हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज पहल से हरित क्रांति को बल
भारतीय रेलवे ने Hydrogen for Heritage पहल के तहत 35 हाइड्रोजन चालित ट्रेनों को पहाड़ी और विरासती मार्गों पर तैनात करने की योजना शुरू की है। यह पहल राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा है, जो शून्य उत्सर्जन आधारित परिवहन की दिशा में भारत के प्रयासों को दर्शाता है। वर्ष 2023 में चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
विश्व की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन रेल इंजन
इन ट्रेनों में 1,200 हॉर्सपावर का इंजन लगाया गया है, जो वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन रेल इंजन माना जा रहा है। हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक द्वारा संचालित ये ट्रेनें केवल जल वाष्प छोड़ती हैं, जिससे प्रत्यक्ष CO₂ उत्सर्जन नहीं होता और यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
Static GK Fact: भारत एशिया के शुरुआती देशों में से एक है जिसने रेल परिवहन में हाइड्रोजन तकनीक का परीक्षण किया।
पर्यावरणीय लाभ और संचालन कुशलता
ग्रीन हाइड्रोजन की ऊर्जा घनता बैटरियों की तुलना में अधिक होती है, जिससे ट्रेनों को लंबे समय तक बिना बार-बार ईंधन भरवाए चलाया जा सकता है। एक डीजल इंजन की जगह हाइड्रोजन इंजन लगाने से साल भर में लगभग 400 कारों के बराबर कार्बन उत्सर्जन में कटौती होती है। इसके अलावा, इन ट्रेनों से ध्वनि और कंपन में भी कमी आती है, जिससे यात्रा का अनुभव बेहतर होता है।
अवसंरचना और उत्पादन की चुनौतियाँ
भारत में अधिकांश हाइड्रोजन अभी भी स्टीम मिथेन रिफॉर्मिंग से बनता है, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहते हैं और इसमें CO₂ उत्सर्जन होता है। प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) इलेक्ट्रोलाइज़र जैसे संयंत्रों की भारी कमी है, जो सौर और पवन ऊर्जा से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही रेलवे मार्गों पर ईंधन भरने और भंडारण की संरचना अपर्याप्त है, जिससे यह तकनीक सुचारू रूप से लागू नहीं हो पा रही है।
Static GK Tip: PEM इलेक्ट्रोलिसिस नवीकरणीय ऊर्जा से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की प्रमुख विधि है।
आगे की रणनीति: मुख्यधारा मार्गों की ओर
भारतीय रेलवे को इस पहल के विस्तार के लिए निम्नलिखित उपायों पर कार्य करना चाहिए:
- विरासती मार्गों के अलावा मुख्य रेल मार्गों पर पायलट प्रोजेक्ट्स का विस्तार
- हाइड्रोजन के भंडारण, परिवहन और रिफ्यूलिंग के लिए अवसंरचना का निर्माण
- कम यातायात वाले और दूरस्थ मार्गों को प्राथमिकता देना
- PSUs और अन्य मंत्रालयों के साथ सहयोग कर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाना
यदि यह पहल सही रूप में कार्यान्वित होती है, तो भारत हरित सार्वजनिक परिवहन का वैश्विक आदर्श बन सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज | विरासती मार्गों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की योजना |
पहला कोच परीक्षण | 2023, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई |
इंजन क्षमता | 1,200 HP – दुनिया का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन रेल इंजन |
उत्सर्जन लाभ | एक ट्रेन = 400 कारों के वार्षिक CO₂ उत्सर्जन में कटौती |
ईंधन प्रकार | हाइड्रोजन फ्यूल सेल (केवल जलवाष्प उत्सर्जन) |
वर्तमान हाइड्रोजन प्रकार | ग्रे हाइड्रोजन (स्टीम मिथेन रिफॉर्मिंग से) |
इलेक्ट्रोलाइज़र चुनौती | हाई-कैपेसिटी PEM संयंत्रों की कमी |
रणनीतिक फोकस | मुख्य मार्गों पर विस्तार, अवसंरचना निर्माण, PSUs सहयोग |
राष्ट्रीय मिशन जुड़ाव | राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का हिस्सा |
भंडारण समस्या | रेलवे में रिफ्यूलिंग और स्टोरेज संरचना की कमी |