जुलाई 18, 2025 8:25 पूर्वाह्न

पीएम-किसान योजना के लिए अनिवार्य किसान आईडी: कृषि कल्याण में एक डिजिटल बदलाव

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Mandatory Farmer ID for PM-Kisan Scheme: What It Means for Indian Farmers

पीएम-किसान का डिजिटल बदलाव: 2025 से क्या बदल रहा है?

1 जनवरी 2025 से, पीएम-किसान योजना के सभी नए आवेदकों को डिजिटल किसान आईडी देना अनिवार्य होगा — जो भूमि अभिलेखों से जुड़ी डिजिटल रूप से सत्यापित पहचान होगी। पहले से लाभार्थी किसान इससे प्रभावित नहीं होंगे। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, और सब्सिडी लक्ष्यीकरण को अधिक कुशल बनाना है।

पीएम-किसान क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

24 फरवरी 2019 को शुरू हुई पीएमकिसान योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को ₹6,000 वार्षिक सहायता दी जाती है — जिसे ₹2,000 की तीन किस्तों में सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और इसका उद्देश्य लघु एवं सीमांत किसानों के लिए इनपुट लागत और दैनिक खर्च को कम करना है।

अक्टूबर 2024 की किस्त में, 9.4 करोड़ किसानों को ₹2,000 की राशि डीबीटी के माध्यम से प्राप्त हुई — जो योजना की सफलता और आवश्यकता को दर्शाता है।

किसान आईडी क्या है और यह क्यों ज़रूरी है?

किसान आईडी एक डिजिटल पहचान संख्या है जिसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:

  • भूमि स्वामित्व का सत्यापन
    • फसल की जानकारी और आधार से लिंक
    • डिजिटल कृषि बाज़ारों तक पहुंच

यह एग्रीस्टैक पहल के तहत तैयार की जा रही किसान रजिस्ट्री का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सभी सरकारी योजनाओं को केवल वास्तविक किसानों तक पहुँचाना है।

मुख्य लाभ:

  • नकली लाभार्थियों में कमी
    • आगामी योजनाओं के लिए सरल पंजीकरण
    • डीबीटी के लिए तत्काल सत्यापन

अब तक किन राज्यों में लागू हुआ है?

जनवरी 2025 तक, 10 राज्यों में किसान आईडी अनिवार्य की जा चुकी है:

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ — ये राज्य कुल पीएमकिसान लाभार्थियों के 84% को कवर करते हैं।

तमिलनाडु जैसे राज्य भूमि डिजिटलीकरण के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया में हैं।

संसद ने लाभ बढ़ाने की सिफारिश की

मुद्रास्फीति और बढ़ती खेती लागत को देखते हुए, संसदीय समिति ने पीएमकिसान लाभ को ₹12,000 वार्षिक करने की सिफारिश की है। इससे छोटे किसानों की जलवायु आपदाओं और मूल्य अस्थिरता के प्रति सहनशीलता बढ़ेगी।

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विषय विवरण
योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan)
आरंभ तिथि 24 फरवरी 2019
वार्षिक लाभ ₹6,000 (₹2,000 की 3 किस्तों में)
नया नियम लागू 1 जनवरी 2025 से
किसान आईडी अनिवार्यता केवल नए आवेदकों के लिए
लागू करने वाले राज्य 10 (84% लाभार्थी कवर)
किसान आईडी लक्ष्य (मार्च 2025 तक) 6 करोड़
अब तक जारी किसान आईडी (जनवरी 2025 तक) 1 करोड़
नवीनतम डीबीटी ट्रांसफर अक्टूबर 2024 – 9.4 करोड़ किसानों को
वित्त स्रोत पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा
डीबीटी प्रणाली हाँ, बैंक खातों में सीधा भुगतान
प्रस्तावित नई वार्षिक सहायता ₹12,000 (संसदीय समिति की सिफारिश)
Mandatory Farmer ID for PM-Kisan Scheme: What It Means for Indian Farmers
  1. किसान ID 1 जनवरी 2025 से PM-Kisan के नए आवेदकों के लिए अनिवार्य हो गया है, जिससे डिजिटल सत्यापन और लक्षित सब्सिडी वितरण सुनिश्चित होगा।
  2. PM-Kisan योजना योग्य किसान परिवारों को हर साल ₹6,000 देती है, जो तीन किस्तों में ₹2,000 के रूप में वितरित होती है।
  3. किसान ID एक डिजिटल ID है जो भूमि रिकॉर्ड्स से जुड़ी होती है, और इसमें फसल पैटर्न, भूमि धारण आकार, और जनसांख्यिकी जानकारी जैसी महत्वपूर्ण डेटा होती है।
  4. किसान ID प्रणाली Agri-Stack पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एक केंद्रीकृत किसान रजिस्ट्री बनाना है।
  5. यह नया नियम मौजूदा लाभार्थियों को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह 2025 से नए आवेदकों पर लागू होगा।
  6. किसान ID का उद्देश्य डुप्लिकेट दावों, मैनुअल त्रुटियों, और आवेदन स्वीकृतियों में देरी को समाप्त करना है।
  7. भूमि स्वामित्व को सीधे आवेदक की डिजिटल पहचान से जोड़ने से प्रणाली में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ती है।
  8. किसान ID कागजी कार्यवाही को कम करता है और सत्यापन को तेज करता है।
  9. 2025 की शुरुआत तक 10 राज्यों ने किसान ID अनिवार्य किया है, जो PM-Kisan के 84% लाभार्थियों को कवर करते हैं।
  10. इस प्रणाली को लागू करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य शामिल हैं।
  11. तमिलनाडु और अन्य राज्य भूमि डिजिटलीकरण प्रणालियों के संचालन के बाद इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
  12. किसान रजिस्ट्री PM-Kisan पंजीकरण, फसल बीमा, उर्वरक सब्सिडी, और डिजिटल कृषि सेवाओं के लिए एक केंद्रीय डेटाबेस है।
  13. जनवरी 2025 तक, 1 करोड़ किसान ID जारी की गई हैं, और मार्च 2025 तक 6 करोड़ IDs बनाने का लक्ष्य है।
  14. PM-Kisan डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मॉडल का पालन करता है, जिससे धन सीधे किसानों के बैंक खातों में जाता है।
  15. DBT प्रणाली मध्यस्थों को समाप्त करती है, जिससे समय पर और पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित होते हैं।
  16. अक्टूबर 2024 में, 4 करोड़ किसानों को ₹2,000 प्रत्येक मिला, जिससे PM-Kisan की पैमाने और दक्षता का प्रदर्शन हुआ।
  17. एक संसदीय समिति ने वार्षिक लाभ को ₹12,000 बढ़ाने की सिफारिश की है, जिससे योजना का प्रभाव दोगुना हो जाएगा।
  18. PM-Kisan को 24 फरवरी 2019 को छोटे किसानों को ₹6,000 वार्षिक सहायता देने के लिए लॉन्च किया गया था।
  19. किसान ID नियम का उद्देश्य धोखाधड़ी रोकथाम को बढ़ाना और भारतीय कृषि के लिए डेटाआधारित भविष्य बनाना है।
  20. यह कदम डिजिटल कृषि शासन में एक परिवर्तनकारी कदम है, जो भारत के कृषि क्षेत्र में लचीलापन और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

Q1. भारत सरकार ने PM-Kisan योजना के लिए अनिवार्य किसान ID कब घोषित की?


Q2. PM-Kisan योजना के तहत वार्षिक लाभ राशि कितनी है?


Q3. PM-Kisan योजना के तहत किसान ID का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q4. निम्नलिखित में से कौन सा राज्य है जहाँ किसान ID नियम 2025 की शुरुआत तक लागू नहीं हुआ है?


Q5. 7 जनवरी, 2025 तक कितनी किसान IDs बनाई गई हैं?


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