जुलाई 16, 2025 8:02 अपराह्न

भारत की खतरनाक नमक की आदत

समसामयिक विषय: मौन नमक उपभोग महामारी, आईसीएमआर, राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान, विश्व स्वास्थ्य संगठन की नमक सीमा, कम सोडियम वाले विकल्प, शहरी नमक सेवन, ग्रामीण आहार संबंधी आदतें, #पिंचफॉरएकैंज, उच्च रक्तचाप का जोखिम, हृदय रोग

India’s Alarming Salt Habit

भारत में खतरनाक स्तर पर पहुंचा नमक का सेवन

ICMR के राष्ट्रीय महामारी संस्थान की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत नमक सेवन की एक चुपचाप फैलती महामारी से जूझ रहा है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नमक का सेवन स्वास्थ्य संगठनों द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक सेवन की है, लेकिन शहरी भारतीय औसतन 9.2 ग्राम और ग्रामीण भारतीय 5.6 ग्राम प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं। यह अतिरिक्त सेवन लाखों लोगों के लिए गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है।

चुपचाप मारने वाला खतरा: उच्च रक्तचाप और हृदय रोग

अधिक नमक का सेवन सीधे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, और गुर्दा संबंधी बीमारियों से जुड़ा हुआ है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, जहां प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड्स का चलन बढ़ा है, ये रोग तेजी से फैल रहे हैं।
Static GK तथ्य: उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि यह शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखाता। भारत में 220 मिलियन से अधिक लोग इससे पीड़ित हैं (NFHS डेटा)।

कम सोडियम वाले नमक विकल्प स्वास्थ्य के लिए आशाजनक

नमक सेवन को कम करने का एक तरीका है लो-सोडियम नमक विकल्प अपनाना, जिनमें सोडियम क्लोराइड की जगह पोटैशियम या मैग्नीशियम जैसे घटक होते हैं। ये स्वाद बनाए रखते हैं और स्वास्थ्य जोखिम भी कम करते हैं।
वैश्विक अध्ययन दर्शाते हैं कि ये विकल्प ब्लड प्रेशर घटाते हैं और हृदय मृत्यु दर को भी कम करते हैं, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों में।

ICMR की नमक कटौती पहल

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने नमक सेवन में कटौती के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
इनमें कम्युनिटी-लेड साल्ट रिडक्शन” कार्यक्रम प्रमुख है, जिसमें स्थानीय भागीदारी द्वारा जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
साथ ही #PinchForAChange अभियान सोशल मीडिया पर आम लोगों को नमक कम करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
Static GK टिप: भारत की राष्ट्रीय पोषण नीति (1993) में भी नमक सेवन को सीमित करने की सिफारिश की गई है।

नीति और व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता

विशेषज्ञों के अनुसार, सरकारी नीतियों और जनजागरूकता दोनों की आवश्यकता है। स्कूल पाठ्यक्रम, खाद्य लेबलिंग कानून, और रेस्टोरेंट मानकों में सोडियम सामग्री का खुलासा अनिवार्य होना चाहिए।
वहीं, घरेलू स्तर पर स्वाद आधारित खाना पकाने के बजाय स्वास्थ्य-आधारित प्रथाओं को अपनाना होगा, जैसे नमक की मात्रा में धीरे-धीरे कमी और मसालों एवं जड़ी-बूटियों का प्रयोग बढ़ाना।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
WHO नमक सिफारिश प्रतिदिन 5 ग्राम से कम
शहरी भारत में सेवन लगभग 9.2 ग्राम/दिन
ग्रामीण भारत में सेवन लगभग 5.6 ग्राम/दिन
मुख्य स्वास्थ्य जोखिम उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी रोग
ICMR पहल कम्युनिटी-लेड साल्ट रिडक्शन प्रोग्राम
जन जागरूकता अभियान #PinchForAChange
नमक विकल्प पोटैशियम/मैग्नीशियम आधारित
पोषण नीति वर्ष 1993
प्रमुख अध्ययन संस्था ICMR – राष्ट्रीय महामारी संस्थान
वैश्विक स्वास्थ्य दिशा WHO द्वारा निर्धारित मानक
India’s Alarming Salt Habit
  1. आईसीएमआर के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के अनुसार, भारत में नमक की खपत एक मूक महामारी का सामना कर रही है।
  2. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) स्वस्थ आहार के लिए प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक की सलाह देता है।
  3. शहरी भारतीय लगभग2 ग्राम/दिन नमक का सेवन करते हैं, जबकि ग्रामीण भारतीय औसतन 5.6 ग्राम/दिन नमक का सेवन करते हैं।
  4. अत्यधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, हृदय और गुर्दे की बीमारियों से जुड़ा है।
  5. एनएफएचएस के आंकड़ों के अनुसार, उच्च रक्तचाप 22 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों को प्रभावित करता है।
  6. प्रारंभिक अवस्था में इसके अदृश्य होने के कारण इसे “खामोश हत्यारा” कहा जाता है।
  7. शहरी क्षेत्रों में प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ नमक के प्रमुख स्रोत हैं।
  8. कम सोडियम वाले नमक के विकल्प में सोडियम की जगह पोटैशियम या मैग्नीशियम का इस्तेमाल किया जाता है।
  9. वैश्विक अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसे विकल्प रक्तचाप और हृदय संबंधी जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
  10. आईसीएमआर का समुदाय-आधारित नमक न्यूनीकरण कार्यक्रम स्थानीय जागरूकता को बढ़ावा देता है।
  11. हैशटैग #PinchForAChange का उपयोग करते हुए एक सामाजिक अभियान नमक कम करने को प्रोत्साहित करता है।
  12. भारत की 1993 की राष्ट्रीय पोषण नीति बेहतर स्वास्थ्य के लिए नमक की मात्रा सीमित करने का आग्रह करती है।
  13. घर पर व्यवहार में बदलाव ज़रूरी हैं—जैसे कम नमक और ज़्यादा जड़ी-बूटियों/मसालों के साथ खाना पकाना।
  14. खाद्य लेबलिंग और रेस्टोरेंट में सोडियम की सीमा के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।
  15. स्कूली पाठ्यक्रमों में नमक से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता शामिल होनी चाहिए।
  16. बदलते आहार के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अब नमक का अत्यधिक उपयोग बढ़ रहा है।
  17. अधिकांश भारतीय अनुशंसित नमक सीमा से लगभग दोगुना नमक खाते हैं।
  18. हृदय रोग और स्ट्रोक अब मृत्यु के प्रमुख गैर-संचारी कारण हैं।
  19. भारत को जीवनशैली विकारों को नियंत्रित करने के लिए निवारक पोषण रणनीतियाँ अपनानी चाहिए।
  20. इस महामारी से निपटना राष्ट्रीय स्वास्थ्य और आर्थिक उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण है।

Q1. WHO द्वारा प्रतिदिन नमक सेवन की अनुशंसित अधिकतम सीमा क्या है?


Q2. ICMR के अनुसार, शहरी भारतियों का औसत प्रतिदिन नमक सेवन कितना है?


Q3. ICMR द्वारा सोशल मीडिया पर नमक की खपत घटाने के लिए कौन सा अभियान चलाया गया है?


Q4. भारत में अत्यधिक नमक सेवन से जुड़े मुख्य स्वास्थ्य जोखिम कौन से हैं?


Q5. कम-सोडियम नमक विकल्पों में आमतौर पर सोडियम के स्थान पर क्या पाया जाता है?


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