पृथ्वी की अब तक की सबसे तेज़ घुमाव गति
9 जुलाई 2025 को पृथ्वी ने अपनी धुरी पर घूमने की प्रक्रिया को सामान्य 24 घंटों से 1.6 मिलीसेकंड पहले पूरा किया, जो अब तक का सबसे छोटा दिन बन गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तेजी का कारण चंद्रमा के गुरुत्वीय प्रभाव और उससे उत्पन्न ज्वारीय बल हैं।
Static GK Fact: चंद्रमा हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर जा रहा है, जिससे पृथ्वी की घूर्णन गति और ज्वार प्रभावित होते हैं।
पृथ्वी की घूर्णन गति में उतार-चढ़ाव
पृथ्वी की घूर्णन गति स्थिर नहीं है। इसमें भूकंपीय गतिविधि, वायुमंडलीय दबाव, महासागरीय धाराएं, और बाहरी गुरुत्व बल जैसे कारक बदलाव लाते हैं। आमतौर पर चंद्रमा के खिंचाव से पृथ्वी की गति धीमी होती है, लेकिन कभी-कभी आंतरिक या बाहरी बदलाव अस्थायी रूप से इसे तेज़ कर सकते हैं।
2025 में कई छोटे दिन
9 जुलाई के बाद 22 जुलाई और 5 अगस्त 2025 को भी तेज़ स्पिन के कारण अपेक्षाकृत छोटे दिन माने जा रहे हैं। वैज्ञानिक अब यह अध्ययन कर रहे हैं कि यह एक प्राकृतिक चक्र है या गहराई में हो रहे भौगोलिक बदलाव के संकेत हैं।
समय निर्धारण और लीप सेकंड
लीप सेकंड को समन्वित वैश्विक समय (UTC) को खगोलीय समय (UT1) के साथ मिलाने के लिए जोड़ा जाता है, क्योंकि UT1 पृथ्वी की वास्तविक गति पर आधारित है। 1972 से अब तक 27 सकारात्मक लीप सेकंड जोड़े गए हैं — यानी हर बार एक सेकंड बढ़ाया गया है।
Static GK Tip: अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने 1972 में लीप सेकंड प्रणाली शुरू की थी।
2029 में पहला निगेटिव लीप सेकंड
चूंकि पृथ्वी अब तेज़ घूम रही है, UTC अब UT1 से पीछे रह गया है। इसलिए 2029 में पहली बार एक निगेटिव लीप सेकंड लागू करने का प्रस्ताव है — यानी एक सेकंड को हटाया जाएगा, जो समय निर्धारण के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
Static GK Fact: IERS (International Earth Rotation and Reference Systems Service) पेरिस से संचालित होता है और यही लीप सेकंड की सिफारिश करता है।
तकनीकी और वैज्ञानिक प्रभाव
हालाँकि 1.6 मिलीसेकंड की कमी सामान्य जीवन में महसूस नहीं होती, लेकिन इससे सैटेलाइट सिस्टम, GPS, फाइनेंशियल लेन–देन, और सटीक वैज्ञानिक उपकरणों पर असर पड़ता है। अब वैज्ञानिक पृथ्वी के कोर और मेंटल की संरचना पर ज्यादा शोध कर रहे हैं।
परमाणु समय बनाम खगोलीय समय
परमाणु घड़ियाँ (Atomic clocks) सीज़ियम परमाणुओं की कंपन आधारित होती हैं और नैनोसेकंड की सटीकता देती हैं। जबकि UT1 पृथ्वी की स्पिन पर आधारित होता है। जब UTC और UT1 के बीच का अंतर 0.9 सेकंड से अधिक हो जाता है, तब एक लीप सेकंड जोड़ा या हटाया जाता है — 2029 में पहली बार घटाया जाएगा।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
सबसे छोटा दिन | 9 जुलाई 2025 |
समय में अंतर | 1.6 मिलीसेकंड कम |
कारण | चंद्रमा के ज्वारीय प्रभाव, पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियाँ |
आगामी छोटे दिन | 22 जुलाई और 5 अगस्त 2025 |
लीप सेकंड प्रणाली शुरू | 1972 |
अब तक जोड़े गए लीप सेकंड | 27 (सभी सकारात्मक) |
निगरानी संगठन | IERS (पेरिस स्थित) |
2029 प्रस्ताव | निगेटिव लीप सेकंड |
उद्देश्य | UTC और UT1 को मिलाना |
अतिरिक्त Static Fact | चंद्रमा हर साल 3.8 सेमी दूर जा रहा है |