चुनावों में भाग न लेने वाले दल
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने तमिलनाडु के कम से कम 24 राजनीतिक दलों को पंजीकृत लेकिन अप्रत्याक्षात दलों की सूची में शामिल किया है। इन दलों ने पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकरण के बाद चुनावों में भाग लेना एक जिम्मेदारी मानी जाती है। ऐसे निष्क्रिय दलों को अब निर्वाचन आयोग द्वारा “कारण बताओ नोटिस“ भेजा जा सकता है।
पंजीकृत लेकिन अप्रत्याक्षात दल क्या होते हैं?
ऐसे दल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत होते हैं, जिससे उन्हें राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करने की अनुमति मिलती है। हालांकि, जब तक उन्हें राज्य या राष्ट्रीय मान्यता नहीं मिलती, तब तक वे आरक्षित चुनाव चिह्न, सरकारी मीडिया पहुंच, जैसी सुविधाओं से वंचित रहते हैं। फिर भी, उन्हें धारा 13A के तहत आयकर छूट जैसी कुछ कानूनी सुविधाएं मिलती हैं।
पंजीकरण क्यों महत्वपूर्ण है?
निर्वाचन आयोग किसी दल को उसके आवेदन, उद्देश्य और संविधान के आधार पर पंजीकृत करता है ताकि वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सके। लेकिन जो दल लगातार छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ते, उनकी वैधता पर सवाल उठते हैं।
Static GK Fact: निर्वाचन आयोग की स्थापना 1950 में हुई थी और उसे चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के तहत राजनीतिक दलों का पंजीकरण और चिह्न आवंटन का अधिकार प्राप्त है।
पंजीकृत दलों को मिलने वाले लाभ
हालांकि इन्हें मान्यता नहीं मिली होती, फिर भी इन्हें निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं:
- धारा 13A के तहत आयकर छूट
- चुनाव चिह्न आदेश के पैरा 10B के तहत चिह्न आवंटन की संभावना
- स्टार प्रचारकों की नामांकन सुविधा, जिससे खर्च रिपोर्टिंग में राहत मिलती है
- चुनावी डेटाबेस में औपचारिक पहचान
Static GK Tip: किसी दल को मान्यता बनाए रखने के लिए राज्य चुनावों में 6% वैध मत या कम से कम दो सीटें जीतनी होती हैं।
निर्वाचन आयोग की आगामी कार्यवाही
ECI इन निष्क्रिय दलों को कारण बताओ नोटिस भेजेगा। यदि ये वैध कारण नहीं दे पाए तो इन्हें डीरजिस्टर किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से निर्वाचन प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहती है।
Static GK Fact: जुलाई 2025 तक भारत में 2,700 से अधिक पंजीकृत राजनीतिक दल हैं, लेकिन केवल लगभग 60 को राज्य या राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
तमिलनाडु में नोटिस प्राप्त दलों की संख्या | 24 |
कारण | छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा |
पंजीकरण से संबंधित अधिनियम | जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A |
कर छूट से संबंधित अधिनियम | आयकर अधिनियम की धारा 13A |
मान्यता नियम | चुनाव चिह्न आरक्षण और आवंटन आदेश, 1968 |
संबंधित प्राधिकरण | भारत निर्वाचन आयोग |
भारत में कुल पंजीकृत दल (2025) | 2,700 से अधिक |
मान्यता प्राप्त करने की शर्त | 6% वोट या 2 विधानसभा सीटें |
पंजीकरण के लाभ | टैक्स छूट, चिह्न आवंटन, स्टार प्रचारक सुविधा |
निर्वाचन आयोग की स्थापना | 1950 |