भारत के पास तीसरा सबसे बड़ा भंडार
CareEdge Report 2024 के अनुसार, भारत के पास विश्व के कुल Rare Earth Elements (REEs) का 8% भंडार है, जिससे वह चीन और ब्राज़ील के बाद तीसरे स्थान पर है। फिर भी, भारत की वैश्विक उत्पादन हिस्सेदारी 1% से भी कम है। इसकी तुलना में, चीन 49% भंडार और 69% उत्पादन के साथ, दुनिया का सबसे बड़ा REE खिलाड़ी बना हुआ है।
Static GK Fact: मोनाज़ाइट बालू में थोरियम भी होता है, जिसे भारत के तीन-चरणीय परमाणु कार्यक्रम में वैकल्पिक ईंधन के रूप में प्रस्तावित किया गया था।
भारत की तटीय REE संपदा
भारत में REE मुख्य रूप से मोनाज़ाइट बालू में पाए जाते हैं, जो कि तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में केंद्रित हैं। हालांकि 2023 का Indian Minerals Yearbook इन बालुओं की रणनीतिक महत्ता की पुष्टि करता है, लेकिन निकासी तकनीकी जटिलताओं और विनियामक नियमों के कारण सीमित है।
खनन और प्रसंस्करण में बाधाएँ
REEs का निष्कर्षण एक जटिल, दीर्घकालिक और महंगा कार्य है, खासकर जब यह रेडियोधर्मी तत्वों के साथ जुड़ा हो। Coastal Regulation Zone (CRZ) नियम तटीय खुदाई को सीमित करते हैं, जिससे भारत की REE क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, भारत मूल रूप से LREEs (Light Rare Earth Elements) से समृद्ध है, जबकि HREEs जो रक्षा और हाई-टेक उद्योगों में जरूरी हैं, दुर्लभ हैं।
Static GK Tip: REEs दो भागों में बांटे जाते हैं – LREEs (हल्के) और HREEs (भारी)। भारत के पास ज्यादातर LREEs हैं।
भारत की मौजूदा स्थिति
Indian Rare Earths Limited (IREL), एक Mini Ratna कंपनी, भारत की एकमात्र सार्वजनिक इकाई है जो मोनाज़ाइट प्रसंस्करण में संलग्न है। लेकिन इसकी भूमिका केवल शुरुआती चरण के उत्पादन तक सीमित है – जैसे ऑक्साइड और धातुएं। भारत में मैग्नेट और मिश्रधातु जैसे उच्च–मूल्य वाले उत्पादों की निर्माण क्षमता बेहद कम है।
आगे की राह
हरित प्रौद्योगिकियों की वैश्विक मांग बढ़ने के साथ, भारत को अब अपनी REE आपूर्ति श्रृंखला मजबूत करनी होगी। इसके लिए CRZ प्रतिबंधों में ढील, परिष्करण इकाइयों का विकास, और निजी क्षेत्र व अनुसंधान में निवेश जरूरी हैं। साथ ही, भारत वैश्विक साझेदारियों और घरेलू नवाचार के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
भारत का वैश्विक REE हिस्सा | 8% |
उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी | 1% से कम |
वैश्विक अग्रणी | चीन (49% भंडार, 69% उत्पादन) |
भारतीय स्रोत | मोनाज़ाइट बालू |
मुख्य राज्य | तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा |
प्रमुख इकाई | Indian Rare Earths Limited (IREL) |
मुख्य बाधाएँ | रेडियोधर्मिता, CRZ नियम |
भारतीय REE प्रकार | मुख्यतः LREEs |
प्रमुख रिपोर्ट | CareEdge Report 2024 |
परिष्करण कमी | मैग्नेट/मिश्रधातु उत्पादन क्षमता नहीं |