाले संस्थान | केरल विश्वविद्यालय, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर |
नए वंश का नाम | कसारगोडिया |
नई प्रजातियों के नाम | कसारगोडिया शीबा, पिलार्टा वामन |
मिले ज़िले | कसारगोड, पठानमथिट्टा |
परिवार | गेसार्सिनुसिडी |
केरल के मीठे पानी के केकड़ों की स्थानिकता दर | लगभग 70% |
खतरे | पर्यटन, आवास क्षरण, प्रदूषण |
कसारगोडिया शीबा की विशेषताएँ | भूरे-नारंगी कवच, काले धब्बे, नारंगी पैर |
पिलार्टा वामन की विशेषताएँ | चतुर्भुज आकार का कवच, छोटा आकार |