दीव: 100% सौर ऊर्जा पर चलने वाला भारत का पहला जिला
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार किया है—दीव देश का पहला ऐसा जिला बन गया है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से अपनी बिजली की जरूरतें पूरी करता है। यह उपलब्धि ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना‘ के सफल कार्यान्वयन से संभव हो सकी, जो घर की छतों पर सोलर पैनल लगाने को प्रोत्साहित करने वाली एक राष्ट्रीय योजना है। यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली विचार है: हर घर अपनी छत पर बिजली पैदा करे।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना क्या है?
यह योजना केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) चला रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि घरों को सोलर पैनल लगाने के लिए 40% तक सब्सिडी दी जाए। इससे मध्यम वर्गीय और निम्न आय वाले परिवारों के लिए सोलर पैनल किफायती बन जाते हैं। मतलब – दो–तिहाई कीमत पर सालों तक मुफ्त बिजली!
योजना के लाभ और प्रभाव
यह योजना देशभर के 1 करोड़ घरों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखती है, जो सरकार की हरित ऊर्जा के प्रति गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही यह 3 लाख से अधिक कुशल रोजगार भी पैदा करेगी, क्योंकि इसके अंतर्गत सोलर तकनीक में प्रशिक्षण और अपस्किलिंग कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इससे भारत में ग्रीन जॉब्स को एक नई पहचान मिलेगी।
भारत के लिए क्यों है यह योजना अहम?
भारत तेजी से अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ा रहा है। बढ़ती बिजली की मांग और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए सौर ऊर्जा अब ऊर्जा मिश्रण का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। दीव की सफलता यह दिखाती है कि सरकारी प्रोत्साहन और स्थानीय सहभागिता से आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ समाधान बनाए जा सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना |
योजना प्रकार | केंद्रीय क्षेत्र योजना |
मंत्रालय | नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) |
प्रमुख लाभ | सोलर पैनल पर 40% तक सब्सिडी |
लक्षित लाभार्थी | 1 करोड़ घर |
रोजगार सृजन | 3 लाख से अधिक कुशल नौकरियाँ |
प्रमुख उपलब्धि | दीव जिला 100% सौर ऊर्जा से संचालित |
महत्त्व | स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास को बढ़ावा |