IN-SPACe से स्टारलिंक को हरी झंडी
IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Centre) ने स्टारलिंक को भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए 5 वर्षों की अनुमति दी है। यह अनुमति भारत के अंतरिक्ष और दूरसंचार क्षेत्र के उदारीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Starlink, जो कि SpaceX का उपक्रम है, Low Earth Orbit (LEO) उपग्रहों के माध्यम से तेज़ गति इंटरनेट सेवा प्रदान करता है, खासकर दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों में जहाँ ज़मीनी नेटवर्क कमजोर है।
उपग्रह संचार सेवाओं का महत्व
सैटेलाइट कम्युनिकेशन बिना किसी ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर के उपग्रहों के ज़रिए वायरलेस इंटरनेट प्रदान करता है। यह विशेष रूप से पहाड़ी, आपदाग्रस्त और सीमावर्ती क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी है।
इसके प्रमुख उपयोगकर्ता होते हैं:
- सरकारी एजेंसियाँ
- इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISPs)
- सैन्य विभाग
- बड़े प्रसारण नेटवर्क और कॉर्पोरेट संस्थान
Static GK जानकारी: भारत का पहला संचार उपग्रह INSAT-1A था, जिसे 1982 में प्रक्षेपित किया गया।
भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा
स्टारलिंक को मिली यह अनुमति 2020 की अंतरिक्ष क्षेत्र सुधार नीति का परिणाम है। भारत में निजी भागीदारी को संरचित रूप से लागू करने के लिए कई संस्थाएं गठित की गई हैं:
- ISRO: अनुसंधान और रणनीतिक मिशनों के लिए जिम्मेदार
- IN-SPACe: निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली नियामक संस्था
- NSIL: ISRO का वाणिज्यिक विभाग
- Antrix Corporation: ISRO की पुरानी व्यावसायिक शाखा
भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 ने इन निकायों के बीच भूमिकाओं की स्पष्टता और निजी भागीदारी को संस्थागत रूप दिया है।
Static GK टिप: मंगलयान मिशन 2014 में भारत पहले प्रयास में मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना।
निजी स्टार्टअप का विस्तार
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कई निजी स्टार्टअप्स आगे आ रहे हैं:
- अग्निकुल कॉसमॉस को ISRO से लॉन्च तकनीक संबंधी सहयोग मिला है।
- Skyroot Aerospace ने 2022 में विक्रम-S लॉन्च कर भारत का पहला निजी उप–ऑर्बिटल रॉकेट प्रक्षेपित किया।
ये घटनाएं सरकारी और निजी भागीदारी के सफल उदाहरण हैं।
भविष्य की दिशा
IN-SPACe आने वाले वर्षों में स्पेस स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंड संचालित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। इससे भारत को वैश्विक स्तर पर स्पेस–टेक, लॉन्च और सैटेलाइट सेवाओं में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता मिलेगी।
Starlink की एंट्री से भारत के सैटेलाइट ब्रॉडबैंड क्षेत्र में मूल्य प्रतिस्पर्धा, नवाचार और उपयोगकर्ता पहुंच को बल मिलेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
IN-SPACe | अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली स्वायत्त संस्था |
Starlink | SpaceX का उपग्रह आधारित इंटरनेट नेटवर्क |
अनुमति अवधि | 5 वर्ष |
भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 | निजी क्षेत्र को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में नीति |
अग्निकुल कॉसमॉस | ISRO से तकनीकी सहयोग पाने वाला स्टार्टअप |
Vikram-S | स्कायरूट द्वारा 2022 में लॉन्च हुआ भारत का पहला निजी रॉकेट |
NSIL | ISRO की व्यावसायिक शाखा |
सैटेलाइट संचार के प्रकार | दूरसंचार, प्रसारण, डेटा सेवाएं |
प्रमुख उपयोगकर्ता | सरकार, ISPs, सेना, प्रसारण कंपनियाँ |
रणनीतिक उपयोग | आपदा प्रबंधन, दूरस्थ इंटरनेट, नेविगेशन, डिजिटल समावेशन |