अगस्त 1, 2025 7:08 अपराह्न

C-FLOOD: बाढ़ प्रबंधन के लिए एकीकृत पूर्वानुमान प्रणाली

चालू घटनाएँ: C-FLOOD, जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, C-DAC पुणे, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन, बाढ़ पूर्वानुमान, 2D बाढ़ मॉडलिंग, NRSC, गांव स्तर अलर्ट, NDEM

C-FLOOD Unified Forecasting System for Flood Management

C-FLOOD क्या है?

C-FLOOD एक उन्नत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली है जिसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है। यह वेबआधारित एकीकृत प्लेटफॉर्म है जो गांव स्तर तक दो दिन पहले बाढ़ की चेतावनी जारी करता है। इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन एजेंसियों को पहले से योजना बनाने में मदद करना है।

यह प्रणाली राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्रोतों से डेटा लेकर एकीकृत पूर्वानुमान समाधान प्रदान करती है, जो कई प्रशासनिक स्तरों पर काम करता है।

इसे किन एजेंसियों ने बनाया?

C-FLOOD को इन प्रमुख संस्थाओं ने मिलकर विकसित किया है:

  • C-DAC पुणे (Centre for Development of Advanced Computing)
  • केंद्रीय जल आयोग (CWC) – भारत की प्रमुख बाढ़ पूर्वानुमान संस्था
  • जल संसाधन विभाग, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार
  • राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र (NRSC)

यह परियोजना राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के अंतर्गत विकसित की गई है।

Static GK Fact: राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (2015) में MeitY और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) शामिल हैं।

प्रणाली की मुख्य विशेषताएं

C-FLOOD में 2D हाइड्रोडायनामिक बाढ़ मॉडलिंग का उपयोग किया गया है, जिससे वास्तविक समय में बाढ़ की स्थिति को मॉडल किया जा सकता है। यह जल स्तर और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नक्शे तैयार करता है जिससे स्थानीय अधिकारी समय पर कार्रवाई कर सकें।

फिलहाल यह प्रणाली महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियों को कवर करती है। भविष्य में इसे सभी नदी घाटियों में विस्तार करने की योजना है।

Static GK Fact: भारत का लगभग 12% भूभाग (40 मिलियन हेक्टेयर) बाढ़ की चपेट में रहता है।

आपातकालीन नेटवर्क से एकीकरण

C-FLOOD का डेटा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आपात प्रतिक्रिया पोर्टल (NDEM) में फीड किया जाता है, जिससे आपदा प्रबंधन टीमें रीयल टाइम में इन पूर्वानुमानों का उपयोग कर सकती हैं।

Static GK Tip: NDEM, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अंतर्गत कार्यरत एक केंद्रीय पोर्टल है।

राष्ट्रीय स्तर पर इसका महत्व

जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते मामलों के कारण, C-FLOOD जैसे सिस्टम जीवन, बुनियादी ढांचे और कृषि की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हो गए हैं। यह प्रणाली भारत के तकनीकी आधारित आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण का प्रतीक है।

यह देश में सुपरकंप्यूटिंग और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)

विषय विवरण
C-FLOOD का पूर्ण रूप Comprehensive Flood Forecasting System
विकासकर्ता संस्थाएं C-DAC पुणे, CWC, NRSC, जल शक्ति मंत्रालय
उद्देश्य एकीकृत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली
पूर्वानुमान अवधि 2 दिन पहले, गांव स्तर तक सटीक
तकनीक 2D हाइड्रोडायनामिक मॉडलिंग
वर्तमान कवरेज महानदी, गोदावरी, तापी नदी घाटियां
विस्तार योजना सभी भारतीय नदी घाटियों में लागू करना
NSM प्रारंभ वर्ष 2015
NSM कार्यान्वयन मंत्रालय MeitY और DST
एकीकृत पोर्टल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आपात प्रतिक्रिया पोर्टल (NDEM)
C-FLOOD Unified Forecasting System for Flood Management
  1. C-FLOOD जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक उन्नत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली है।
  2. यह गांव-स्तरीय स्थानिक संकल्प के साथ दो दिन पहले बाढ़ की चेतावनी प्रदान करती है।
  3. राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत C-DAC पुणे, CWC और NRSC द्वारा विकसित।
  4. 2015 में शुरू की गई NSM, MeitY और DST की एक संयुक्त पहल है।
  5. 2D हाइड्रोडायनामिक बाढ़ मॉडलिंग बाढ़ परिदृश्यों के यथार्थवादी सिमुलेशन को सक्षम बनाती है।
  6. जल स्तर अनुमानों और जलप्लावन मानचित्रों के साथ आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों का समर्थन करती है।
  7. प्रारंभिक चरण में महानदी, गोदावरी और तापी नदी घाटियों को कवर करती है।
  8. भविष्य में पूरे भारत में सभी नदी घाटियों तक विस्तार करने की योजना है।
  9. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन आपातकालीन प्रतिक्रिया पोर्टल (NDEM) में वास्तविक समय का डेटा फीड करती है।
  10. एनडीईएम का संचालन एनडीएमए द्वारा किया जाता है और यह आपातकालीन योजना बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाता है।
  11. भारत की 12% से अधिक भूमि या 40 मिलियन हेक्टेयर बाढ़-प्रवण है।
  12. सी-फ्लड राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर एकीकृत पूर्वानुमान प्रदान करता है।
  13. कृषि, बुनियादी ढांचे और मानव जीवन को अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं से बचाने में मदद करता है।
  14. यह प्रणाली तकनीक-संचालित आपदा तैयारी और प्रारंभिक चेतावनी क्षमता को बढ़ाती है।
  15. यह सटीक, समय पर पूर्वानुमान के साथ जलवायु-लचीली योजना का समर्थन करता है।
  16. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प विभाग एक प्रमुख भागीदार है।
  17. बाढ़ की घटनाओं के दौरान नुकसान को कम करने के लिए ग्राम-स्तरीय अलर्ट की उम्मीद है।
  18. रिमोट सेंसिंग, जीआईएस उपकरण और सुपरकंप्यूटिंग तकनीक का उपयोग करता है।
  19. सी-फ्लड सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भारत के अत्याधुनिक डिजिटल समाधानों के उपयोग को दर्शाता है।
  20. यह बाढ़ प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और प्रशासन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

Q1. भारत की नई बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली में C-FLOOD का पूरा नाम क्या है?


Q2. राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत C-FLOOD प्रणाली किस संस्था द्वारा विकसित की गई है?


Q3. C-FLOOD प्रणाली की पूर्वानुमान क्षमता कितनी अवधि तक है?


Q4. C-FLOOD के प्रारंभिक चरण में किन नदी घाटियों को शामिल किया गया है?


Q5. आपदा प्रतिक्रिया समन्वय के लिए C-FLOOD का रीयल-टाइम डेटा किस पोर्टल में जोड़ा गया है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF July 31

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.