साहित्यिक उत्कृष्टता का सम्मान
ओड़िया साहित्य की प्रतिष्ठित हस्ती प्रतिभा सतपथी को गंगाधर राष्ट्रीय कविता पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें 5 जनवरी 2025 को संबलपुर विश्वविद्यालय के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार उनके कविता के क्षेत्र में दीर्घकालिक योगदान को मान्यता देता है।
यह पुरस्कार ओड़िया के प्रसिद्ध कवि गंगाधर मेहर की स्मृति में दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी और पहली बार 1991 में प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन कवियों को सम्मानित करता है जिन्होंने भारतीय साहित्य को अपनी लेखनी से समृद्ध किया है।
1960 के दशक से शुरू हुई एक काव्य यात्रा
प्रतिभा सतपथी ने साहित्यिक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति 1960 के दशक में ‘शेषा जन्हा’ नामक काव्य संग्रह से दर्ज कराई। उनकी कविताएँ समय की सीमाओं से परे जाकर कई भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में अनूदित हुई हैं। इससे उनकी कविता की सार्वभौमिक अपील स्पष्ट होती है।
वे इससे पहले साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं, जो भारत का प्रमुख साहित्यिक सम्मान है। इससे उनके स्थायी साहित्यिक प्रभाव की पुष्टि होती है।
गंगाधर राष्ट्रीय पुरस्कार की विशेषताएँ
यह पुरस्कार हर वर्ष संबलपुर विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर प्रदान किया जाता है। चयन प्रक्रिया सख्त और गुणवत्ता आधारित होती है, जिसके चलते कभी-कभी एक साल की देरी भी होती है।
पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, एक शॉल और ₹1,00,000 की राशि शामिल होती है। गुलज़ार, केदारनाथ सिंह और अय्यप्पा पणिक्कर जैसे महान कवि इस पुरस्कार के पूर्व प्राप्तकर्ता रहे हैं।
यह सम्मान क्यों महत्वपूर्ण है?
इस तरह के पुरस्कार न केवल प्रतिभा को मान्यता देते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को साहित्य की शक्ति से भी जोड़ते हैं। प्रतिभा सतपथी की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि कविता आज भी संवेदनाओं, संघर्षों और सौंदर्य को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम है।
संबलपुर विश्वविद्यालय की भूमिका
1967 में स्थापित संबलपुर विश्वविद्यालय ने क्षेत्रीय साहित्य के संरक्षण और प्रोत्साहन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गंगाधर पुरस्कार जैसे सम्मान, ओड़िया साहित्य और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पुरस्कार नाम | गंगाधर राष्ट्रीय कविता पुरस्कार |
वर्ष | 2023 |
पुरस्कार तिथि | 5 जनवरी 2025 |
आयोजक | संबलपुर विश्वविद्यालय |
अवसर | 58वीं स्थापना दिवस |
प्राप्तकर्ता | प्रतिभा सतपथी |
प्रेरणास्रोत | गंगाधर मेहर |
शुरुआत | 1989 |
पहली बार दिया गया | 1991 |
पुरस्कार में शामिल | प्रशस्ति पत्र, शॉल, ₹1,00,000 नकद |
पूर्व विजेता | गुलज़ार, केदारनाथ सिंह, अय्यप्पा पणिक्कर |
अन्य सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार |
प्रमुख रचना | शेषा जन्हा |
भाषा | ओड़िया |
विश्वविद्यालय की स्थापना | 1967 |
स्थान | ओडिशा |
अनुवाद | कई भाषाओं में अनुवादित |
उद्देश्य | कविता में उत्कृष्टता को मान्यता देना |
चयन प्रक्रिया | विस्तृत और एक वर्ष की देरी संभव |
साहित्यिक महत्व | क्षेत्रीय और राष्ट्रीय साहित्य को प्रोत्साहन |