तमिलनाडु में नया प्रक्रिया ढांचा लागू
जुलाई 2025 में, तमिलनाडु सरकार ने CrPC की जगह लागू हुई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS) के अनुसार “तमिलनाडु दंड प्रक्रिया नियम, 2025″ को अधिसूचित किया।
इन नियमों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, समयबद्ध और अधिक उत्तरदायी बनाना है, जिसमें प्रौद्योगिकी आधारित साक्ष्य, डिजिटल समन और प्रोएक्टिव पुलिसिंग को प्राथमिकता दी गई है।
अब क्षेत्राधिकार से बाहर भी दर्ज हो सकती है FIR
नए नियमों के तहत, तमिलनाडु का कोई भी पुलिस स्टेशन अब cognisable अपराध की FIR दर्ज कर सकता है, चाहे अपराध उनके क्षेत्राधिकार के बाहर ही क्यों न हुआ हो।
हालांकि, नियम यह सुनिश्चित करता है कि FIR को 24 घंटे के भीतर इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक रूप से संबंधित पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित किया जाए।
Static GK तथ्य: संज्ञेय अपराध वे होते हैं जिनमें पुलिस मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना गिरफ्तार कर सकती है और जांच कर सकती है।
डिजिटल और ट्रैकेबल समन सेवा
अब अदालतें ईमेल, ओटीपी–प्रमाणित मोबाइल नंबर, SMS और WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से समन भेज सकती हैं।
इन समनों की डिजिटल डिलीवरी लॉग की जाती है और प्राप्ति का प्रमाण स्वतः रिकॉर्ड होता है। इससे कानूनी संचार में पारदर्शिता और गति आती है।
Static GK टिप: यदि प्रमाणित किया गया हो, तो इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत वैध साक्ष्य माना जाता है।
ई-साक्ष्य ऐप का अनिवार्य उपयोग
तमिलनाडु पुलिस के लिए अब eSakshya मोबाइल ऐप का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें पुलिस को:
ऑडियो–वीडियो साक्ष्य रिकॉर्ड करना,
फोटो अपलोड करना, और
SID पैकेट बनाना होगा—जो सुरक्षित, जियो–टैग्ड, टाइमस्टैम्प्ड, और हैश–सत्यापित होते हैं।
इससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना शून्य हो जाती है और न्यायालय में साक्ष्य की गुणवत्ता बढ़ती है।
तमिलनाडु पुलिस द्वारा प्लेटफॉर्म का परीक्षण
नए नियमों को लागू करने के लिए तमिलनाडु पुलिस ने तीन प्रमुख डिजिटल प्रणालियों का परीक्षण किया है:
• CCTNS-II – केंद्रीकृत अपराध और आपराधिक डेटा तक पहुँच
• eSakshya – डिजिटल साक्ष्य संकलन के लिए
• e-Summons – समन ट्रैकिंग और पुष्टि प्रणाली
इस एकीकरण से कागज़ आधारित प्रक्रियाओं से डिजिटल न्याय प्रणाली की ओर आसान संक्रमण सुनिश्चित हुआ है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
अधिसूचना तिथि | जुलाई 2025 |
उद्देश्य | BNSS 2023 के अनुरूप प्रक्रियात्मक बदलाव |
FIR नियम | क्षेत्राधिकार से बाहर FIR दर्ज, 24 घंटे में स्थानांतरण |
डिजिटल समन सेवा | ईमेल, ओटीपी नंबर, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म द्वारा |
eSakshya ऐप | ऑडियो-वीडियो साक्ष्य हेतु अनिवार्य |
SID पैकेट | सुरक्षित, जियो-टैग्ड, टाइमस्टैम्प्ड, हैश-वेरिफाइड साक्ष्य |
पुलिस सिस्टम परीक्षण | CCTNS-II, eSakshya, e-summons |
BNSS 2023 का महत्व | CrPC की जगह आधुनिक भारतीय संहिता लागू |
साक्ष्य लॉगिंग | डिजिटल, ट्रैकेबल और प्रमाण योग्य |
Static GK टिप | डिजिटल साक्ष्य भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत मान्य है |