भारत की हाइड्रोजन क्रांति की शुरुआत
गुजरात के कांडला बंदरगाह पर भारत के पहले स्वदेशी 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की शुरुआत के साथ, देश ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। यह परियोजना भारत के हरित बंदरगाह अवसंरचना और सतत विकास लक्ष्य का प्रतिनिधित्व करती है।
देदयाल पोर्ट प्राधिकरण की पहल
इस संयंत्र का निर्माण देदयाल पोर्ट प्राधिकरण (DPA) द्वारा किया गया है और इसका उद्घाटन केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। यह भारत के किसी भी बंदरगाह पर शुरू किया गया पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट है। विशेष बात यह है कि यह परियोजना केवल 4 महीनों में पूरी की गई।
Static GK Fact: कांडला पोर्ट, जिसे अब देदयाल पोर्ट के नाम से जाना जाता है, भारत के सबसे बड़े मालवाहक बंदरगाहों में से एक है।
‘मेक इन इंडिया’ इलेक्ट्रोलाइज़र से निर्मित
इस संयंत्र में उपयोग हुआ इलेक्ट्रोलाइज़र पूरी तरह से भारत में निर्मित है, जिससे यह परियोजना 100% स्वदेशी बन गई है। यह भारत की क्लीन एनर्जी में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है।
बंदरगाह क्षेत्र में हरित गतिशीलता को बढ़ावा
प्रारंभिक चरण में संयंत्र से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग 11 बसों और स्ट्रीट लाइटिंग के लिए किया जाएगा। भविष्य में इसका विस्तार टग्स, पोर्ट वाहनों और जहाजों तक किया जाएगा, जिससे बंदरगाह के कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।
10 मेगावाट लक्ष्य की ओर कदम
वर्तमान 1MW यूनिट के बाद, 5MW की अतिरिक्त क्षमता को FY 2025–26 के अंत तक चालू किया जाएगा, और पूरी 10MW इकाई को वर्ष 2026 के मध्य तक शुरू करने का लक्ष्य है। पूर्ण क्षमता पर संयंत्र से प्रति वर्ष 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादित होगा।
Static GK Tip: जब हाइड्रोजन को सौर या पवन ऊर्जा से उत्पादित किया जाता है, तो वह शून्य उत्सर्जन ईंधन (zero-emission fuel) होता है।
समुद्री क्षेत्र के डीकार्बनाइजेशन की दिशा में
यह परियोजना भारत के जलवायु लक्ष्यों और हरित शिपिंग रणनीति का सटीक उदाहरण है। हाइड्रोजन से शिपिंग, ट्रक और औद्योगिक बॉयलर में डीज़ल और कोयले की निर्भरता को कम किया जा सकता है।
Static GK Fact: भारत ने 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक हरित हाइड्रोजन हब बनाना है।
पीएम मोदी द्वारा रखी गई आधारशिला
इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2025 को भुज में रखी थी। केंद्र सरकार ने इसे भविष्य की हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए आदर्श मॉडल माना है, जिससे अन्य भारतीय बंदरगाहों पर भी इसी तरह की हरित परियोजनाओं का विस्तार हो सकेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
संयंत्र का स्थान | कांडला, गुजरात |
निर्माण एजेंसी | देेंदयाल पोर्ट प्राधिकरण (DPA) |
उद्घाटन किया | सर्बानंद सोनोवाल |
आधारशिला रखी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (26 मई 2025, भुज) |
प्रारंभिक क्षमता | 1 मेगावाट (1MW) |
लक्षित क्षमता | 10 मेगावाट (2026 तक) |
वार्षिक उत्पादन लक्ष्य | 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन |
उपयोग | बसें, स्ट्रीट लाइट, टग्स, जहाज आदि |
इलेक्ट्रोलाइज़र स्रोत | स्वदेशी रूप से निर्मित (Make in India) |
स्थैतिक तथ्य | राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन – वर्ष 2023 में लॉन्च |