ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर क्या हैं
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCCs) या ग्लोबल इन–हाउस सेंटर (GICs) वे विदेशी इकाइयाँ होती हैं जिन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने आईटी समर्थन, अनुसंधान, और ग्राहक समाधान सेवाओं के लिए स्थापित करती हैं। ये केंद्र मूल कंपनी की संरचना का ही हिस्सा होते हैं और उसी के अधीन कार्य करते हैं।
भारत कुशल श्रमबल, डिजिटल तत्परता, और कम लागत जैसी रणनीतिक विशेषताओं के कारण GCC का प्रमुख केंद्र बन गया है।
भारत में जीसीसी की स्थिति
2024 तक भारत में 1,800 से अधिक GCCs कार्यरत हैं, जो वैश्विक कुल का लगभग 50% हैं। 2024 में प्रत्येक सप्ताह एक नया जीसीसी खुला।
इन केंद्रों ने 2024 में $68 बिलियन की ग्रॉस वैल्यू एडिशन (GVA) की और 2030 तक यह आंकड़ा $150–200 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में लगभग 2.16 मिलियन पेशेवर इनमें कार्यरत हैं, जो 2030 तक 2.8 मिलियन हो सकते हैं।
Static GK fact: भारत के राष्ट्रीय GDP में जीसीसी सेक्टर का योगदान लगभग 1.6% है और यह 11% CAGR दर से बढ़ रहा है।
भारत की पसंद बनने के कारण
भारत प्रतिस्पर्धी लागत पर कुशल श्रमिकों की उपलब्धता के कारण कंपनियों के लिए आदर्श स्थान है। डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी विकास, और नीति सुधारों ने यहाँ व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है।
Static GK fact: अंग्रेज़ी भारत की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिससे भारतीय प्रतिभा वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करती है।
इसके अलावा, बड़ा उपभोक्ता बाजार, अनुकूल टाइम ज़ोन, और बेहतर डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रमुख कारण हैं।
विकास में बाधाएँ
हाल ही में वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि टियर-2 और 3 शहरों में कुशल प्रतिभा की कमी विस्तार में बाधा बन रही है। डिजिटल और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की सीमाएं भी चिंता का विषय हैं।
साथ ही, जटिल नियामक प्रक्रियाएं और साइबर सुरक्षा खतरों के कारण कुछ फॉर्च्यून 500 कंपनियाँ भारत में GCC स्थापित करने से बच रही हैं।
रणनीतिक हस्तक्षेप आवश्यक
भारत की स्थिति को सशक्त करने के लिए विशेषज्ञ निम्नलिखित सुझाव देते हैं:
• AI, ऑटोमेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों को अपनाना
• एजाइल गवर्नेंस मॉडल लागू करना
• डिजिटल और सॉफ्ट स्किल्स में वर्कफोर्स को प्रशिक्षित करना
• ESG मानकों से समन्वय करना
Static GK Tip: भारत का IT-BPM सेक्टर NASSCOM द्वारा नियंत्रित होता है, जो GCC विस्तार में प्रमुख भूमिका निभाता है।
सरकार और उद्योग की भूमिका
वित्त मंत्री ने ज़ोर दिया कि सरकार और उद्योग का संयुक्त प्रयास जरूरी है। इसमें नीति प्रोत्साहन, सरलीकृत नियम, और भविष्य–केंद्रित बुनियादी ढांचे में निवेश शामिल हैं।
भारत का जीसीसी क्षेत्र वैश्विक संचालन केंद्र बनने की दिशा में एक बड़ी संभावना है, बशर्ते मूलभूत कमियों को समय रहते दूर किया जाए।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
GCC का पूर्ण रूप | ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर |
भारत में कुल GCCs | 1,800+ |
वैश्विक हिस्सेदारी | लगभग 50% |
2024 में GVA | $68 बिलियन |
2030 का अनुमानित GVA | $150–200 बिलियन |
नियोजित कार्यबल | 2.16 मिलियन (2030 तक 2.8 मिलियन अनुमान) |
वार्षिक वृद्धि दर | 11% CAGR |
प्रमुख चुनौती | टियर-2/3 शहरों में कुशल श्रमिकों की कमी |
मुख्य विशेषता | लागत-कुशल, अंग्रेज़ी बोलने वाला कार्यबल |
IT-BPM नियामक संस्था | NASSCOM |