जुलाई 26, 2025 11:17 अपराह्न

आंध्र प्रदेश हरित हाइड्रोजन परिवर्तन में अग्रणी

चालू घटनाएँ: आंध्र प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन वैली, हरित हाइड्रोजन घोषणा 2025, इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण, 1.5 मिलियन मीट्रिक टन, ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर, हाइड्रोजन उत्पादन लक्ष्य, एसआरएम अमरावती, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला

Andhra Pradesh Leads Green Hydrogen Transformation

हरित हाइड्रोजन मिशन को मिला नया बल

आंध्र प्रदेश सरकार नेग्रीन हाइड्रोजन वैली डिक्लेरेशन 2025″ जारी करते हुए खुद को भारत का प्रमुख हरित हाइड्रोजन केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इसका फोकस नवाचार, स्वदेशी निर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर है।

हाइड्रोजन नेतृत्व के लिए चार स्तंभ

घोषणा में चार प्रमुख उद्देश्य रखे गए हैं:
हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाना,
उद्योगिक आधारभूत ढांचा विकसित करना,
वैश्विक साझेदारियों को प्रोत्साहित करना,
और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना
यह भारत के 2070 तक नेटज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य से भी मेल खाता है।

इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता और उत्पादन लक्ष्य

राज्य का लक्ष्य 2029 तक 5 गीगावॉट की इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता स्थापित करना है। इन इलेक्ट्रोलाइज़रों से सौर और पवन ऊर्जा द्वारा हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
इसके साथ ही, हर वर्ष 1.5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया गया है।
Static GK तथ्य: इलेक्ट्रोलाइज़र जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करता है, जिससे कार्बन-रहित ईंधन प्राप्त होता है।

हरित ऊर्जा से लागत में कटौती

राज्य सरकार ₹460 प्रति किलो से हाइड्रोजन की लागत घटाकर ₹160–₹170 करना चाहती है।
यह उद्देश्य 25 GW की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना के माध्यम से हासिल किया जाएगा, जिससे स्थिर और कुशल विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण

2030 तक 60% इलेक्ट्रोलाइज़र और हाइड्रोजन भंडारण उपकरण आंध्र प्रदेश में ही बनाए जाएंगे।
इसके लिए 3 प्रमुख उत्पादन इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि और आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
Static GK टिप: भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जनवरी 2023 में ₹19,744 करोड़ की लागत से लॉन्च हुआ था।

नवीकरणीय संसाधनों की शक्ति

आंध्र प्रदेश के पास प्रचुर सौर, पवन और तटीय संसाधन हैं, जिनका उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयों को ऊर्जा देने के लिए किया जाएगा। यह राज्य को सतत और व्यापक उत्पादन की क्षमता प्रदान करता है।

नवाचार और साझेदारी को बढ़ावा

राज्य ने वैश्विक ऊर्जा कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर R&D को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
SRM यूनिवर्सिटी अमरावती में हाल ही में हुए ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

राष्ट्रीय ऊर्जा लक्ष्यों से तालमेल

यह घोषणा नीति, शासन और स्थिरता को एकीकृत कर भारत के ग्रीन एनर्जी और डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को सशक्त करती है।
यह अन्य राज्यों के लिए भी नवीनतम मॉडल प्रस्तुत करती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
ग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य वर्ष 2029
वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 1.5 मिलियन मीट्रिक टन
लागत कटौती लक्ष्य ₹160–170 प्रति किलोग्राम (₹460 से घटाकर)
इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण लक्ष्य 5 GW क्षमता (2029 तक)
स्थानीय घटक निर्माण 60% उत्पादन (2030 तक)
नियोजित उत्पादन इकाइयाँ 3 प्रमुख संयंत्र
प्रमुख आयोजन SRM विश्वविद्यालय अमरावती में ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन
विद्युत बुनियादी ढांचा योजना 25 GW ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर
नवीकरणीय संसाधन लाभ सौर, पवन और तटीय शक्ति
राष्ट्रीय मेल 2070 तक नेट-ज़ीरो और हाइड्रोजन मिशन का समर्थन
Andhra Pradesh Leads Green Hydrogen Transformation
  1. आंध्र प्रदेश ने 2025 में हरित हाइड्रोजन घाटी घोषणा की घोषणा की।
  2. 2029 तक प्रतिवर्ष 15 लाख मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य।
  3. 2029 तक 5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण क्षमता की योजना।
  4. सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
  5. हाइड्रोजन की लागत ₹460 से घटाकर ₹160-170/किग्रा की जाएगी।
  6. 25 गीगावाट का हरित ऊर्जा गलियारा हाइड्रोजन उत्पादन को शक्ति प्रदान करेगा।
  7. 2030 तक 60% हाइड्रोजन उपकरण स्थानीय स्तर पर निर्मित किए जाएँगे।
  8. राज्य में तीन प्रमुख हाइड्रोजन इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी।
  9. यह पहल 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का समर्थन करती है।
  10. एसआरएम विश्वविद्यालय अमरावती ने हरित हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
  11. 2025 के शिखर सम्मेलन में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  12. यह योजना स्थानीय रोज़गार और औद्योगिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है।
  13. इलेक्ट्रोलाइज़र हरित बिजली का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करते हैं।
  14. आंध्र प्रदेश में सौर, पवन और तटीय ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं।
  15. घरेलू विनिर्माण के माध्यम से मेक इन इंडिया का समर्थन करता है।
  16. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 2023 के साथ संरेखित है।
  17. इस मिशन का परिव्यय ₹19,744 करोड़ है।
  18. स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास में वैश्विक साझेदारी को प्रोत्साहित करता है।
  19. आंध्र प्रदेश भारत के शीर्ष हाइड्रोजन केंद्र के रूप में उभरा है।
  20. हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में अन्य भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श स्थापित करता है।

Q1. आंध्र प्रदेश का 2029 तक का वार्षिक ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन लक्ष्य क्या है?


Q2. हाइड्रोजन उत्पादन के लिए स्थिर बिजली आपूर्ति हेतु कौन सा अवसंरचना समर्थन करेगा?


Q3. 2029 तक प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन की लागत घटाकर कितनी करने का लक्ष्य है?


Q4. ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन की मेज़बानी किस विश्वविद्यालय ने की थी?


Q5. 2030 तक इलेक्ट्रोलाइज़र घटकों का कितना प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित किया जाएगा?


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