जुलाई 18, 2025 2:51 पूर्वाह्न

स्टारलिंक को IN-SPACe से भारत में संचालन की मंजूरी

चालू घटनाएँ: IN-SPACe, Starlink, SpaceX, भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023, सैटेलाइट इंटरनेट, स्कायरूट एयरोस्पेस, अग्निकुल कॉसमॉस, विक्रम-S रॉकेट, NSIL, Antrix Corporation

Starlink Gets IN-SPACe Approval to Operate in India

IN-SPACe से स्टारलिंक को हरी झंडी

IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Centre) ने स्टारलिंक को भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए 5 वर्षों की अनुमति दी है। यह अनुमति भारत के अंतरिक्ष और दूरसंचार क्षेत्र के उदारीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Starlink, जो कि SpaceX का उपक्रम है, Low Earth Orbit (LEO) उपग्रहों के माध्यम से तेज़ गति इंटरनेट सेवा प्रदान करता है, खासकर दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों में जहाँ ज़मीनी नेटवर्क कमजोर है।

उपग्रह संचार सेवाओं का महत्व

सैटेलाइट कम्युनिकेशन बिना किसी ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर के उपग्रहों के ज़रिए वायरलेस इंटरनेट प्रदान करता है। यह विशेष रूप से पहाड़ी, आपदाग्रस्त और सीमावर्ती क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी है।

इसके प्रमुख उपयोगकर्ता होते हैं:

  • सरकारी एजेंसियाँ
  • इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISPs)
  • सैन्य विभाग
  • बड़े प्रसारण नेटवर्क और कॉर्पोरेट संस्थान

Static GK जानकारी: भारत का पहला संचार उपग्रह INSAT-1A था, जिसे 1982 में प्रक्षेपित किया गया।

भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा

स्टारलिंक को मिली यह अनुमति 2020 की अंतरिक्ष क्षेत्र सुधार नीति का परिणाम है। भारत में निजी भागीदारी को संरचित रूप से लागू करने के लिए कई संस्थाएं गठित की गई हैं:

  • ISRO: अनुसंधान और रणनीतिक मिशनों के लिए जिम्मेदार
  • IN-SPACe: निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली नियामक संस्था
  • NSIL: ISRO का वाणिज्यिक विभाग
  • Antrix Corporation: ISRO की पुरानी व्यावसायिक शाखा

भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 ने इन निकायों के बीच भूमिकाओं की स्पष्टता और निजी भागीदारी को संस्थागत रूप दिया है।

Static GK टिप: मंगलयान मिशन 2014 में भारत पहले प्रयास में मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना।

निजी स्टार्टअप का विस्तार

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कई निजी स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं:

  • अग्निकुल कॉसमॉस को ISRO से लॉन्च तकनीक संबंधी सहयोग मिला है।
  • Skyroot Aerospace ने 2022 में विक्रम-S लॉन्च कर भारत का पहला निजी उपऑर्बिटल रॉकेट प्रक्षेपित किया।

ये घटनाएं सरकारी और निजी भागीदारी के सफल उदाहरण हैं।

भविष्य की दिशा

IN-SPACe आने वाले वर्षों में स्पेस स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंड संचालित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। इससे भारत को वैश्विक स्तर पर स्पेसटेक, लॉन्च और सैटेलाइट सेवाओं में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता मिलेगी।

Starlink की एंट्री से भारत के सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र में मूल्य प्रतिस्पर्धा, नवाचार और उपयोगकर्ता पहुंच को बल मिलेगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
IN-SPACe अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली स्वायत्त संस्था
Starlink SpaceX का उपग्रह आधारित इंटरनेट नेटवर्क
अनुमति अवधि 5 वर्ष
भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 निजी क्षेत्र को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में नीति
अग्निकुल कॉसमॉस ISRO से तकनीकी सहयोग पाने वाला स्टार्टअप
Vikram-S स्कायरूट द्वारा 2022 में लॉन्च हुआ भारत का पहला निजी रॉकेट
NSIL ISRO की व्यावसायिक शाखा
सैटेलाइट संचार के प्रकार दूरसंचार, प्रसारण, डेटा सेवाएं
प्रमुख उपयोगकर्ता सरकार, ISPs, सेना, प्रसारण कंपनियाँ
रणनीतिक उपयोग आपदा प्रबंधन, दूरस्थ इंटरनेट, नेविगेशन, डिजिटल समावेशन
Starlink Gets IN-SPACe Approval to Operate in India
  1. IN-SPACe ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्टारलिंक को 5 साल का प्राधिकरण प्रदान किया है।
  2. स्पेसएक्स द्वारा संचालित स्टारलिंक, पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों का एक समूह संचालित करता है।
  3. इस कदम से पूरे भारत में ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
  4. सैटेलाइट इंटरनेट बिना ज़मीनी बुनियादी ढाँचे के काम करता है, जो दुर्गम क्षेत्रों के लिए आदर्श है।
  5. प्रमुख उपयोगकर्ताओं में आईएसपी, प्रसारणकर्ता, सैन्य और आपातकालीन सेवाएँ शामिल हैं।
  6. सैटेलाइट सेवाओं को दूरसंचार, प्रसारण और डेटा संचार में वर्गीकृत किया गया है।
  7. भारत ने अपना पहला संचार उपग्रह, INSAT-1A, 1982 में प्रक्षेपित किया था।
  8. यह प्राधिकरण भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के अनुरूप है, जो निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देता है।
  9. IN-SPACe भारत में निजी अंतरिक्ष उपक्रमों के नियामक और प्रवर्तक के रूप में कार्य करता है।
  10. अन्य प्रमुख अंतरिक्ष निकायों में इसरो, एनएसआईएल और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन शामिल हैं।
  11. इसरो अनुसंधान और रणनीतिक अंतरिक्ष मिशनों पर केंद्रित है।
  12. एनएसआईएल इसरो के लिए वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवाएँ संभालता है।
  13. एंट्रिक्स इसरो की पुरानी वाणिज्यिक शाखा है, जिसे अब एनएसआईएल ने बदल दिया है।
  14. स्काईरूट एयरोस्पेस ने नवंबर 2022 में भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च किया।
  15. अग्निकुल कॉसमॉस इसरो की तकनीकी सहायता से प्रक्षेपण यान विकसित कर रहा है।
  16. भारत ने निजी भागीदारी को सक्षम बनाने के लिए 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार शुरू किए।
  17. भारत के मंगलयान मिशन (2014) ने इसे अपने पहले प्रयास में मंगल की कक्षा में पहुँचने वाला पहला एशियाई राष्ट्र बना दिया।
  18. स्टारलिंक के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा बढ़ने और उपग्रह इंटरनेट लागत कम होने की उम्मीद है।
  19. IN-SPACe अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए एक उद्यम पूंजी कोष का प्रबंधन करने की योजना बना रहा है।
  20. ये घटनाक्रम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत के बढ़ते सार्वजनिक-निजी सहयोग को दर्शाते हैं।

Q1. भारत में सैटेलाइट सेवाओं के लिए Starlink को संचालन की मंज़ूरी किस एजेंसी ने दी?


Q2. भारत के लिए Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट प्रणाली का मुख्य लाभ क्या है?


Q3. भारत का पहला निजी रूप से निर्मित सब-ऑर्बिटल रॉकेट किस स्टार्टअप ने लॉन्च किया था?


Q4. भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में NSIL की भूमिका क्या है?


Q5. भारत का पहला संचार उपग्रह INSAT-1A कब लॉन्च किया गया था?


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