हर बैटरी को मिलेगी एक डिजिटल पहचान
भारत सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के माध्यम से बैटरी आधार पहल 2025 की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश के बैटरी पारिस्थितिकी तंत्र को डिजिटल रूप से मजबूत बनाना है। इस पहल का अनावरण बैटरी समिट 2025 में किया गया और इसे तकनीकी रूप से समर्थित किया टाटा एलएक्सएसआई द्वारा, जिसने अपने MOBIUS+ प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके इसका प्रदर्शन किया।
इस डिजिटल प्रणाली के माध्यम से हर बैटरी को एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी, जिसमें उसके निर्माण की जानकारी, रसायनिक संरचना, प्रमाणपत्र, और प्रदर्शन से संबंधित डेटा दर्ज रहेगा।
बैटरी आधार क्यों है खास?
यह पहल एक बैटरी के पूरे जीवनचक्र को ट्रैक करने में सक्षम है, जिससे उसके चार्ज-डिस्चार्ज चक्र, प्रदर्शन में गिरावट, और मेंटेनेंस की आवश्यकता की भविष्यवाणी की जा सकती है। इससे बैटरियों का जीवनकाल बढ़ेगा और अचानक खराब होने की घटनाएं कम होंगी।
साथ ही, इस पहल का एक बड़ा उद्देश्य है बैटरियों के पुनर्चक्रण (recycling) को कारगर बनाना। डिजिटल पहचान से यह पता लगाया जा सकता है कि किन भागों का दोबारा उपयोग किया जा सकता है, जिससे कचरे में कमी और संसाधनों की बचत संभव होगी।
नकली बैटरियों पर रोक और उपभोक्ता का भरोसा
भारत में नकली बैटरियों की समस्या काफी गंभीर है, जो सुरक्षा जोखिमों और पर्यावरणीय नुकसान का कारण बनती है। बैटरी आधार से सिर्फ प्रमाणित और पंजीकृत बैटरियों को बाजार में लाना संभव होगा, जिससे नकली उत्पादों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
इससे इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण से जुड़े उपभोक्ताओं का भरोसा भी बढ़ेगा क्योंकि उन्हें गुणवत्ता वाली बैटरियों की जानकारी पहले से उपलब्ध होगी।
वैश्विक मानकों से मेल और भारत की तैयारियाँ
डिजिटल उत्पाद पासपोर्ट की अवधारणा को यूरोपीय संघ पहले ही इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्त्र क्षेत्रों में लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। भारत भी इसी दिशा में बढ़कर इलेक्ट्रिक वाहन और सौर ऊर्जा भंडारण जैसे क्षेत्रों में बैटरियों की निगरानी और पुनर्चक्रण को बढ़ावा दे रहा है।
इस पहल से भारत स्थायी विकास की दिशा में एक अहम कदम उठा रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी नवाचार दोनों को साथ लेकर चलता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
प्रमुख तत्व | विवरण |
लॉन्च संस्था | विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) |
कार्यक्रम का नाम | बैटरी समिट 2025 |
तकनीकी भागीदार | टाटा एलएक्सएसआई |
प्रयुक्त प्लेटफॉर्म | MOBIUS+ |
मुख्य विशेषता | बैटरियों के लिए डिजिटल पहचान |
डेटा ट्रैकिंग बिंदु | निर्माण, रसायन, प्रमाणन, प्रदर्शन |
मुख्य लाभ | पुनर्चक्रण, मेंटेनेंस, नकली बैटरियों पर रोक |
संबंधित अवधारणा | डिजिटल उत्पाद पासपोर्ट |
स्टैटिक जीके जानकारी | DST की स्थापना मई 1971 में हुई थी |
संबंधित क्षेत्र | इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण प्रणाली |