सितम्बर 13, 2025 5:37 अपराह्न

पर्यावरणीय प्रभाव आकलन नियम

चालू घटनाएँ: पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006, वनशक्ति बनाम भारत संघ, पर्यावरणीय मंजूरी, निर्माण परियोजनाएं, पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी, श्रेणी A, श्रेणी B, राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण (SEIAA), मंजूरी प्रक्रिया

Environmental Impact Assessment Rules

पृष्ठभूमि

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई उस छूट को अवैध करार दिया है, जिसमें उद्योगिक शेड, स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल जैसी बड़ी इमारतों को केवल पर्यावरण-अनुकूल दिशानिर्देशों के पालन के आधार पर पर्यावरणीय मंजूरी से छूट दी गई थी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि 20,000 वर्ग मीटर से बड़ी सभी परियोजनाओं का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए उन्हें EIA अधिसूचना 2006 के तहत पर्यावरणीय मंजूरी लेनी ही होगी।

EIA अधिसूचना 2006 की मुख्य बातें

Static GK fact: EIA अधिसूचना, 2006 भारत में पर्यावरणीय मंजूरी का प्रमुख कानूनी ढांचा है, जो पर्यावरण पर प्रभाव डालने वाली परियोजनाओं के लिए लागू होता है।
इसके तहत 20,000 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली सभी निर्माण परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी (Prior Environmental Clearance) लेना अनिवार्य है।

परियोजनाओं का वर्गीकरण

  • श्रेणी A (Category A): बड़ी या उच्च प्रभाव वाली परियोजनाएं होती हैं, जिनकी मंजूरी केंद्रीय सरकार देती है।
  • श्रेणी B (Category B): मध्यम स्तर की परियोजनाएं होती हैं, जिनकी मंजूरी संबंधित राज्य पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) देता है।

किस पर लागू होता है यह नियम

यह फैसला सुनिश्चित करता है कि सभी प्रकार की बड़ी निर्माण परियोजनाएं (रिहायशी, शैक्षणिक, औद्योगिक आदि) यदि 20,000 वर्ग मीटर से अधिक हों, तो उन्हें पर्यावरणीय मंजूरी लेनी ही होगी।
अब पर्यावरणअनुकूल कहकर छूट लेने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है।

कानूनी और नियामक महत्व

न्यायालय का यह निर्णय इस बात को दोहराता है कि सिर्फ इरादा पर्यावरणअनुकूल होने का काफी नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है। यह EIA 2006 अधिसूचना के तहत नियमन की आवश्यकता को फिर से स्थापित करता है ताकि भारत की पारिस्थितिकीय सुरक्षा बनी रहे।

निष्कर्ष

अब से कोई भी बड़ी निर्माण परियोजना (≥20,000 वर्ग मीटर) बिना मंजूरी शुरू नहीं की जा सकती। श्रेणी A परियोजनाओं को केंद्र, और श्रेणी B परियोजनाओं को राज्य प्राधिकरण से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी लेनी जरूरी है। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कुछ बड़ी निर्माण परियोजनाओं को दी गई छूट अवैध घोषित
मंजूरी की सीमा ≥20,000 वर्ग मीटर वाली परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य
मंजूरी प्राधिकारी श्रेणी A → केंद्र सरकार, श्रेणी B → राज्य SEIAA
नियामक पुष्टि सभी बड़ी परियोजनाओं को EIA अधिसूचना 2006 का पालन करना होगा
Environmental Impact Assessment Rules
  1. सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ बड़ी परियोजनाओं के लिए छूट रद्द कर दी।
  2. 20,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली परियोजनाओं के लिए पूर्व पर्यावरणीय मंज़ूरी (ईसी) आवश्यक है।
  3. पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006 द्वारा शासित।
  4. श्रेणी ‘ए’ को केंद्र सरकार द्वारा मंज़ूरी दी गई।
  5. श्रेणी ‘बी’ को राज्य स्तर पर एसईआईएए द्वारा मंज़ूरी दी गई।
  6. आवासीय, शैक्षणिक और औद्योगिक परियोजनाओं पर लागू।
  7. पर्यावरण-अनुकूल इरादे ही छूट के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
  8. अनुमोदन से पहले पर्यावरणीय जाँच सुनिश्चित करता है।
  9. वनशक्ति बनाम भारत संघ मामला इस फैसले का मुख्य आधार है।
  10. सभी बड़ी परियोजनाओं के लिए एक समान मंज़ूरी नियम लागू हैं।
  11. पर्यावरण संरक्षण ढाँचे को मज़बूत करता है।
  12. पर्यावरण प्रभाव आकलन मानकों की अनदेखी को रोकता है।
  13. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला कानूनी स्थिरता को मज़बूत करता है।
  14. अनियंत्रित शहरीकरण से पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करता है।
  15. मनमानी छूट को समाप्त करता है।
  16. निर्माण क्षेत्र की सीमा 20,000 वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।
  17. मंजूरी प्रक्रिया जोखिम न्यूनीकरण सुनिश्चित करती है।
  18. नियामक निरीक्षण के महत्व की पुष्टि करता है।
  19. ए और बी दोनों श्रेणियों को ईसी मानदंडों का पालन करना होगा।
  20. सतत विकास सिद्धांतों का समर्थन करता है।

Q1. भारत में पर्यावरण स्वीकृतियों को नियंत्रित करने वाली अधिसूचना किस वर्ष की है?


Q2. किस क्षेत्रफल से बड़े परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति लेना आवश्यक है?


Q3. EIA अधिसूचना के तहत श्रेणी A परियोजनाओं को कौन मंजूरी देता है?


Q4. किस मुकदमे के कारण सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण संबंधी छूट को रद्द किया?


Q5. SEIAA (राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण) की भूमिका क्या है?


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