भारत ने ग्रामीण मूल्यांकन प्रणाली को किया अपडेट
भारत सरकार ने ग्राम पंचायतों की कार्यक्षमता को मापने और मजबूत करने के लिए पंचायती उन्नति सूचकांक 2.0 (PAI 2.0) की शुरुआत की है। यह लॉन्च नेशनल राइटशॉप में हुआ, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और ग्रामीण निकायों के अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर PAI 2.0 पोर्टल, वित्त वर्ष 2023–24 के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और लोकल इंडिकेटर फ्रेमवर्क बुकलेट भी जारी की गई।
यह नया संस्करण विशेष रूप से ग्राम पंचायतों को डेटा आधारित मूल्यांकन के ज़रिए सुधारने के उद्देश्य से बनाया गया है।
पंचायती उन्नति सूचकांक क्या है?
पंचायती उन्नति सूचकांक पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित एक मूल्यांकन उपकरण है, जो देश की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों का प्रदर्शन मापता है। इसका उद्देश्य स्थायी विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ ग्रामीण विकास को जोड़ना है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता और बुनियादी ढांचे जैसे विषयों पर स्थानीय प्रगति का मूल्यांकन होता है।
यह सूचकांक स्थानीय शासन में पारदर्शिता और फोकस को बढ़ावा देता है।
PAI 2.0 में क्या नया है?
PAI 2.0 पहले संस्करण की तुलना में अधिक सरल और प्रभावी है। इसमें मूल्यांकन संकेतकों की संख्या 72% तक घटाकर 147 कर दी गई है, जिससे डेटा संग्रह आसान और गुणवत्ता बेहतर बनती है। ये संकेतक 9 मुख्य विषयों में विभाजित हैं जो ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
9 प्रमुख विषय जो स्थानीय प्रगति को दर्शाते हैं
नवीन सूचकांक जिन विषयों पर केंद्रित है, वे भारत के एसडीजी लक्ष्यों से मेल खाते हैं:
- गरीबी मुक्त और आजीविका युक्त पंचायत
- स्वास्थ्यपूर्ण पंचायत
- बाल-अनुकूल पंचायत
- जल-समृद्ध पंचायत
- स्वच्छ और हरित पंचायत
- बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भर पंचायत
- सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा युक्त पंचायत
- सुशासन वाली पंचायत
- महिला-अनुकूल पंचायत
ये विषय सेवा वितरण और सामाजिक समावेशन दोनों को ध्यान में रखते हैं।
पंचायतों के लिए डेटा पारदर्शिता
PAI 2.0 की एक विशेष बात यह है कि यह डाटा की सटीकता और पारदर्शिता पर ज़ोर देता है। अब पंचायतों को रियल टाइम डेटा अपलोड करना होगा और अपने प्रदर्शन स्कोर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने होंगे। इससे जवाबदेही, जनसहभागिता और निष्पक्ष विकास को बढ़ावा मिलता है।
स्थानीय और वैश्विक लक्ष्यों को जोड़ना
यह सूचकांक भारत को Voluntary National Reviews (VNRs) के लिए वैश्विक मंचों पर तैयार करता है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रोत्साहित SDG के स्थानीयकरण की अवधारणा से जुड़ा है, जिसमें स्थानीय निकायों को वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
PAI 2.0 के माध्यम से हर गांव भारत के विकसित राष्ट्र बनने की कहानी में अपनी भूमिका निभा सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पहल का नाम | पंचायती उन्नति सूचकांक 2.0 (PAI 2.0) |
लॉन्च स्थान | नेशनल राइटशॉप, नई दिल्ली |
लॉन्च पोर्टल | PAI 2.0 पोर्टल |
जिम्मेदार मंत्रालय | पंचायती राज मंत्रालय |
शुरुआत वर्ष | 2025 |
आकलित ग्राम पंचायतें | 2.5 लाख+ |
संकेतकों की संख्या | 147 |
प्रमुख मेल | SDGs का स्थानीयकरण |
जारी पुस्तिका | लोकल इंडिकेटर फ्रेमवर्क 2025 |
शामिल विषय | 9 मुख्य विषय जैसे स्वास्थ्य, आजीविका, सुशासन |