जुलाई 17, 2025 8:31 अपराह्न

घड़ियाल और भालू को मिलेगा विशेष संरक्षण: नई वन्यजीव संरक्षण योजना के तहत फोकस

समसामयिक विषय: घड़ियाल, सुस्त भालू, प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम, सीएसएस-आईडीडब्ल्यूएच, एससी-एनबीडब्ल्यूएल, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972, लुप्तप्राय प्रजातियों की पुनर्प्राप्ति, आईयूसीएन वर्गीकरण, अनुसूची I वन्यजीव, आवास प्रबंधन, संरक्षण रणनीति

Gharial and Sloth Bear Set for Focused Conservation Under National Wildlife Programme

वन्यजीव बोर्ड की नई सिफारिशें

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति (SC-NBWL) ने घड़ियाल और भालू (Sloth Bear) को प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की है। यह योजना केंद्र प्रायोजित CSS-IDWH (Integrated Development of Wildlife Habitats) योजना का एक प्रमुख भाग है, जिसका उद्देश्य भारत की संकटग्रस्त प्रजातियों की रक्षा करना है।

SC-NBWL की भूमिका

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत गठित SC-NBWL का कार्य संरक्षण नीति की समीक्षा और उचित सलाह देना है। यह समिति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के अंतर्गत कार्य करती है।
Static GK तथ्य: NBWL के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं जबकि SC-NBWL की अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री करते हैं।

संकट में घड़ियाल की प्रजाति

घड़ियाल अपने लंबे और पतले थूथन के लिए जाना जाता है और यह मुख्यतः चंबल और गिरवा नदियों (भारत) और राप्ती-नारायणी प्रणाली (नेपाल) में पाया जाता है। नर घड़ियाल की पहचान ‘घारा’ नामक उभार से होती है, जिसका उपयोग संचार में होता है।
संरक्षण टैग्स:
IUCN: Critically Endangered
WPA 1972: Schedule I
CITES: Appendix I
Static GK टिप: भारत में तीन प्रकार के मगरमच्छ पाए जाते हैं – घड़ियाल, मगरी, और खारे पानी वाला मगर।

स्लॉथ भालू की विशेषताएं

भालू (Sloth Bear) मुख्यतः भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। यह पश्चिमी घाट, प्रायद्वीपीय भारत और उत्तर-पूर्व भारत के जंगलों में रहता है। यह प्रजाति रात्रिचर, एकांतप्रिय होती है और चींटियों दीमकों को खाकर प्राकृतिक कीट नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती है।
संरक्षण टैग्स:
IUCN: Vulnerable
WPA 1972: Schedule I
CITES: Appendix I
Static GK तथ्य: स्लॉथ भालू भारत का एकमात्र स्थानिक भालू है और बीज फैलाव मृदा स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

CSS-IDWH योजना का अवलोकन

Integrated Development of Wildlife Habitats केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो संरक्षित क्षेत्रों के भीतर और बाहर दोनों जगह जैव विविधता को सुरक्षित रखने में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की मदद करती है।
इस योजना के मुख्य उद्देश्य:
• राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों में अवसंरचना सुदृढ़ीकरण
मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उपाय
• संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए पुनर्प्राप्ति परियोजनाएँ
Static GK तथ्य: अभी तक 22 प्रजातियाँ इस कार्यक्रम में शामिल हो चुकी हैं, जिनमें हिम तेंदुआ, एशियाई सिंह और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रमुख हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
घड़ियाल का आवास चंबल और गिरवा नदियाँ (भारत), राप्ती-नारायणी (नेपाल)
घड़ियाल IUCN स्थिति Critically Endangered
भालू का आवास भारत, श्रीलंका, नेपाल; प्रायद्वीपीय और पूर्वोत्तर भारत
भालू का आहार दीमक और चींटियाँ
भालू IUCN स्थिति Vulnerable
घड़ियाल – वन्यजीव संरक्षण अधिनियम Schedule I
भालू – वन्यजीव संरक्षण अधिनियम Schedule I
प्रमुख अधिनियम वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972
CSS-IDWH उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण और संघर्ष निवारण
वर्तमान पुनर्प्राप्त प्रजातियाँ हिम तेंदुआ, एशियाई सिंह, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सहित 22 प्रजातियाँ
Gharial and Sloth Bear Set for Focused Conservation Under National Wildlife Programme
  1. घड़ियाल और सुस्त भालू को सीएसएस-आईडीडब्ल्यूएच के तहत प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के लिए प्रस्तावित किया गया है।
  2. इस कदम की सिफारिश राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एससी-एनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति ने की थी।
  3. सीएसएस-आईडीडब्ल्यूएच एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण और संघर्ष शमन है।
  4. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 प्रजातियों के वर्गीकरण और संरक्षण को नियंत्रित करता है।
  5. एनबीडब्ल्यूएल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, जबकि एससी-एनबीडब्ल्यूएल का नेतृत्व पर्यावरण मंत्री करते हैं।
  6. आईयूसीएन की लाल सूची के अनुसार घड़ियाल गंभीर रूप से संकटग्रस्त है।
  7. यह डब्ल्यूपीए, 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत संरक्षित है और सीआईटीईएस के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध है।
  8. घड़ियाल चंबल और गिरवा नदियों (भारत) और राप्ती-नारायणी (नेपाल) में पाए जाते हैं।
  9. नर भालू में एक विशिष्ट बल्बनुमा थूथन होता है जिसे ‘घारा’ कहा जाता है जिसका उपयोग ध्वनि संकेतों के लिए किया जाता है।
  10. भारत में तीन मगरमच्छ पाए जाते हैं: घड़ियाल, मगर और खारे पानी का मगरमच्छ।
  11. स्लॉथ भालू को IUCN द्वारा संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन यह WPA की अनुसूची I के अंतर्गत भी आता है।
  12. इसके आहार में दीमक और चींटियाँ शामिल हैं, जो इसे जंगलों में कीट नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।
  13. स्लॉथ भालू अधिकांशतः निशाचर, एकान्तवासी होते हैं और बीज प्रसार तथा मृदा स्वास्थ्य में सहायता करते हैं।
  14. इनके निवास क्षेत्र में प्रायद्वीपीय भारत, पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत शामिल हैं।
  15. दोनों जानवरों को CITES के परिशिष्ट I के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है, जो सर्वोच्च वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
  16. CSS-IDWH बुनियादी ढाँचे, आवास प्रबंधन और संघर्ष शमन का समर्थन करता है।
  17. पूर्व चेतावनी प्रणाली और सामुदायिक भागीदारी जैसे निवारक कदम इस योजना का हिस्सा हैं।
  18. इस योजना ने अब तक एशियाई शेर और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सहित 22 प्रजातियों को सहायता प्रदान की है।
  19. घड़ियाल का मीठे पानी का आवास रेत खनन और नदी प्रदूषण के कारण खतरे में है।
  20. स्लॉथ भालू को आवास विखंडन और मानव-पशु संघर्ष जैसे खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

Q1. घड़ियाल और भालू की प्रजातियों को संरक्षण हेतु किस केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है?


Q2. IUCN रेड लिस्ट में घड़ियाल की स्थिति क्या है?


Q3. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की कौन सी अनुसूची घड़ियाल और भालू दोनों को शामिल करती है?


Q4. नर घड़ियाल की पहचान किस विशेष लक्षण से होती है?


Q5. भालू अपने आवास में कौन सी पारिस्थितिकीय भूमिका निभाता है?


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