भारतीय महिला किसानों को वैश्विक मान्यता
कर्नाटक के धारवाड़ जिले के तीर्थ गांव का बीबी फातिमा महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) को UNDP इक्वेटर पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। इसे अक्सर जैव विविधता संरक्षण का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है। यह सम्मान उनके पर्यावरण अनुकूल खेती, बाजरा पुनर्जीवन और महिला-नेतृत्व वाले उद्यमिता में योगदान को मान्यता देता है।
स्थैतिक GK तथ्य: इक्वेटर पुरस्कार 2002 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा पर्यावरणीय स्थिरता के लिए समुदाय-आधारित प्रयासों को मान्यता देने हेतु शुरू किया गया था।
इक्वेटर पुरस्कार 2025 के बारे में
यह पुरस्कार UNDP द्वारा स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों के नेतृत्व वाले प्रकृति-आधारित समाधानों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
2025 की थीम थी — प्रकृति-आधारित जलवायु कार्रवाई के लिए महिला और युवा नेतृत्व। इस वर्ष अर्जेंटीना, ब्राज़ील, इक्वाडोर, इंडोनेशिया, केन्या, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, तंजानिया और भारत सहित 10 विजेताओं का चयन हुआ।
स्थैतिक GK तथ्य: यह पुरस्कार 9 अगस्त को घोषित हुआ, जिसे विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रतिस्पर्धा और पुरस्कार राशि
2025 की प्रतियोगिता में 103 देशों से लगभग 700 नामांकन आए। विजेताओं को $10,000 (लगभग ₹8.5 लाख) की राशि दी गई ताकि वे संरक्षण और सतत आजीविका में अपने कार्य को आगे बढ़ा सकें।
बीबी फातिमा SHG की यात्रा
2018 में 15 महिलाओं ने सहजा समृद्धा नामक किसान सशक्तिकरण पर काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन के मार्गदर्शन में इस समूह की शुरुआत की।
मुख्य सहयोगी:
- भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (IIMR), हैदराबाद — बाजरा नवाचार के लिए
- CROPS4HD — फसल विविधता और पोषण सुरक्षा के लिए
- सेल्को फाउंडेशन — सौर ऊर्जा आधारित प्रसंस्करण इकाइयों के लिए
- देवधान्य किसान उत्पादक कंपनी — ग्रामीण उद्यम प्रोत्साहन के लिए
सतत विकास में प्रमुख उपलब्धियां
- वर्षा आधारित भूमि में पर्यावरण-अनुकूल खेती: कम पानी और रसायन-मुक्त तरीकों से जलवायु-प्रतिरोधी फसलें उगाना
- सामुदायिक बीज बैंक: स्वदेशी किस्मों को संरक्षित करने के लिए स्थानीय बीज बैंक की स्थापना, जिससे वाणिज्यिक हाइब्रिड बीजों पर निर्भरता कम हुई
स्थैतिक GK टिप: सामुदायिक बीज बैंक कृषि जैव विविधता संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 15 (स्थल पर जीवन) की प्राप्ति में महत्वपूर्ण है। - बाजरा प्रोत्साहन और प्रसंस्करण: सेल्को फाउंडेशन की सौर ऊर्जा मशीनरी से स्थानीय स्तर पर बाजरा प्रसंस्करण, जिससे मूल्य संवर्धन और ग्रामीण रोजगार हुआ
- बाजार संपर्क और ग्रामीण उद्यमिता: देवधान्य FPC के माध्यम से बेहतर दाम और शहरी जैविक बाजारों तक पहुंच
ग्रामीण विकास पर व्यापक प्रभाव
बीबी फातिमा SHG का कार्य राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन और वैश्विक जैव विविधता लक्ष्यों के अनुरूप है। यह दिखाता है कि जमीनी स्तर की महिला नेता जलवायु परिवर्तन का समाधान, खाद्य सुरक्षा में सुधार और पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण कर सकती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पुरस्कार का नाम | UNDP इक्वेटर पुरस्कार 2025 |
प्रदान करने वाली संस्था | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) |
2025 की थीम | प्रकृति-आधारित जलवायु कार्रवाई के लिए महिला और युवा नेतृत्व |
घोषणा तिथि | 9 अगस्त 2025 |
पुरस्कार राशि | $10,000 (~₹8.5 लाख) |
विजेताओं की संख्या | 10 |
पुरस्कार आरंभ वर्ष | 2002 |
SHG का स्थान | तीर्थ गांव, धारवाड़ जिला, कर्नाटक |
गठन वर्ष | 2018 |
मुख्य सहयोगी | IIMR हैदराबाद, CROPS4HD, सेल्को फाउंडेशन, देवधान्य FPC |