जुलाई 18, 2025 9:35 अपराह्न

तिरुक्कुरल सार्वभौमिक ज्ञान

समसामयिक विषय: तिरुक्कुरल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, सार्वभौमिक ज्ञान, पुस्तक विमोचन, तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक एवं शैक्षिक सेवा निगम, अंतर्राष्ट्रीय तमिल भाषा फाउंडेशन, शिकागो, शैक्षिक सहयोग, शास्त्रीय तमिल, नैतिक साहित्य

Tirukkural Universal Wisdom

पृष्ठभूमि

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने हाल ही में “Tirukkural – Treasure of Universal Wisdom” नामक पुस्तक का विमोचन किया।
यह प्रकाशन तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक और शैक्षिक सेवा निगम और शिकागो स्थित इंटरनेशनल तमिल लैंग्वेज फाउंडेशन के सहयोग से प्रकाशित किया गया है।
इसका उद्देश्य तिरुक्कुरल के नैतिक और दार्शनिक ज्ञान को वैश्विक पाठकों तक पहुँचाना है।

पुस्तक का महत्व

पुस्तक का शीर्षक तिरुक्कुरल की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को दर्शाता है। इसमें शास्त्रीय तमिल कवि तिरुवल्लुवर द्वारा रचित 1,330 दोहे शामिल हैं।
यह ग्रंथ धर्म, अर्थ और प्रेम जैसे जीवन मूल्यों पर आधारित है और सांस्कृतिक सीमाओं से परे मार्गदर्शन प्रदान करता है।

Static GK fact: तिरुक्कुरल को अक्सर “तमिल वेद” कहा जाता है और यह 80 से अधिक भाषाओं में अनुवादित हो चुका है।

सहयोग की विशेषताएं

तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम की भागीदारी से शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रामाणिकता सुनिश्चित हुई है।
इंटरनेशनल तमिल लैंग्वेज फाउंडेशन ने इसमें वैश्विक दृष्टिकोण जोड़ा है और सांस्कृतिक आदानप्रदान को बढ़ावा दिया है।
यह सहयोग तमिलनाडु की शास्त्रीय धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

शैक्षणिक प्रभाव

यह संस्करण खासकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
हर दोहे के लिए सरल व्याख्या, लघु टिप्पणियाँ और शब्दकोष दिए गए हैं जिससे गैरतमिल भाषियों को समझने में आसानी हो।

Static GK fact: तिरुवल्लुवर की जीवन अवधि लगभग ईसा पूर्व 2वीं शताब्दी से ईसा पश्चात 5वीं शताब्दी के बीच मानी जाती है।

सांस्कृतिक और साहित्यिक महत्व

Static GK Tip: तिरुक्कुरल तमिलनाडु के राज्य प्रतीक का हिस्सा है और नैतिक उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करता है।
पुस्तक तिरुक्कुरल के धर्मनिरपेक्ष और नैतिक पहलुओं पर प्रकाश डालती है, जो विभिन्न संस्कृतियों के पाठकों को आकर्षित करता है।
इसकी शिक्षाप्रद शैली ने दक्षिण एशियाई नैतिक साहित्य को गहराई से प्रभावित किया है।

वैश्विक पहुँच

अमेरिकाआधारित संगठन के साथ साझेदारी के ज़रिए इस पुस्तक का उद्देश्य वैश्विक पाठ्यक्रमों में तिरुक्कुरल को शामिल कराना और अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग को बढ़ावा देना है।
यह तमिलनाडु की प्रवासी नेटवर्क को सांस्कृतिक प्रचार हेतु उपयोग में लाने की रणनीति का हिस्सा है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पुस्तक का नाम Tirukkural – Treasure of Universal Wisdom
विमोचितकर्ता मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन
प्रकाशक संस्थाएँ TN पाठ्यपुस्तक एवं शैक्षिक सेवा निगम; इंटरनेशनल तमिल लैंग्वेज फाउंडेशन
दोहों की संख्या 1,330
लेखक तिरुवल्लुवर
अनुवाद संख्या 80+ भाषाओं में
ऐतिहासिक काल ईसा पूर्व 2वीं – ईसा पश्चात 5वीं शताब्दी
प्रमुख विषय धर्म (virtue), अर्थ (wealth), प्रेम (love)
Tirukkural Universal Wisdom
  1. तिरुक्कुरल – सार्वभौमिक ज्ञान का खजाना, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा विमोचित किया गया।
  2. यह पुस्तक तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम और अंतर्राष्ट्रीय तमिल भाषा फाउंडेशन, शिकागो का एक संयुक्त प्रयास है।
  3. तिरुक्कुरल में तिरुवल्लुवर द्वारा रचित 1,330 दोहे हैं।
  4. यह ग्रंथ सद्गुण (अराम), धन (पोरुल) और प्रेम (इनबम) पर केंद्रित है।
  5. यह समय, संस्कृति और धर्म से परे सार्वभौमिक नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है।
  6. तिरुक्कुरल को तमिल वेद माना जाता है और इसमें धर्मनिरपेक्ष, नैतिक ज्ञान निहित है।
  7. 80 से अधिक भाषाओं में अनुवादित, इसकी वैश्विक विद्वत्तापूर्ण प्रतिष्ठा है।
  8. इस संस्करण में गैर-तमिल और परीक्षार्थियों के लिए नोट्स और शब्दावलियाँ शामिल हैं।
  9. यह सहयोग सांस्कृतिक वैश्वीकरण के प्रति तमिलनाडु की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
  10. तिरुवल्लुवर का काल दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व और पाँचवीं शताब्दी ईस्वी के बीच अनुमानित है।
  11. पुस्तक की शैक्षणिक गहराई पाठ्यपुस्तक एवं शैक्षिक सेवा निगम द्वारा सुनिश्चित की गई है।
  12. अंतर्राष्ट्रीय तमिल भाषा फाउंडेशन प्रवासी-संचालित वैश्विक पहुँच प्रदान करता है।
  13. यह पहल अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय तमिल अध्ययन को बढ़ावा देती है।
  14. तिरुक्कुरल नैतिक उत्कृष्टता का प्रतीक है और तमिलनाडु के राजकीय प्रतीकों में शामिल है।
  15. यह दक्षिण एशियाई नैतिक साहित्य को प्रभावित करने वाली एक शिक्षाप्रद साहित्यिक शैली को दर्शाता है।
  16. इस संस्करण का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करना है।
  17. यह शास्त्रीय ग्रंथों को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु द्वारा प्रवासी नेटवर्क के उपयोग को प्रदर्शित करता है।
  18. पुस्तक में शैक्षिक उपकरण प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहायता करते हैं।
  19. यह पुस्तक तमिल की एक शास्त्रीय वैश्विक भाषा के रूप में स्थिति को पुष्ट करती है।
  20. यह विमोचन आधुनिक पाठकों के लिए प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित करने में एक मील का पत्थर है।

Q1. 2025 में ‘Tirukkural – Treasure of Universal Wisdom’ पुस्तक किसने जारी की?


Q2. क्लासिक तमिल ग्रंथ तिरुक्कुरल में कुल कितनी कुरल (कपलैट्स) हैं?


Q3. तमिलनाडु सरकार के साथ किस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने पुस्तक के प्रकाशन में सहयोग किया?


Q4. तमिल साहित्य परंपरा में तिरुक्कुरल को किस नाम से जाना जाता है?


Q5. थिरुवल्लुवर के जीवन काल को किस ऐतिहासिक अवधि में माना जाता है?


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