भाषा-समावेशी नवाचार की दिशा में बड़ा कदम
अटल इनोवेशन मिशन (AIM), जो नीति आयोग के तहत कार्य करता है, ने भाषिणी—इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की प्रमुख पहल—के साथ औपचारिक सहयोग किया है। नई दिल्ली में हुए इस समझौते का लक्ष्य स्थानीय भाषाओं में उद्यमिता को सक्षम बनाना है, ताकि सभी भाषाई पृष्ठभूमियों के नवप्रवर्तकों को समान अवसर मिल सकें।
स्थैतिक जीके तथ्य: AIM की स्थापना 2016 में नवाचार को बढ़ावा देने और भारत में उद्यमिता की संस्कृति विकसित करने के लिए की गई थी।
नवाचार इकोसिस्टम और भाषा प्रौद्योगिकी का संगम
इस साझेदारी के तहत, AIM के इनक्यूबेशन और कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर्स को भाषिणी के एआई-संचालित भाषा प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। इससे भारतीय भाषाओं में अधिक सहज नवप्रवर्तक प्रशिक्षण, मेंटरिंग और उत्पाद विकास गतिविधियों में पूरी तरह भाग ले सकेंगे।
AIM के मिशन निदेशक दीपक बगला और भाषिणी के सीईओ अमिताभ नाग ने इस पहल को शुरू करने के लिए स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट (SoI) पर हस्ताक्षर किए।
वैश्विक ज्ञान को भारतीय भाषाओं में लाना
इस सहयोग का एक तत्काल कदम विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) अकादमी के शिक्षण संसाधनों का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद करना होगा। इससे नवप्रवर्तकों को अपनी मातृभाषा में बौद्धिक संपदा और नवाचार प्रबंधन समझने में मदद मिलेगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता देता है।
जमीनी स्तर के नवाचार ढांचे को सशक्त करना
यह पहल भाषिणी के टूल्स को अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स (AICs), अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर्स (ACICs) और नए प्रस्तावित भाषा समावेशी कार्यक्रम फॉर इनोवेशन (LIPI) सेंटर्स तक विस्तारित करेगी। ये केंद्र ग्रामीण और अर्ध-शहरी उद्यमियों को कौशल विकास, तकनीकी पहुंच और मेंटरशिप प्रदान करेंगे।
स्थैतिक जीके तथ्य: ACICs का उद्देश्य वंचित क्षेत्रों में समस्या-समाधान और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम बहुभाषी गेमिफाइड लर्निंग मॉड्यूल बनाने और स्टार्टअप्स को विभिन्न भाषाई बाजारों के लिए उत्पाद विकसित करने व परीक्षण करने हेतु सैंडबॉक्स वातावरण प्रदान करने की योजना बना रहा है।
उद्यमिता में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा
राष्ट्रीय नवाचार ढांचे में भाषा पहुंच को शामिल करके, AIM और भाषिणी डिजिटल खाई को पाटने और उद्यमिता के अवसरों को अधिक न्यायसंगत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे भाषाई अल्पसंख्यकों और बड़े शहरों से बाहर के नवप्रवर्तकों को विशेष रूप से लाभ मिलने की उम्मीद है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भाषिणी मिशन राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराना है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण | 
| साझेदारी | AIM (नीति आयोग) और भाषिणी (MeitY) | 
| हस्ताक्षर स्थल | नई दिल्ली | 
| AIM स्थापना वर्ष | 2016 | 
| प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता | दीपक बगला (AIM), अमिताभ नाग (भाषिणी) | 
| मुख्य उद्देश्य | भारतीय भाषाओं में नवाचार को बढ़ावा देना | 
| WIPO सहभागिता | शैक्षिक संसाधनों का अनुवाद उपलब्ध कराना | 
| शामिल अवसंरचना | AICs, ACICs, LIPI केंद्र | 
| भाषाएं | कई भारतीय भाषाएं | 
| संबंधित सरकारी मिशन | राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन | 
| अपेक्षित परिणाम | भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए व्यापक नवाचार पहुंच | 
				
															




