घर-घर राशन पहुंचाने की नई पहल
तमिलनाडु सरकार ने 3 जुलाई 2025 को एक पायलट परियोजना शुरू की, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों (PwDs) को राशन अब सीधे उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। यह योजना उन लोगों के लिए राहत लेकर आई है जिन्हें पारंपरिक राशन दुकानों तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
चेन्नई में 5,000 लाभार्थियों को इस सेवा से जोड़ा गया है।
मोबाइल पीडीएस दुकानें क्या हैं?
मोबाइल पीडीएस दुकानें स्पेशल वाहनों के रूप में काम करती हैं, जो फेयर प्राइस शॉप ऑन व्हील्स की तरह कार्य करती हैं। प्रत्येक वाहन में एक प्रशिक्षित दुकानदार होता है, जो डिजिटल वज़न मशीन और पाम रीडर के ज़रिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करता है।
इस डिजिटल मॉडल से पहुंच में सुधार और वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
Static GK टिप: भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की शुरुआत 1947 में हुई थी और यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजनाओं में से एक है।
लाभार्थियों को राहत और गरिमा
चेन्नई की वरिष्ठ नागरिक आर. राजेश्वरी और ए.एन. वल्ली के लिए यह सेवा बड़ी राहत लेकर आई है। अब उन्हें न तो दुकान तक जाना पड़ता है, और न ही दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
यह पहल सामाजिक समावेशन और आत्मसम्मान को बढ़ावा देती है, खासकर वृद्ध और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए।
Static GK तथ्य: भारत में 2011 जनगणना के अनुसार 2.68 करोड़ से अधिक दिव्यांगजन हैं।
जिलों में विस्तार और डेटा संग्रह
चेन्नई के अलावा यह योजना कुड्डालोर, तिरुनेलवेली और डिंडीगुल जिलों में भी लागू की गई है। इसका उद्देश्य शहरी, ग्रामीण और तटीय क्षेत्रों में सेवा प्रदान कर राज्यव्यापी विस्तार की संभावनाओं का मूल्यांकन करना है।
चुनौतियाँ और जागरूकता की ज़रूरत
उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता टी. सदागोपन जैसे विशेषज्ञों ने जागरूकता की कमी को एक बड़ी चुनौती बताया है।
यदि लाभार्थियों को योजना के बारे में जानकारी नहीं दी गई, तो वे सरकारी कर्मचारियों से बातचीत की झिझक या अनभिज्ञता के कारण इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसके लिए मजबूत IEC (सूचना, शिक्षा, संप्रेषण) अभियान आवश्यक है।
समावेशी शासन की दिशा में कदम
यह मोबाइल पीडीएस पहल तमिलनाडु सरकार की समावेशी कल्याण नीतियों की मिसाल है। यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो अन्य राज्यों में भी इसे अपनाया जा सकता है, विशेष रूप से वहां जहां PDS तक पहुंच चुनौतीपूर्ण है।
यह दिखाता है कि तकनीक और सहानुभूति मिलकर सार्वजनिक सेवा वितरण को सशक्त बना सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना प्रारंभ तिथि | 3 जुलाई 2025 |
योजना का प्रकार | मोबाइल सार्वजनिक वितरण प्रणाली |
लक्षित समूह | वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन (PwDs) |
पायलट स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु |
अन्य जिलों में कार्यान्वयन | कुड्डालोर, तिरुनेलवेली, डिंडीगुल |
प्रयुक्त उपकरण | वज़न मशीन, पाम रीडर |
कर्मचारी भूमिका | प्रत्येक वाहन में एक प्रशिक्षित दुकानदार |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 5,000 |
भारत में पीडीएस की शुरुआत | वर्ष 1947 |
भारत में दिव्यांगजन (2011 जनगणना) | 2.68 करोड़ से अधिक |