अभूतपूर्व उपलब्धि
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने जुलाई 2025 में 19.36 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन का ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज किया। यह जुलाई 2024 के 5.77 करोड़ ट्रांजैक्शन की तुलना में चार गुना से अधिक वृद्धि है, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में इसकी तेज़ी से बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: UIDAI इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है और इसकी स्थापना 2009 में हुई थी।
उपयोग में तेज़ी
जून 2025 की तुलना में फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन में 22% की वृद्धि दर्ज की गई। 1 जुलाई 2025 को 1.22 करोड़ ऑथेंटिकेशन के साथ एक नया एक-दिवसीय रिकॉर्ड बना, जिसने 1 मार्च 2025 के 1.07 करोड़ के पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
क्षेत्रीय भागीदारी में विस्तार
वर्तमान में 150 से अधिक संगठन—केंद्रीय और राज्य विभाग, प्रमुख बैंक, दूरसंचार कंपनियां और तेल विपणन कंपनियां—आधार के एआई–संचालित फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफ़ॉर्म के साथ इसके एकीकरण ने इसे पूरे देश में आसानी से उपलब्ध कराया है।
स्थैतिक जीके तथ्य: आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान परियोजना है।
सामाजिक कल्याण वितरण में योगदान
यह तकनीक राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) में लाभार्थियों की कॉन्टैक्टलेस पहचान सुनिश्चित करने में अहम रही है। जुलाई में 13.66 लाख लाभार्थियों की पहचान फेस रिकग्निशन से सत्यापित हुई।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने 850 मेडिकल संस्थानों में फैकल्टी और स्टाफ की उपस्थिति दर्ज करने के लिए इसका उपयोग किया। भर्ती में, SSC और RRB जैसे संस्थान परीक्षाओं और नियुक्तियों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करते हैं।
बहु-प्रमाणीकरण तरीके
जुलाई 2025 में आधार के सभी प्रमाणीकरण मोड (बायोमेट्रिक, ओटीपी, फेस ऑथेंटिकेशन) मिलाकर कुल 221 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जो सालाना आधार पर 3.8% की वृद्धि है।
स्थैतिक जीके तथ्य: आधार जनसांख्यिकीय, बायोमेट्रिक और ओटीपी-आधारित सभी प्रकार के प्रमाणीकरण का समर्थन करता है।
ई-केवाईसी के लाभ
जुलाई 2025 में आधार-आधारित ई-केवाईसी के 39.56 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिससे मैनुअल कागज़ी कार्य घटा, ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया तेज़ हुई और बैंकिंग, वित्त और टेलीकॉम क्षेत्रों में दक्षता बढ़ी।
प्रभाव और प्रासंगिकता
आधार फेस ऑथेंटिकेशन का बढ़ता उपयोग इसे साबित करता है कि यह—
• नागरिकों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल पहचान ढांचा है।
• कल्याणकारी लाभ सही पात्र तक पहुँचाने की गारंटी है।
• निजी क्षेत्र में सेवाओं तक सहज पहुंच के लिए स्वैच्छिक उपकरण है।
• बार-बार दस्तावेज़ सत्यापन की आवश्यकता समाप्त कर जीवन को सरल बनाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण | 
| आधार प्रबंधन प्राधिकरण | भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) | 
| UIDAI स्थापना वर्ष | 2009 | 
| जुलाई 2025 में फेस ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन | 19.36 करोड़ | 
| जुलाई 2024 में ट्रांजैक्शन | 5.77 करोड़ | 
| जून 2025 की तुलना में वृद्धि | 22% | 
| एक-दिवसीय शिखर तिथि | 1 जुलाई 2025 | 
| एक-दिवसीय शिखर ट्रांजैक्शन | 1.22 करोड़ | 
| सिस्टम का उपयोग करने वाले संगठन | 150 से अधिक | 
| जुलाई 2025 में NSAP लाभार्थी सत्यापित | 13.66 लाख | 
| NMC के तहत मेडिकल संस्थान | 850 | 
| भर्ती एजेंसियाँ | SSC, RRB | 
| जुलाई 2025 में कुल आधार ऑथेंटिकेशन | 221 करोड़ | 
| सालाना वृद्धि | 3.8% | 
| जुलाई 2025 में ई-केवाईसी ट्रांजैक्शन | 39.56 करोड़ | 
| समर्थित प्लेटफ़ॉर्म | एंड्रॉइड और आईओएस | 
| विश्व की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी | आधार | 
				
															




