पुराने कानून को बदलने की तैयारी
आयकर विधेयक 2025 को भारत की आधुनिक कर प्रणाली के निर्माण हेतु आयकर अधिनियम 1961 को प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से पेश किया गया है।
1961 के अधिनियम में अब तक 4,000 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जिससे जटिलता बढ़ी है।
नया कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा, ताकि अनुपालन के लिए आवश्यक संक्रमण काल उपलब्ध हो सके।
Static GK तथ्य: आयकर अधिनियम 1961 को वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने प्रस्तुत किया था और यह 1 अप्रैल 1962 से लागू हुआ।
सरल भाषा और स्पष्टता पर ज़ोर
लोकसभा चयन समिति ने विधेयक में 285 संशोधन सुझाए, जिनमें अधिकांश का उद्देश्य कानूनी भाषा को सरल और समझने योग्य बनाना है।
इससे करदाताओं और कर अधिकारियों दोनों के लिए प्रक्रियाएं सुगम होंगी और विवाद व मुकदमेबाज़ी में कमी आएगी।
देर से रिटर्न भरने वालों के लिए राहत
प्रारंभिक मसौदे में देरी से रिटर्न दाखिल करने वालों को रिफंड न देने का प्रावधान था।
चयन समिति ने इसे अनुचित और विवादास्पद बताते हुए हटाने की सिफारिश की, जिससे यह वर्तमान रिफंड व्यवस्था के अनुरूप हो गया है।
कंपनियों के लिए लाभांश कटौती बहाल
मसौदे से धारा 80M, जो अंतर-निगम लाभांश पर छूट देती है, हटा दी गई थी।
चयन समिति ने धारा 115BAA के तहत आने वाली कंपनियों के दोहरे कराधान से बचाव हेतु इसे फिर से जोड़ने की सिफारिश की।
Static GK टिप: धारा 115BAA के तहत घरेलू कंपनियां 22% की दर से कर का भुगतान कर सकती हैं (प्रभावी दर ~25.17%) बशर्ते वे कुछ कटौतियों का दावा न करें।
NIL टीडीएस प्रमाणपत्र के लिए प्रावधान
मूल विधेयक में केवल कम टीडीएस कटौती वाले प्रमाणपत्र का ही उल्लेख था।
अब समिति ने इसमें NIL टीडीएस प्रमाणपत्र को भी शामिल करने की सिफारिश की है, जिससे घाटे में चल रही कंपनियों और चैरिटी संस्थानों को अनावश्यक फंड ब्लॉक से राहत मिलेगी।
अपेक्षित परिणाम और कार्यान्वयन
2026–27 वित्तीय वर्ष से लागू होने वाला यह नया कानून छह दशक पुराने ढांचे को बदलने वाला है।
यह परिभाषाओं में स्पष्टता, प्रावधानों की बहाली, और करदाताओं की परेशानी कम करके एक अधिक पारदर्शी, सरल और न्यायसंगत कर प्रणाली की नींव रखेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कार्यान्वयन तिथि | 1 अप्रैल 2026 |
प्रतिस्थापित होने वाला कानून | आयकर अधिनियम 1961 |
सुझाए गए संशोधन | 285 |
समिति का प्रकार | लोकसभा चयन समिति |
लाभांश कटौती प्रावधान | धारा 80M |
कंपनी कराधान प्रावधान | धारा 115BAA |
विवादास्पद रिफंड प्रावधान | देर से रिटर्न दाखिल करने पर रिफंड न देना (अब हटाया गया) |
नई जोड़ी गई सुविधा | NIL टीडीएस प्रमाणपत्र |
प्रमुख उद्देश्य | कानूनी सरलता, स्पष्टता और कर प्रणाली का आधुनिकीकरण |
लक्षित लाभार्थी | कंपनियां, घाटे में चल रहे उद्यम, चैरिटेबल संस्थाएं |