एनीमियाफोन क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है
एनीमियाफोन एक पोर्टेबल डिवाइस है जो केवल एक बूंद खून से आयरन की कमी (एनीमिया) का पता लगाता है। इसे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने विकसित किया और 7 नवंबर 2024 को इसे भारत में आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) को ट्रांसफर किया गया। यह मोबाइल ऐप के ज़रिए परिणामों को एक केंद्रीय डेटाबेस में भेजता है। यह यंत्र बिना प्रयोगशाला और बिजली के कार्य करता है, इसलिए यह ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। भारत में 57% महिलाएं और 67.1% बच्चे एनीमिया से प्रभावित हैं — ऐसे में यह डिवाइस कम लागत में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान को तकनीकी समर्थन
2018 में शुरू हुआ एनीमिया मुक्त भारत (AMB) अभियान छह लक्षित समूहों को ध्यान में रखकर बनाया गया है: बच्चे, किशोर, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, प्रजनन आयु की महिलाएं और स्कूली बच्चे। इसका 6x6x6 मॉडल छह हस्तक्षेप (जैसे जांच, उपचार, आयरन-फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स, कृमिनाशन, आहार परिवर्तन और जनजागरूकता) पर आधारित है। एनीमियाफोन इस प्रक्रिया को तेज करता है, क्योंकि इससे तुरंत परिणाम मिलते हैं और आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दूरस्थ क्षेत्रों में भी मौके पर उपचार प्रदान कर सकते हैं।
यह कैसे काम करता है: एक जमीनी परिप्रेक्ष्य
एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता रक्त की एक बूंद लेकर जांच पट्टी पर रखता है। कुछ ही मिनटों में परिणाम मिल जाता है और वह मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड हो जाता है। यदि एनीमिया की पुष्टि होती है, तो कार्यकर्ता तुरंत आयरन और फोलिक एसिड टैबलेट, आहार सलाह, या आवश्यक होने पर चिकित्सा संदर्भ दे सकता है। उदाहरण के लिए, झारखंड की किसी गर्भवती महिला की घर पर जांच की जा सकती है और उसी दिन से उपचार शुरू हो सकता है — पारंपरिक लैब प्रक्रियाओं से बहुत तेज़।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि एनीमियाफोन एक आशाजनक तकनीक है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
• फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को तकनीक का प्रशिक्षण
• दूरस्थ क्षेत्रों में बैटरी और इंटरनेट की उपलब्धता
• एनीमिया से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करना और जागरूकता फैलाना
फिर भी, यह भारत की प्रौद्योगिकी–सक्षम सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईसीएमआर और राज्य स्वास्थ्य विभागों के सहयोग से यह उपकरण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच की दिशा को पूरी तरह बदल सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए
विषय | तथ्य |
उपकरण का नाम | एनीमियाफोन |
विकासकर्ता | कॉर्नेल यूनिवर्सिटी |
किसे ट्रांसफर किया गया | भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) |
ट्रांसफर की तिथि | 7 नवंबर 2024 |
कार्य | खून की एक बूंद से एनीमिया की जांच, मोबाइल ऐप द्वारा रिपोर्ट |
एनीमिया मुक्त भारत की शुरुआत | वर्ष 2018 |
लक्षित समूह | 6 – बच्चे, किशोर, गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाएं, प्रजनन आयु की महिलाएं, स्कूली बच्चे |
महिलाओं में एनीमिया की दर (15–49 वर्ष) | 57% |
बच्चों में एनीमिया की दर (6–59 माह) | 67.1% |
6x6x6 रणनीति | 6 लक्ष्य, 6 हस्तक्षेप, 6 संस्थागत तंत्र |