जुलाई 18, 2025 2:35 अपराह्न

बेहतर ग्रामीण शासन के लिए पंचायती उन्नति सूचकांक 2.0 लॉन्च

करेंट अफेयर्स: पंचायत उन्नति सूचकांक 2.0, पंचायती राज मंत्रालय, पीएआई 2.0 पोर्टल लॉन्च, एसडीजी का स्थानीयकरण, राष्ट्रीय राइटशॉप पीएआई 2025, ग्राम पंचायत प्रदर्शन सूचकांक, स्थानीय संकेतक ढांचा 2025

Panchayat Advancement Index 2.0 launched for better rural governance

भारत ने ग्रामीण मूल्यांकन प्रणाली को किया अपडेट

भारत सरकार ने ग्राम पंचायतों की कार्यक्षमता को मापने और मजबूत करने के लिए पंचायती उन्नति सूचकांक 2.0 (PAI 2.0) की शुरुआत की है। यह लॉन्च नेशनल राइटशॉप में हुआ, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और ग्रामीण निकायों के अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर PAI 2.0 पोर्टल, वित्त वर्ष 2023–24 के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और लोकल इंडिकेटर फ्रेमवर्क बुकलेट भी जारी की गई।

यह नया संस्करण विशेष रूप से ग्राम पंचायतों को डेटा आधारित मूल्यांकन के ज़रिए सुधारने के उद्देश्य से बनाया गया है।

पंचायती उन्नति सूचकांक क्या है?

पंचायती उन्नति सूचकांक पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित एक मूल्यांकन उपकरण है, जो देश की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रदर्शन मापता है। इसका उद्देश्य स्थायी विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ ग्रामीण विकास को जोड़ना है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता और बुनियादी ढांचे जैसे विषयों पर स्थानीय प्रगति का मूल्यांकन होता है।

यह सूचकांक स्थानीय शासन में पारदर्शिता और फोकस को बढ़ावा देता है।

PAI 2.0 में क्या नया है?

PAI 2.0 पहले संस्करण की तुलना में अधिक सरल और प्रभावी है। इसमें मूल्यांकन संकेतकों की संख्या 72% तक घटाकर 147 कर दी गई है, जिससे डेटा संग्रह आसान और गुणवत्ता बेहतर बनती है। ये संकेतक 9 मुख्य विषयों में विभाजित हैं जो ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।

9 प्रमुख विषय जो स्थानीय प्रगति को दर्शाते हैं

नवीन सूचकांक जिन विषयों पर केंद्रित है, वे भारत के एसडीजी लक्ष्यों से मेल खाते हैं:

  • गरीबी मुक्त और आजीविका युक्त पंचायत
  • स्वास्थ्यपूर्ण पंचायत
  • बाल-अनुकूल पंचायत
  • जल-समृद्ध पंचायत
  • स्वच्छ और हरित पंचायत
  • बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भर पंचायत
  • सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा युक्त पंचायत
  • सुशासन वाली पंचायत
  • महिला-अनुकूल पंचायत

ये विषय सेवा वितरण और सामाजिक समावेशन दोनों को ध्यान में रखते हैं।

पंचायतों के लिए डेटा पारदर्शिता

PAI 2.0 की एक विशेष बात यह है कि यह डाटा की सटीकता और पारदर्शिता पर ज़ोर देता है। अब पंचायतों को रियल टाइम डेटा अपलोड करना होगा और अपने प्रदर्शन स्कोर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने होंगे। इससे जवाबदेही, जनसहभागिता और निष्पक्ष विकास को बढ़ावा मिलता है।

स्थानीय और वैश्विक लक्ष्यों को जोड़ना

यह सूचकांक भारत को Voluntary National Reviews (VNRs) के लिए वैश्विक मंचों पर तैयार करता है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रोत्साहित SDG के स्थानीयकरण की अवधारणा से जुड़ा है, जिसमें स्थानीय निकायों को वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

PAI 2.0 के माध्यम से हर गांव भारत के विकसित राष्ट्र बनने की कहानी में अपनी भूमिका निभा सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पहल का नाम पंचायती उन्नति सूचकांक 2.0 (PAI 2.0)
लॉन्च स्थान नेशनल राइटशॉप, नई दिल्ली
लॉन्च पोर्टल PAI 2.0 पोर्टल
जिम्मेदार मंत्रालय पंचायती राज मंत्रालय
शुरुआत वर्ष 2025
आकलित ग्राम पंचायतें 2.5 लाख+
संकेतकों की संख्या 147
प्रमुख मेल SDGs का स्थानीयकरण
जारी पुस्तिका लोकल इंडिकेटर फ्रेमवर्क 2025
शामिल विषय 9 मुख्य विषय जैसे स्वास्थ्य, आजीविका, सुशासन

 

Panchayat Advancement Index 2.0 launched for better rural governance
  1. भारत में ग्रामीण शासन को बढ़ाने के लिए पंचायत उन्नति सूचकांक0 (पीएआई 2.0) लॉन्च किया गया।
  2. पंचायती राज मंत्रालय पीएआई0 को विकसित करने और लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  3. इसका शुभारंभ नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय राइटशॉप 2025 के दौरान हुआ।
  4. इस उन्नत सूचकांक के तहत5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों का मूल्यांकन किया जाएगा।
  5. इस कार्यक्रम में पीएआई0 पोर्टल और मानक संचालन प्रक्रिया (वित्त वर्ष 2023-24) जारी की गई।
  6. स्थानीय संकेतक रूपरेखा 2025 पुस्तिका एक संरचित मूल्यांकन पद्धति प्रदान करती है।
  7. पीएआई0 ने मूल्यांकन संकेतकों को 72% तक कम कर दिया है, अब केवल 147 प्रमुख संकेतकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  8. संकेतकों को स्वास्थ्य, शासन और पर्यावरण सहित 9 मुख्य विषयों के अंतर्गत समूहीकृत किया गया है।
  9. थीम में गरीबी मुक्त पंचायत, बाल-सुलभ पंचायत और महिला-सुलभ पंचायत शामिल हैं।
  10. सूचकांक डेटा पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और पंचायतों द्वारा वास्तविक समय में डेटा प्रस्तुत करने को प्रोत्साहित करता है।
  11. पंचायतों को सामुदायिक जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए प्रदर्शन स्कोर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है।
  12. एसडीजी का स्थानीयकरण एक प्रमुख लक्ष्य है, जो वैश्विक विकास को ग्राम-स्तरीय प्रगति के साथ जोड़ता है।
  13. पीएआई0 वैश्विक मंचों पर स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (वीएनआर) के लिए भारत की तैयारियों का समर्थन करता है।
  14. यह एसडीजी इंडिया इंडेक्स के कार्य को दर्शाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर शासन के लिए।
  15. 9 विषयगत श्रेणियों में से प्रत्येक के तहत सेवा वितरण और सामाजिक समावेश पर जोर दिया जाता है।
  16. स्वच्छ और हरित पंचायत थीम ग्रामीण स्तर पर पर्यावरणीय स्थिरता को संबोधित करती है।
  17. स्वस्थ पंचायत थीम गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच और जागरूकता सुनिश्चित करती है।
  18. महिला-सुलभ पंचायत का उद्देश्य लैंगिक समावेश और स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देना है।
  19. यह पहल डेटा-आधारित शासन मॉडल का उपयोग करके भारत की ग्रामीण नींव को मजबूत करती है।
  20. पीएआई0 गांव स्तर पर समान विकास और एसडीजी संरेखण सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

Q1. पंचायती प्रगति सूचकांक 2.0 (Panchayat Advancement Index 2.0) शुरू करने की जिम्मेदारी किस मंत्रालय की है?


Q2. पंचायती प्रगति सूचकांक 2.0 में कुल कितने संकेतक (Indicators) शामिल किए गए हैं?


Q3. पंचायती प्रगति सूचकांक 2.0 का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q4. पंचायती प्रगति सूचकांक 2.0 को आधिकारिक रूप से कहां लॉन्च किया गया?


Q5. PAI 2.0 की वैश्विक रूपरेखाओं के साथ मुख्य संरेखण (alignment) क्या है?


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Daily Current Affairs May 29

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