शेरों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि
भारत ने वन्यजीव संरक्षण में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिसमें पिछले दशक में एशियाई शेरों की आबादी में 70% की वृद्धि दर्ज की गई है। 1990 में केवल 284 शेर थे, जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर 891 हो गई, जो दुनिया की सबसे सफल बड़े मांसाहारी जीव संरक्षण कहानियों में से एक है।
स्थैतिक जीके तथ्य: एशियाई शेर केवल भारत में पाए जाते हैं, जिससे यह देश उनका एकमात्र प्राकृतिक आवास है।
क्षेत्र और प्राकृतिक पर्यावरण
ये शेर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वनों और घास के मैदानों में पनपते हैं। वर्तमान में इनका मुख्य ठिकाना गिर नेशनल पार्क और वन्यजीव अभयारण्य है।
संरक्षण वर्गीकरण
एशियाई शेर आईयूसीएन रेड लिस्ट में वल्नरेबल श्रेणी में हैं, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत सर्वोच्च कानूनी संरक्षण प्राप्त करते हैं, और CITES के एपेंडिक्स-I में शामिल हैं, जिससे व्यावसायिक शोषण पर रोक लगती है।
विशिष्ट विशेषताएं
अफ्रीकी शेरों की तुलना में एशियाई शेर आकार में थोड़े छोटे होते हैं और उनके पेट के नीचे विशिष्ट बेली फोल्ड होता है। ये पूरे साल प्रजनन करते हैं, यानी इनका कोई निश्चित मैथुन मौसम नहीं होता।
रणनीतिक संरक्षण कदम
प्रोजेक्ट लायन
2020 में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य आवास की गुणवत्ता में सुधार, रेडियो-कॉलर और कैमरा ट्रैप के जरिए वैज्ञानिक निगरानी, और मानव-शेर संघर्ष को कम करना है।
ग्रेटर गिर विस्तार योजना
गिर के बाहर शेरों को गिरनार, पनिया और मिटियाला जैसे नए क्षेत्रों में बसाने की रणनीति, जिससे आवास संतृप्ति से बचाव और आनुवंशिक विविधता में वृद्धि हो।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारत इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, जो वैश्विक स्तर पर बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के लिए समन्वित प्रयास करता है। यह प्रजाति स्पीशीज़ रिकवरी इनिशिएटिव के तहत भी प्राथमिकता में है, जो एकीकृत वन्यजीव आवास विकास योजना का हिस्सा है।
बरदा वन्यजीव अभयारण्य – उभरता आवास
गुजरात के पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में फैला 192.31 वर्ग किमी क्षेत्र, 1979 में अभयारण्य घोषित किया गया था। यह गोरड़, बबूल और बांस जैसी औषधीय वनस्पतियों से समृद्ध है और सांभर, चीतल, चिंकारा जैसे जीवों का घर है। संरक्षण विशेषज्ञ इसे एशियाई शेरों के लिए संभावित दूसरा आवास मानते हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: बरदा की पहाड़ियां कभी पोरबंदर और जामनगर की रियासतों के सामरिक क्षेत्र हुआ करती थीं।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
1990 में एशियाई शेरों की संख्या | 284 |
2025 में एशियाई शेरों की संख्या | 891 |
संरक्षण स्थिति | Vulnerable (IUCN), अनुसूची-I WPA 1972, CITES एपेंडिक्स-I |
मुख्य आवास | गिर नेशनल पार्क और वन्यजीव अभयारण्य |
द्वितीयक आवास विकास | बरदा वन्यजीव अभयारण्य |
प्रोजेक्ट लायन शुरू होने का वर्ष | 2020 |
ग्रेटर गिर विस्तार क्षेत्र | गिरनार, पनिया, मिटियाला |
बरदा वन्यजीव अभयारण्य स्थान | पोरबंदर और देवभूमि द्वारका, गुजरात |
बरदा अभयारण्य का क्षेत्रफल | 192.31 वर्ग किमी |
अभयारण्य घोषित होने का वर्ष | 1979 |