हरित हाइड्रोजन मिशन को मिला नया बल
आंध्र प्रदेश सरकार ने “ग्रीन हाइड्रोजन वैली डिक्लेरेशन 2025″ जारी करते हुए खुद को भारत का प्रमुख हरित हाइड्रोजन केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इसका फोकस नवाचार, स्वदेशी निर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर है।
हाइड्रोजन नेतृत्व के लिए चार स्तंभ
घोषणा में चार प्रमुख उद्देश्य रखे गए हैं:
हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाना,
उद्योगिक आधारभूत ढांचा विकसित करना,
वैश्विक साझेदारियों को प्रोत्साहित करना,
और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना।
यह भारत के 2070 तक नेट–ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य से भी मेल खाता है।
इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता और उत्पादन लक्ष्य
राज्य का लक्ष्य 2029 तक 5 गीगावॉट की इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण क्षमता स्थापित करना है। इन इलेक्ट्रोलाइज़रों से सौर और पवन ऊर्जा द्वारा हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
इसके साथ ही, हर वर्ष 1.5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया गया है।
Static GK तथ्य: इलेक्ट्रोलाइज़र जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करता है, जिससे कार्बन-रहित ईंधन प्राप्त होता है।
हरित ऊर्जा से लागत में कटौती
राज्य सरकार ₹460 प्रति किलो से हाइड्रोजन की लागत घटाकर ₹160–₹170 करना चाहती है।
यह उद्देश्य 25 GW की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना के माध्यम से हासिल किया जाएगा, जिससे स्थिर और कुशल विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण
2030 तक 60% इलेक्ट्रोलाइज़र और हाइड्रोजन भंडारण उपकरण आंध्र प्रदेश में ही बनाए जाएंगे।
इसके लिए 3 प्रमुख उत्पादन इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि और आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
Static GK टिप: भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जनवरी 2023 में ₹19,744 करोड़ की लागत से लॉन्च हुआ था।
नवीकरणीय संसाधनों की शक्ति
आंध्र प्रदेश के पास प्रचुर सौर, पवन और तटीय संसाधन हैं, जिनका उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयों को ऊर्जा देने के लिए किया जाएगा। यह राज्य को सतत और व्यापक उत्पादन की क्षमता प्रदान करता है।
नवाचार और साझेदारी को बढ़ावा
राज्य ने वैश्विक ऊर्जा कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर R&D को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
SRM यूनिवर्सिटी अमरावती में हाल ही में हुए ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय ऊर्जा लक्ष्यों से तालमेल
यह घोषणा नीति, शासन और स्थिरता को एकीकृत कर भारत के ग्रीन एनर्जी और डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को सशक्त करती है।
यह अन्य राज्यों के लिए भी नवीनतम मॉडल प्रस्तुत करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
ग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य वर्ष | 2029 |
वार्षिक उत्पादन लक्ष्य | 1.5 मिलियन मीट्रिक टन |
लागत कटौती लक्ष्य | ₹160–170 प्रति किलोग्राम (₹460 से घटाकर) |
इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण लक्ष्य | 5 GW क्षमता (2029 तक) |
स्थानीय घटक निर्माण | 60% उत्पादन (2030 तक) |
नियोजित उत्पादन इकाइयाँ | 3 प्रमुख संयंत्र |
प्रमुख आयोजन | SRM विश्वविद्यालय अमरावती में ग्रीन हाइड्रोजन सम्मेलन |
विद्युत बुनियादी ढांचा योजना | 25 GW ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर |
नवीकरणीय संसाधन लाभ | सौर, पवन और तटीय शक्ति |
राष्ट्रीय मेल | 2070 तक नेट-ज़ीरो और हाइड्रोजन मिशन का समर्थन |