समावेशन सूचकांक में उल्लेखनीय सुधार
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025 के लिए नया वित्तीय समावेशन सूचकांक (FI-Index) जारी किया गया है, जो FY24 के 64.2 से बढ़कर 67 हो गया है।
यह सुधार डिजिटल विस्तार, वित्तीय शिक्षा, और नीतिगत सुधारों के कारण सभी तीनों आयामों—पहुँच, उपयोग और गुणवत्ता में व्यापक प्रगति को दर्शाता है।
FI-Index की संरचना को समझना
FI-Index की रेंज 0 से 100 के बीच होती है, जिसमें 0 का अर्थ पूर्ण वित्तीय बहिष्करण और 100 का मतलब पूर्ण समावेशन होता है।
यह सूचकांक तीन प्रमुख मानदंडों पर आधारित है:
पहुँच (35%) – बैंक शाखाएं, एटीएम, बैंक मित्र केंद्र
उपयोग (45%) – खाते का नियमित उपयोग, ऋण लेना, मोबाइल लेनदेन
गुणवत्ता (20%) – वित्तीय साक्षरता, शिकायत निवारण, जागरूकता
Static GK तथ्य: FI-Index का कोई स्थिर आधार वर्ष नहीं होता, जिससे यह गति–आधारित और भविष्य केंद्रित माना जाता है।
बहु-क्षेत्रीय कवरेज और समावेशी प्रभाव
FI-Index पाँच क्षेत्रों को कवर करता है—बैंकिंग, बीमा, निवेश, पेंशन और डाक सेवाएँ।
इस वर्ष की प्रगति जन धन योजना, माइक्रो बीमा, अटल पेंशन योजना (APY) और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) जैसे प्रयासों से प्रेरित रही है।
Static GK टिप: 2014 में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने ग्रामीण भारत में खाता स्वामित्व बढ़ाने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई।
डिजिटल और साक्षरता पहलों की भूमिका
FI-Index में लगातार हो रही वृद्धि दर्शाती है कि RBI की Financial Literacy Week, SEBI जागरूकता अभियान, और PFRDA व IRDAI की पहलें प्रभावी रही हैं।
UPI, AePS, और मोबाइल वॉलेट जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपयोग की गहराई को बढ़ाया है।
Static GK तथ्य: अब तक 50 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 66% ग्रामीण या अर्ध–शहरी क्षेत्रों में हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नवीनतम FI-Index स्कोर (FY25) | 67 |
पिछला स्कोर (FY24) | 64.2 |
पहली बार जारी | 2021 |
जारीकर्ता संस्था | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) |
मानदंड | पहुँच (35%), उपयोग (45%), गुणवत्ता (20%) |
सूचकांक सीमा | 0 (बहिष्करण) से 100 (समावेशन) |
कवर किए गए क्षेत्र | बैंकिंग, बीमा, निवेश, पेंशन, डाक सेवाएँ |
जारी करने की आवृत्ति | प्रतिवर्ष, जुलाई में |
डिजिटल सहायक | UPI, AePS, मोबाइल वॉलेट |
प्रमुख समावेशन योजना | प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) |