जनगणना की घोषणा
भारत की अगली जनसंख्या जनगणना 2027 में दो प्रमुख चरण होंगे और इसका अंतिम डेटा 1 मार्च 2027 तक अपेक्षित है। गृह मंत्रालय द्वारा यह घोषणा की गई, जिससे एक दशक से रुकी यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया फिर से शुरू हो रही है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी और 2021 में प्रस्तावित जनगणना COVID-19 के कारण स्थगित कर दी गई थी।
इस बार की जनगणना डिजिटल–फर्स्ट होगी और इसमें जातिगत गणना भी की जाएगी—जो 1931 के बाद पहली बार आधिकारिक रूप से होगी।
जनगणना के दो चरण
जनगणना 2027 दो चरणों में की जाएगी:
• चरण I – मकान सूचीकरण: हर इमारत (स्थायी या अस्थायी) की जानकारी जैसे बिजली, पानी, शौचालय, स्वामित्व दर्ज की जाएगी।
• चरण II – जनसंख्या गणना: प्रत्येक व्यक्ति की नाम, आयु, लिंग, पेशा और जाति से संबंधित जानकारी ली जाएगी। इसमें नागरिकों के साथ भारत में रह रहे विदेशी भी गिने जाएंगे।
महत्वपूर्ण तिथियां
जनगणना की संदर्भ तिथि (डेटा संग्रह की कट-ऑफ) दो भागों में विभाजित है:
• 1 अक्टूबर 2026: लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के लिए
• 1 मार्च 2027: भारत के शेष हिस्सों के लिए
पहली बार डिजिटल जनगणना
भारत में पहली बार जनगणना डिजिटल रूप में की जाएगी। कागज़ी फॉर्म के बजाय गणनाकर्ता मोबाइल एप्लिकेशन और टैबलेट का उपयोग करेंगे। इससे प्रक्रिया तेज़ और सटीक होगी।
संवैधानिक और कानूनी ढांचा
जनगणना भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अंतर्गत आती है, जो इसे संघ सूची (प्रविष्टि 69) में रखती है। इसे जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त करते हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत में जनगणना का इतिहास 1872 से शुरू होता है, जबकि पहली संपूर्ण एकसमान (सिंक्रोनाइज़्ड) जनगणना 1881 में डब्ल्यू.सी. प्लाउडन के नेतृत्व में हुई थी।
स्वतंत्रता के बाद यह 8वीं जनगणना होगी और कुल मिलाकर 16वीं दशकवार जनगणना।
जनगणना क्यों ज़रूरी है?
जनगणना केवल जनसंख्या गिनती नहीं है, यह नीति निर्माण, आर्थिक प्रगति की निगरानी, और शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य में कमियों की पहचान के लिए आधार है।
इस बार जातिगत आंकड़ों के शामिल होने से सामाजिक न्याय, आरक्षण नीति, और कल्याण योजनाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पिछली पूरी जनगणना | 2011 |
स्थगित जनगणना वर्ष | 2021 (कोविड के कारण) |
जनगणना अधिनियम | जनगणना अधिनियम, 1948 |
डिजिटल जनगणना | पहली बार 2027 में |
जनगणना प्रमुख | रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त |
संविधान अनुच्छेद | अनुच्छेद 246, संघ सूची, प्रविष्टि 69 |
पहली पूर्ण जनगणना | 1881 (डब्ल्यू.सी. प्लाउडन द्वारा) |
जातिगत डेटा अंतिम बार | 1931 |
कुल दशकवार जनगणनाएं | 16 कुल; 8 स्वतंत्रता के बाद |
प्रारंभिक जनगणना क्षेत्र | जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड (1 अक्टूबर 2026) |
भारत के लिए संदर्भ तिथि | 1 मार्च 2027 |