पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दी गई उस छूट को अवैध करार दिया है, जिसमें उद्योगिक शेड, स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल जैसी बड़ी इमारतों को केवल पर्यावरण-अनुकूल दिशानिर्देशों के पालन के आधार पर पर्यावरणीय मंजूरी से छूट दी गई थी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि 20,000 वर्ग मीटर से बड़ी सभी परियोजनाओं का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए उन्हें EIA अधिसूचना 2006 के तहत पर्यावरणीय मंजूरी लेनी ही होगी।
EIA अधिसूचना 2006 की मुख्य बातें
Static GK fact: EIA अधिसूचना, 2006 भारत में पर्यावरणीय मंजूरी का प्रमुख कानूनी ढांचा है, जो पर्यावरण पर प्रभाव डालने वाली परियोजनाओं के लिए लागू होता है।
इसके तहत 20,000 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली सभी निर्माण परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी (Prior Environmental Clearance) लेना अनिवार्य है।
परियोजनाओं का वर्गीकरण
- श्रेणी A (Category A): बड़ी या उच्च प्रभाव वाली परियोजनाएं होती हैं, जिनकी मंजूरी केंद्रीय सरकार देती है।
- श्रेणी B (Category B): मध्यम स्तर की परियोजनाएं होती हैं, जिनकी मंजूरी संबंधित राज्य पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) देता है।
किस पर लागू होता है यह नियम
यह फैसला सुनिश्चित करता है कि सभी प्रकार की बड़ी निर्माण परियोजनाएं (रिहायशी, शैक्षणिक, औद्योगिक आदि) यदि 20,000 वर्ग मीटर से अधिक हों, तो उन्हें पर्यावरणीय मंजूरी लेनी ही होगी।
अब पर्यावरण–अनुकूल कहकर छूट लेने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है।
कानूनी और नियामक महत्व
न्यायालय का यह निर्णय इस बात को दोहराता है कि सिर्फ इरादा पर्यावरण–अनुकूल होने का काफी नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया का पालन आवश्यक है। यह EIA 2006 अधिसूचना के तहत नियमन की आवश्यकता को फिर से स्थापित करता है ताकि भारत की पारिस्थितिकीय सुरक्षा बनी रहे।
निष्कर्ष
अब से कोई भी बड़ी निर्माण परियोजना (≥20,000 वर्ग मीटर) बिना मंजूरी शुरू नहीं की जा सकती। श्रेणी A परियोजनाओं को केंद्र, और श्रेणी B परियोजनाओं को राज्य प्राधिकरण से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी लेनी जरूरी है। इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय | कुछ बड़ी निर्माण परियोजनाओं को दी गई छूट अवैध घोषित |
मंजूरी की सीमा | ≥20,000 वर्ग मीटर वाली परियोजनाओं को पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी अनिवार्य |
मंजूरी प्राधिकारी | श्रेणी A → केंद्र सरकार, श्रेणी B → राज्य SEIAA |
नियामक पुष्टि | सभी बड़ी परियोजनाओं को EIA अधिसूचना 2006 का पालन करना होगा |