जुलाई 19, 2025 11:05 पूर्वाह्न

इंटरपोल का सिल्वर नोटिस: छिपी हुई आपराधिक संपत्तियों पर वैश्विक शिकंजा

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Interpol Launches First-Ever Silver Notice to Track Criminal Wealth

छिपी दौलत पर सटीक वार

अब अपराधियों के पीछे नहीं, बल्कि उनकी दौलत के पीछे वैश्विक कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ लग चुकी हैं। 10 जनवरी 2025 को इंटरपोल ने सिल्वर नोटिस नामक एक नई चेतावनी प्रणाली लॉन्च की, जिसका उद्देश्य है – सीमापार छिपाई गई अवैध संपत्तियों को ट्रैक करना और वापस लाना।

यह रेड नोटिस जैसा नहीं है, जो भगोड़े अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए होता है। सिल्वर नोटिस का लक्ष्य है: धन शोधन, भ्रष्टाचार, ड्रग तस्करी और आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़ी संपत्तियों को चिन्हित कर जब्त करना — चाहे वह बैंक खाता हो, लग्ज़री कार या विदेशी संपत्ति

भारत उन 52 देशों में शामिल है जो इस पायलट पहल में भाग ले रहे हैं।

सिल्वर नोटिस की आवश्यकता क्यों पड़ी?

अक्सर अपराधी तो बच निकलते हैं, लेकिन उनकी अवैध संपत्ति गुमनाम कंपनियों, टैक्स हेवेन और दूसरों के नाम पर खरीदी चीजों में छिपा दी जाती है। इंटरपोल के अनुसार, 99% आपराधिक संपत्तियाँ कभी बरामद नहीं हो पातीं

सिल्वर नोटिस इसी कमी को दूर करने की कोशिश है। यह देशों को गोपनीय संपत्ति से जुड़ी जानकारी को तेज़ी से और सुरक्षित रूप से साझा करने की सुविधा देता है, जिससे भारत जैसे देशों को वित्तीय अपराध मामलों में बढ़त मिलती है।

उदाहरण: यदि कोई ठग यूरोप में किसी फ्रंट कंपनी को पैसा भेजता है, तो सिल्वर नोटिस उस लेनदेन को ट्रैक कर सकता है, इससे पहले कि वह पूरी तरह छिप जाए।

सिल्वर नोटिस कैसे काम करता है?

यह कोई सार्वजनिक नोटिस नहीं है जिसे वेबसाइट या समाचारों में देखा जा सके। सिल्वर नोटिस पूर्ण रूप से गोपनीय होता है और केवल भरोसेमंद कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच भेजा जाता है। हर अनुरोध को इंटरपोल के महासचिवालय द्वारा सावधानीपूर्वक जाँचा जाता है।

राजनीतिक दुरुपयोग या व्यक्तिगत प्रतिशोध से बचाने के लिए इसमें स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। पायलट परियोजना (नवंबर 2025 तक) के तहत हर देश को अधिकतम 500 नोटिस जारी करने की सीमा दी गई है।

यह प्रणाली स्मार्ट, सुरक्षित और चयनात्मक है।

भारत की भूमिका और इसे मिलने वाला लाभ

भारत के लिए यह पहल बिल्कुल समयानुकूल है। नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों से लेकर फर्जी शेल कंपनियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय लेनदेन तक, भारत की चुनौती सिर्फ अपराधी को पकड़ना नहीं, बल्कि संपत्ति वापस लाना भी है

अब भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) के पास अंतरराष्ट्रीय सहयोग और त्वरित कार्रवाई का एक सशक्त उपकरण है। यहां तक कि मध्यम स्तर के आर्थिक घोटालों में भी अब विदेशी समन्वय संभव होगा।

भारत केवल भागीदार नहीं, बल्कि एक प्रमुख परीक्षण देश है जो दिखाता है कि विकासशील देश कैसे स्मार्ट वैश्विक पुलिसिंग से लाभ उठा सकते हैं।

स्थैतिक जीके स्नैपशॉट – परीक्षा हेतु

विषय विवरण
नोटिस का नाम सिल्वर नोटिस
उद्देश्य सीमा-पार आपराधिक संपत्तियों की पहचान और पुनर्प्राप्ति
लॉन्च तिथि 10 जनवरी 2025 (पायलट चरण)
अनुमोदन इंटरपोल महासभा 2023
भाग लेने वाले देश 52 देश, भारत सहित
सार्वजनिक दृश्यता नहीं – पूरी तरह गोपनीय
नोटिस सीमा प्रत्येक देश को अधिकतम 500 नोटिस (पायलट चरण में)
भारत में प्रमुख उपयोगकर्ता सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ED) – आर्थिक अपराधों और अंतरराष्ट्रीय समन्वय हेतु

 

Interpol Launches First-Ever Silver Notice to Track Criminal Wealth
  1. इंटरपोल ने 10 जनवरी 2025 को पहली बार सिल्वर नोटिस लॉन्च किया।
  2. यह नोटिस चोरी और मनी लॉन्डरिंग की गई संपत्तियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लक्षित करता है।
  3. यह इंटरपोल की रंगकोडेड नोटिस प्रणाली का वर्षों में पहला बड़ा विस्तार है।
  4. रेड नोटिस जहां भगोड़ों के लिए होता है, सिल्वर नोटिस का उद्देश्य आपराधिक धन को ट्रैक करना है।
  5. इसका मकसद संपत्तियों, लग्ज़री वाहनों, बैंक खातों और शेल कंपनियों को जब्त करना है।
  6. यह एक पायलट परियोजना है जिसमें 52 देश, भारत सहित, भाग ले रहे हैं।
  7. हर देश पायलट चरण में 500 सिल्वर नोटिस तक जारी करने का अनुरोध कर सकता है।
  8. ये नोटिस गोपनीय होते हैं और केवल अधिकृत एजेंसियों को ही उपलब्ध होते हैं।
  9. प्रत्येक नोटिस को इंटरपोल के जनरल सेक्रेटेरिएट द्वारा सत्यापित किया जाता है।
  10. यह प्रणाली मनी लॉन्डरिंग, ड्रग तस्करी, धोखाधड़ी और आतंकवाद वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करती है।
  11. इंटरपोल के अनुसार, विश्व स्तर पर 99% आपराधिक संपत्तियां अभी भी बरामद नहीं की गई हैं।
  12. भारत की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई जैसी एजेंसियां अब विदेशी छिपी संपत्तियों को ट्रैक करने के लिए सिल्वर नोटिस का उपयोग कर सकती हैं।
  13. यह भारत को विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों से संपत्ति वसूलने में मदद करेगा।
  14. सिल्वर नोटिस इंटरपोल के अन्य नोटिस जैसे रेड, ब्लू, येलो और ब्लैक नोटिस को पूरक करता है।
  15. यह नोटिस गैरराजनीतिक होते हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप होने चाहिए।
  16. इसका पायलट चरण नवंबर 2025 तक चलेगा, उसके बाद इसे वैश्विक स्तर पर लागू किया जा सकता है।
  17. यह टूल विदेशी संपत्ति रिकॉर्ड, वाहन पंजीकरण और बैंक खातों तक शीघ्र पहुंच प्रदान करता है।
  18. यह वित्तीय अपराधों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।
  19. इंटरपोल महासचिव वाल्डेसी उरक्विज़ा ने कहा: अपराध को खत्म करना है तो पैसे के पीछे जाओ।
  20. सिल्वर नोटिस आर्थिक और सीमा-पार अपराधों के खिलाफ वैश्विक पुलिसिंग में क्रांतिकारी कदम है।

 

Q1. .इंटरपोल द्वारा पेश किए गए सिल्वर नोटिस का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. इंटरपोल द्वारा सिल्वर नोटिस कब लॉन्च किया गया?


Q3. .सिल्वर नोटिस का उद्देश्य किन अपराधों से निपटना है?


Q4. .सिल्वर नोटिस पायलट प्रोजेक्ट में कितने देशों ने भाग लिया है?


Q5. पायलट चरण के दौरान प्रत्येक देश द्वारा कितने सिल्वर नोटिस की मांग की जा सकती है?


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