असम के घने जंगलों में मिली नई प्रजाति
असम के बकसा ज़िले के बामुनबाड़ी क्षेत्र में गार्सिनिया कुसुमाए नामक एक नई वृक्ष प्रजाति की खोज हुई है। यह गार्सिनिया वंश से संबंधित है, जो अपनी औषधीय क्षमताओं और पुष्प विविधता के लिए जाना जाता है। यह खोज विज्ञान आधारित सर्वेक्षण और हर्बेरियम संग्रह के माध्यम से की गई।
इस प्रजाति का नाम जतिंद्र शर्मा की मां कुसुम देवी के नाम पर रखा गया, जिन्होंने उनके अकादमिक जीवन में प्रेरणा दी। यह शर्मा द्वारा परिवार के सदस्य के नाम पर रखी गई चौथी प्रजाति है।
विशेष संरचना और पहचान
गार्सिनिया कुसुमाए एक द्विलिंगी, सदाबहार वृक्ष है जिसकी ऊंचाई 18 मीटर तक हो सकती है। इसका पुष्पकाल फरवरी से अप्रैल और फलकाल मई से जून तक होता है।
इसकी एक खास पहचान है कि प्रत्येक गुच्छे में 15 तक नर पुष्प हो सकते हैं, लेकिन प्रत्येक पुष्प में परागकोष की संख्या तुलनात्मक रूप से कम होती है। इसके फलों से निकलने वाला काला रेज़िन इसे अन्य गार्सिनिया प्रजातियों से अलग करता है। यह गार्सिनिया असामिका, गार्सिनिया कोवा, और गार्सिनिया सक्सिफोलिया से कुछ हद तक मिलती-जुलती है, परंतु संरचनात्मक अंतर इसे एक नई प्रजाति सिद्ध करते हैं।
पारंपरिक औषधीय और खाद्य उपयोग
इस वृक्ष का फल स्थानीय संस्कृति में औषधीय और पाक उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। ग्रामीण इसे सुखाकर शरबत बनाते हैं, जो गर्मी और लू से बचाव में सहायक होता है।
फल का उपयोग मछली आधारित करी में भी होता है और इसका बीज का गूदा सरसों का तेल, मिर्च और नमक के साथ कच्चा खाया जाता है। जनजातीय परंपराओं में यह डायबिटीज और पेचिश के इलाज में भी काम आता है।
गार्सिनिया वंश की जानकारी
गार्सिनिया वंश, Clusiaceae परिवार का सबसे बड़ा वंश है, जिसमें 414 प्रजातियाँ शामिल हैं। ये मुख्यतः उष्णकटिबंधीय इलाकों में पाए जाते हैं और इनके औषधीय, पारिस्थितिक और व्यावसायिक मूल्य अत्यधिक हैं।
Static GK तथ्य: भारत में 33 गार्सिनिया प्रजातियाँ और 7 किस्में पाई जाती हैं, जिनमें से असम में 12 प्रजातियाँ और 3 किस्में मौजूद हैं।
जैव विविधता और मानवीय वैज्ञानिक समर्पण का प्रतीक
गार्सिनिया कुसुमाए की खोज पूर्वोत्तर भारत की वन जैव विविधता को उजागर करती है। यह दर्शाता है कि वैज्ञानिक खोज और पारंपरिक ज्ञान का मेल नई प्रजातियों की पहचान में कैसे मदद कर सकता है।
प्रजाति को माता के नाम पर नामित कर जतिंद्र शर्मा ने विज्ञान में मानवीय भावनाओं का समावेश किया है, जिससे यह वृक्ष भविष्य में औषधीय और वनस्पति अनुसंधान का केंद्र बन सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नई प्रजाति का नाम | गार्सिनिया कुसुमाए |
खोज का स्थान | बामुनबाड़ी, बकसा ज़िला, असम |
वंश | गार्सिनिया |
परिवार | क्लूसिएसी |
वृक्ष प्रकार | द्विलिंगी, सदाबहार |
पुष्प काल | फरवरी–अप्रैल |
फल काल | मई–जून |
औषधीय उपयोग | डायबिटीज, पेचिश, लू |
स्थानीय उपयोग | शरबत, मछली करी, कच्चा बीज गूदा |
असम की गार्सिनिया विविधता | 12 प्रजातियाँ, 3 किस्में |