ऐतिहासिक उत्तर भारतीय विजय
1025 ईस्वी में, राजराजा चोल के पुत्र राजेन्द्र चोलन प्रथम ने गंगा के मैदानों की ओर एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया। यह दक्षिण भारत के किसी शासक द्वारा किया गया सबसे साहसी अभियान माना जाता है।
बंगाल के महिपाल और कलिंग के शासकों पर विजय के साथ, चोलों ने तमिल साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा की चरम सीमा को दर्शाया।
गंगैकोंड चोलपुरम् की स्थापना
इस ऐतिहासिक जीत की स्मृति में, राजेन्द्र चोलन ने नई राजधानी “गंगैकोंड चोलपुरम्“ की स्थापना की, जो आज के तमिलनाडु के अरियालूर जिले में स्थित है।
उन्होंने “गंगैकोंड चोलन“ की उपाधि ग्रहण की, जिसका अर्थ है – “गंगा को लाने वाला चोल“।
उन्होंने गंगा जल को अपने नए शहर लाकर “चोल गंगम्” (अब पोननेरी झील) में अर्पित किया।
Static GK तथ्य: गंगैकोंड चोलपुरम् ने 1025 से 1279 ईस्वी तक चोलों की राजधानी के रूप में थंजावुर की जगह ली।
चोल वास्तुकला की भव्यता
शहर के केंद्र में स्थित गंगैकोंड चोलिश्वरम मंदिर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और “ग्रेट लिविंग चोल टेम्पल्स“ में शामिल है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चोल स्थापत्य की उत्कृष्ट मिसाल है।
हैरानी की बात यह है कि इस मंदिर पर राजेन्द्र चोलन के कोई शिलालेख नहीं हैं — इसके निर्माण का विवरण उनके पुत्र वीरा राजेन्द्र के अभिलेखों में मिलता है।
Static GK टिप: इस शहर के महल को अभिलेखों में “चोल–केरालन तिरुमालिगै“ कहा गया है।
शक्ति और संस्कृति का केंद्र
गंगैकोंड चोलपुरम् केवल राजधानी नहीं था, बल्कि 11वीं–12वीं शताब्दी में मदुरै और करूर के समकक्ष एक राजनीतिक, सांस्कृतिक और वाणिज्यिक केंद्र था।
यह शहर तुंगभद्रा से लेकर श्रीलंका (सेलोन) तक फैले विशाल क्षेत्र का प्रशासनिक संचालन करता था।
साहित्यिक और शिलालेखीय विरासत
राजेन्द्र चोलन की महानता और गंगैकोंड चोलपुरम् की भव्यता का विवरण तिरुवालंगाडु ताम्रपत्र, एसलम और करंथै शिलालेख, और ओट्टकर की “मुवर उल्ला“ में मिलता है।
इन अभिलेखों में विजय जल से भरी टंकी, राजधानी की रूपरेखा, और गंगा जल सिर पर लाने वाले पराजित राजाओं का उल्लेख मिलता है।
Static GK तथ्य: प्रसिद्ध युद्ध काव्य “कलिंगत्तुपरणि“ में इस शहर को “गंगापुरी“ कहा गया है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
राजेन्द्र चोलन का शासनकाल | 1012–1044 ईस्वी |
राजधानी स्थानांतरण | 1025 ईस्वी में गंगैकोंड चोलपुरम् |
पराजित राजा | बंगाल के महिपाल, कलिंग के शासक |
उपाधि | गंगैकोंड चोलन |
गंगा जल टंकी | चोल गंगम् (अब पोननेरी झील) |
शहर का उल्लेख | कलिंगत्तुपरणि, मुवर उल्ला |
मंदिर पर शिलालेख | केवल वीरा राजेन्द्र के द्वारा |
स्थापत्य धरोहर | गंगैकोंड चोलिश्वरम (यूनेस्को साइट) |
पूर्व चोल राजधानी | थंजावुर |
प्रभाव क्षेत्र | तुंगभद्रा से श्रीलंका (सेलोन) तक |