जुलाई 17, 2025 8:09 अपराह्न

कालादान परियोजना: पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को देगा नया रूप

समसामयिकी: कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना, विदेश मंत्रालय, सित्तवे बंदरगाह, पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर), म्यांमार, ज़ोरिनपुई, एक्ट ईस्ट नीति, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, मिज़ोरम सीमा सड़क, कार्गो कनेक्टिविटी

Kaladan Project to Redefine Northeast Connectivity

भारत-म्यांमार व्यापार के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा

कालादान मल्टीमोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना (KMTTP) को 2027 तक चालू करने की घोषणा की गई है। यह रणनीतिक परियोजना पूर्वी भारत और म्यांमार के बीच सीधा माल ढुलाई मार्ग स्थापित करेगी, जो आगे चलकर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) को जोड़ देगी। यह पहल भारत और म्यांमार के बीच क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने और सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर निर्भरता घटाने के लिए की गई है।

KMTTP के प्रमुख घटक

यह परियोजना जलमार्ग और सड़क मार्ग दोनों को जोड़ती है। जलमार्ग खंड म्यांमार के राखाइन राज्य के सिट्ट्वे बंदरगाह से काला दान नदी के माध्यम से पलेटवा तक जाता है। फिर पलेटवा से जोरीनपुई (मिजोरम सीमा) तक सड़क मार्ग बनता है। इसमें Inland Waterways Authority of India (IWAI) को परियोजना सलाहकार और विदेश मंत्रालय को नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया है।

Static GK Fact: सिट्ट्वे बंदरगाह का निर्माण भारत द्वारा 2008 के भारतम्यांमार समझौते के तहत किया गया था।

पूर्वोत्तर के लिए रणनीतिक महत्व

भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है, और केवल 21 किमी चौड़े सिलिगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) से मुख्य भारत से जुड़ा है। KMTTP इस भौगोलिक अलगाव को खत्म करेगा, और माल ढुलाई लागत समय को 50% तक कम कर देगा, विशेष रूप से कोलकाता और आइज़ोल के बीच।

Static GK Fact: आइज़ोल मिजोरम की राजधानी है और पूर्वोत्तर के तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है।

एक्ट ईस्ट नीति को मिलेगा बल

2014 में घोषित एक्ट ईस्ट नीति का उद्देश्य दक्षिणपूर्व एशिया के साथ भारत की साझेदारी को गहरा करना है। KMTTP इस नीति के तहत व्यापारिक संपर्क और पूर्वोत्तर के औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा, खासकर एग्रोप्रोसेसिंग और निर्माण क्षेत्र में।

अन्य पूरक परियोजनाएं

कालादान परियोजना के साथ कई अन्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पहलें जुड़ी हैं:

  • भारतम्यांमारथाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग – मणिपुर के मोरेह से म्यांमार होते हुए थाईलैंड के मै सोत तक।
  • अंतर्देशीय जल परिवहन प्रोटोकॉल (PIWT&T) – भारत और बांग्लादेश के जहाजों को चिह्नित जलमार्गों पर आवाजाही की अनुमति।
  • BBIN मोटर वाहन समझौता (2015) – बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल के बीच सड़क कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना।
  • बांग्लादेश के साथ MoU – चटगांव और मोंगला बंदरगाहों तक भारतीय पहुँच को अनुमति देना।

Static GK Tip: BBIN समझौता 2015 में हस्ताक्षरित हुआ था ताकि दक्षिण एशिया में उपक्षेत्रीय संपर्क को मजबूती दी जा सके।

Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)

विषय विवरण
KMTTP की शुरुआत 2027 तक चालू होने की उम्मीद
जलमार्ग मार्ग सिट्ट्वे से पलेटवा (काला दान नदी के माध्यम से)
सड़क मार्ग पलेटवा से जोरीनपुई (भारत-म्यांमार सीमा)
नोडल मंत्रालय विदेश मंत्रालय
परियोजना सलाहकार Inland Waterways Authority of India (IWAI)
एक्ट ईस्ट नीति 2014 में घोषित
लॉजिस्टिक्स प्रभाव कोलकाता-आइज़ोल के बीच समय और लागत में 50% की कमी
संबंधित राजमार्ग भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग
BBIN समझौता 2015 में हस्ताक्षरित
प्रमुख बंदरगाह सिट्ट्वे पोर्ट (राखाइन राज्य, म्यांमार)
Kaladan Project to Redefine Northeast Connectivity
  1. कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) 2027 तक चालू हो जाएगा।
  2. यह पूर्वी भारत को म्यांमार और आगे पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) से जोड़ता है।
  3. यह परियोजना सित्तवे से पलेत्वा तक जलमार्ग और पलेत्वा से ज़ोरिनपुई (मिज़ोरम) तक सड़क मार्ग को जोड़ती है।
  4. सित्तवे बंदरगाह का निर्माण भारत द्वारा 2008 के भारत-म्यांमार फ्रेमवर्क समझौते के तहत किया गया था।
  5. विदेश मंत्रालय KMTTP के लिए नोडल मंत्रालय है।
  6. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) परियोजना विकास सलाहकार के रूप में कार्य करता है।
  7. यह परियोजना सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन्स नेक) को बायपास करती है, जिससे पूर्वोत्तर की मुख्य भूमि तक पहुँच बेहतर होती है।
  8. इससे रसद लागत और यात्रा समय में 50% की कमी आने की उम्मीद है, खासकर कोलकाता से आइज़ोल तक।
  9. केएमटीटीपी भारत की 2014 में शुरू की गई एक्ट ईस्ट नीति (एईपी) के अनुरूप है।
  10. यह दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार, संपर्क और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।
  11. मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल को इस परियोजना से काफ़ी लाभ होने वाला है।
  12. केएमटीटीपी पूर्वोत्तर में कृषि-प्रसंस्करण और विनिर्माण के विकास का समर्थन करता है।
  13. यह परियोजना भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पहल का पूरक है।
  14. यह अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार प्रोटोकॉल (पीआईडब्ल्यूटीएंडटी) के साथ तालमेल में काम करता है।
  15. यह उप-क्षेत्रीय सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए 2015 में हस्ताक्षरित बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते का समर्थन करता है।
  16. बांग्लादेश के साथ एक समझौता ज्ञापन चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों तक भारत की पहुँच की अनुमति देता है।
  17. केएमटीटीपी दक्षिण-पूर्व एशिया और बंगाल की खाड़ी तक भारत की रणनीतिक पहुँच को बेहतर बनाता है।
  18. नया गलियारा क्षेत्रीय व्यापार लचीलापन और विविधीकरण को बढ़ाता है।
  19. यह भारतीय निर्यातकों और निर्माताओं के लिए वैकल्पिक व्यापार मार्ग खोलता है।
  20. केएमटीटीपी भारत के बुनियादी ढांचे और विदेश नीति के अभिसरण में एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है।

Q1. कलादान मल्टीमोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना (KMTTP) के किस वर्ष तक चालू होने की उम्मीद है?


Q2. KMTTP जलमार्ग मार्ग का प्रारंभिक बंदरगाह कौन-सा है?


Q3. KMTTP सड़क खंड के माध्यम से म्यांमार से सीधे जुड़ने वाला भारतीय राज्य कौन-सा है?


Q4. KMTTP को लागू करने के लिए नोडल मंत्रालय कौन-सा है?


Q5. कलादान परियोजना भारत की किस रणनीतिक नीति के तहत आती है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF July 11

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

दिन की खबरें

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.