पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर भारतीय खेल
भारत के खेल प्रशासन में लंबे समय से पारदर्शिता की कमी, कानूनी अस्पष्टता और विशिष्ट वर्गों का प्रभुत्व रहा है, विशेषकर क्रिकेट में। राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 सभी खेल महासंघों के लिए एक समान कानूनी ढांचा तैयार करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
इस विधेयक का प्रमुख बिंदु BCCI को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में मान्यता देना और उसे सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लाना है।
BCCI को RTI के दायरे में लाना क्यों महत्वपूर्ण है
BCCI दुनिया के सबसे समृद्ध क्रिकेट बोर्डों में से एक है, फिर भी यह अब तक RTI के दायरे से बाहर था क्योंकि यह सरकारी फंडिंग नहीं लेता था। यह कानूनी छूट अब समाप्त की जा रही है।
यह विधेयक भारत की वैश्विक खेल मानकों के अनुरूप होने की मंशा को दर्शाता है, विशेषकर जब T20 क्रिकेट 2028 लॉस एंजेलेस ओलंपिक में पदार्पण कर रहा है और भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी का इच्छुक है।
Static GK तथ्य: सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) 2005 में पारित हुआ था, जिससे सरकारी निकायों में पारदर्शिता बढ़ाई गई।
विधेयक के मुख्य उद्देश्य
इस विधेयक का लक्ष्य भारतीय खेल प्रशासन को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाना है। इसके उद्देश्य हैं:
सभी खेल महासंघों को कानूनी मान्यता, राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण की स्थापना, खिलाड़ी केंद्रित निर्णय प्रक्रिया, ओलंपिक चार्टर के अनुसार शासन, और भारत की अंतरराष्ट्रीय खेल महत्त्वाकांक्षाओं को समर्थन देना।
प्रमुख विशेषताएं और प्रावधान
इस विधेयक में कई संरचनात्मक सुधार प्रस्तावित हैं:
BCCI को NSF मान्यता और RTI के तहत लाना,
राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) की स्थापना,
75 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा,
हर NSF में महिलाओं और खिलाड़ियों की अनिवार्य भागीदारी,
राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण का गठन, जिसकी अपीलें सीधे सुप्रीम कोर्ट में होंगी,
राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल द्वारा निष्पक्ष चुनाव की निगरानी,
और तीन कार्यकाल की सीमा और शीतकालीन अवधि लागू करना।
Static GK टिप: भारत में 50 से अधिक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ हैं, जो युवा मामलों और खेल मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं।
भारतीय खेलों पर संभावित प्रभाव
इस विधेयक से पारदर्शिता में वृद्धि, खिलाड़ियों को सशक्त करने, और प्रशासनिक देरी को कम करने की उम्मीद है।
BCCI के लिए यह एक सार्वजनिक जवाबदेही की दिशा में बड़ा बदलाव है, जो इसे अन्य खेल निकायों के समकक्ष लाता है।
भारत की ओलंपिक मेज़बानी की विश्वसनीयता भी इससे बढ़ सकती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
2025 से पहले BCCI की स्थिति | RTI से बाहर, NSF नहीं माना जाता था |
RTI अधिनियम लागू | 2005 |
प्रस्तावित विधेयक | राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 |
भारत में मान्यता प्राप्त NSFs | 50 से अधिक |
खेल अधिकारियों की अधिकतम आयु | 75 वर्ष |
विवाद समाधान तंत्र | राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण |
न्यायाधिकरण से अपील | सीधे सुप्रीम कोर्ट में |
निगरानी संस्था | राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) |
महिला व खिलाड़ी प्रतिनिधित्व | हर महासंघ में अनिवार्य |
भारत की ओलंपिक बोली का वर्ष | प्रस्तावित वर्ष 2036 |