जुलाई 16, 2025 11:12 अपराह्न

INS निस्तार से भारत की गहराई में बचाव क्षमता को नई मजबूती

समसामयिकी: आईएनएस निस्तार, भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, गहरे समुद्र में बचाव, गोताखोरी सहायता पोत, संतृप्ति गोताखोरी, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, गहरे जलमग्न बचाव पोत, पानी के नीचे के ऑपरेशन

INS Nistar Strengthens India's Deep Sea Rescue Capabilities

समुद्री आत्मनिर्भरता में स्वदेशी उपलब्धि

9 जुलाई 2025 को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS निस्तार, देश का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम द्वारा निर्मित यह पोत, समुद्री आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का एक बड़ा कदम है।
INS निस्तार का प्रमुख उद्देश्य गहरे समुद्र में गोताखोरी और पनडुब्बी बचाव अभियान को सफल बनाना है। यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन देने वाली भारत की नीति के साथ मेल खाता है।
Static GK तथ्य: हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड भारत का सबसे पुराना शिपयार्ड है, जिसकी स्थापना 1941 में हुई थी और यह अब रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

INS निस्तार की प्रमुख विशेषताएं

INS निस्तार की लंबाई 118 मीटर है और इसका वजन लगभग 10,000 टन है। यह पोत 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री से बना है और इसका निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर (IRS) के सुरक्षा और डिजाइन मानकों के अनुरूप हुआ है।
यह पोत 300 मीटर तक सेचुरेशन डाइविंग और 75 मीटर तक साइड डाइविंग स्टेज की सुविधा से युक्त है, जिससे बचाव, मरम्मत और समुद्र तल से वस्तुओं की पुनर्प्राप्ति जैसे कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है।
निस्तार शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ बचाव या मुक्ति होता है – यही इस जहाज की आत्मा को दर्शाता है।

उन्नत जलमग्न बचाव क्षमता

INS निस्तार, Deep Submergence Rescue Vessel (DSRV) का “मदर शिप” है, जिससे तेज़ पनडुब्बी बचाव अभियान संभव होता है। इसमें Remotely Operated Vehicles (ROVs) लगे हैं जो 1000 मीटर तक की गहराई में कार्य कर सकते हैं। इससे यह पोत गहरे समुद्र की निरीक्षण और पुनर्प्राप्ति क्षमताओं से लैस हो जाता है।
ऐसी तकनीक विश्व की कुछ ही नौसेनाओं के पास उपलब्ध है। INS निस्तार के साथ भारत स्वतंत्र रूप से उच्च जोखिम वाले पनडुब्बी बचाव कार्यों को अंजाम देने वाली चुनिंदा वैश्विक नौसेनाओं में शामिल हो गया है।
Static GK टिप: पहले भारत ने DSRV यूनिट्स UK से आयात किए थे जो पनडुब्बियों में फंसे कर्मियों को बचाने के लिए आवश्यक होते हैं।

आत्मनिर्भर भारत और नौसेना आधुनिकीकरण में योगदान

INS निस्तार का समावेश मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशनों को सशक्त करता है। यह दर्शाता है कि भारत अब जटिल रक्षा प्लेटफॉर्म को स्वयं डिजाइन और विकसित कर विदेशी निर्भरता को कम कर रहा है।
यह पोत भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण और मानवीय अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में।
Static GK तथ्य: भारतीय नौसेना की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी और यह अब दुनिया की शीर्ष 10 नौसेनाओं में गिनी जाती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
INS निस्तार समावेशन तिथि 9 जुलाई 2025
निर्माता संस्था हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम
पोत प्रकार डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV)
लंबाई और वजन 118 मीटर; लगभग 10,000 टन
डाइविंग क्षमता सेचुरेशन डाइविंग – 300 मीटर, ROV – 1000 मीटर
स्वदेशी सामग्री 75% से अधिक
सहायक भूमिका Deep Submergence Rescue Vessel के लिए मदर शिप
रणनीतिक योजना से मेल मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत
प्रमाणन भारतीय शिपिंग रजिस्टर (IRS) मानक
प्रमुख तकनीक ROVs, सेचुरेशन डाइविंग सिस्टम
INS Nistar Strengthens India's Deep Sea Rescue Capabilities
  1. आईएनएस निस्तार को 9 जुलाई, 2025 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
  2. यह भारत का पहला स्वदेश निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) है।
  3. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम ने आईएनएस निस्तार का निर्माण किया।
  4. यह पोत भारत के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के प्रयासों को दर्शाता है।
  5. निस्तार 118 मीटर लंबा पोत है जिसका वजन लगभग 10,000 टन है।
  6. इसके 75% से अधिक घटक स्वदेशी हैं।
  7. यह भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के सुरक्षा मानकों का पालन करता है।
  8. आईएनएस निस्तार 300 मीटर तक की गहराई तक संचालित होने वाली संतृप्ति डाइविंग प्रणालियों से सुसज्जित है।
  9. एक साइड डाइविंग स्टेज 75 मीटर तक के पानी के नीचे के कार्यों में सहायता करता है।
  10. पोत का नाम “निस्तार” संस्कृत में बचाव या मोक्ष का अर्थ है।
  11. निस्तार गहरे जलमग्न बचाव पोतों (DSRV) के लिए मुख्य पोत के रूप में कार्य करता है।
  12. इसमें 1,000 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम ROV (दूर से संचालित वाहन) हैं।
  13. निस्तार भारत द्वारा स्वतंत्र पनडुब्बी बचाव अभियानों को सक्षम बनाता है।
  14. विश्व स्तर पर केवल कुछ ही नौसेनाओं के पास ऐसी गहरे समुद्र में बचाव क्षमताएँ हैं।
  15. INS निस्तार हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाता है।
  16. यह प्रशिक्षण, मरम्मत, बचाव और मानवीय मिशनों में भी सहायता करेगा।
  17. DSRV को पहले भारत द्वारा यूके से आयात किया जाता था।
  18. यह पोत भारत के पानी के नीचे संचालन के बुनियादी ढांचे को एक बड़ा बढ़ावा देता है।
  19. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड भारत का सबसे पुराना शिपयार्ड है, जिसकी स्थापना 1941 में हुई थी।
  20. 26 जनवरी, 1950 को गठित भारतीय नौसेना, विश्व स्तर पर शीर्ष 10 नौसेनाओं में शुमार है।

Q1. INS निस्तार, जिसे हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, किस प्रकार का पोत है?


Q2. INS निस्तार का निर्माण किस शिपयार्ड ने किया?


Q3. INS निस्तार पर सैचुरेशन डाइविंग की अधिकतम गहराई क्या है?


Q4. INS निस्तार किस उन्नत बचाव उपकरण के लिए 'मदर शिप' के रूप में कार्य करता है?


Q5. INS निस्तार के निर्माण में कितने प्रतिशत भाग स्वदेशी है?


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