तमिलनाडु का नया अंतरिक्ष अभियान
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित ‘तमिलनाडु स्पेस इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025’ के साथ राज्य ने आधिकारिक रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में कदम रखा है। यह नीति तमिलनाडु को भारत के तेज़ी से बढ़ते निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में एक मजबूत भागीदार के रूप में स्थापित करने का प्रयास है। कर्नाटक और गुजरात की तर्ज पर अब तमिलनाडु भी अपना स्थान बनाने के लिए तैयार है, खासकर अपने इलेक्ट्रॉनिक्स और सटीक विनिर्माण क्षमता के बल पर।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नीति का लक्ष्य पांच वर्षों में ₹10,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना और 10,000 नई नौकरियाँ सृजित करना है। फोकस क्षेत्रों में उपग्रह निर्माण, लॉन्च सेवाएं और उपग्रह–आधारित सेवाएं शामिल हैं। कोयंबटूर और चेन्नई जैसे औद्योगिक हब इस बदलाव में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
राज्य में इसरो की बढ़ती उपस्थिति
महेन्द्रगिरी स्थित इसरो का प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) तमिलनाडु की अंतरिक्ष योजनाओं को बड़ी बढ़त देता है। यह परिसर रॉकेट इंजन परीक्षण और उच्च स्तरीय अनुसंधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में देश का दूसरा स्पेसपोर्ट तैयार किया जा रहा है, जिससे निजी कंपनियों को कम कक्षा में छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण में सुविधा मिलेगी।
नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
राज्य स्पेस स्टार्टअप्स और नवाचार को भी प्राथमिकता दे रहा है। NIT तिरुचिरापल्ली में स्थित स्पेस टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर पहले से ही इसरो के साथ मिलकर नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। इसमें री–यूजेबल लॉन्च व्हीकल और इन–स्पेस मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों पर काम हो रहा है।
IN-SPACe का मार्गदर्शन
इस नीति के निर्माण में IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) ने सलाहकार भूमिका निभाई है। TIDCO और IN-SPACe के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) से राज्य में अंतरिक्ष तकनीक, निर्माण और अनुसंधान को संस्थागत समर्थन मिलेगा।
निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन
नीति में Space Bays नामक विशेष क्षेत्र बनाने, R&D नौकरियों के लिए पेरोल सब्सिडी, वैश्विक क्षमतावान केंद्रों को सहायता, और हरित प्रोत्साहन जैसी योजनाएँ शामिल हैं। ₹300 करोड़ से कम निवेश वाले प्रोजेक्ट्स को विशेष वित्तीय लाभ भी मिलेंगे।
जनकल्याण के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
तमिलनाडु सरकार अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग कृषि, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में करने की योजना बना रही है। बाढ़ की पूर्व चेतावनी, फसल निगरानी, और रूरल हेल्थमैपिंग जैसे उपायों से आम जनता को लाभ होगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नीति का नाम | तमिलनाडु स्पेस इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 |
लक्ष्य निवेश | ₹10,000 करोड़ |
लक्षित रोजगार | 10,000 नौकरियाँ |
मुख्य फोकस क्षेत्र | उपग्रह निर्माण, लॉन्च सेवाएं, स्पेस एप्लिकेशन |
प्रमुख इसरो सुविधा | IPRC महेन्द्रगिरी |
नया स्पेसपोर्ट | कुलसेकरपट्टिनम, तमिलनाडु |
स्टार्टअप सहयोग केंद्र | NIT तिरुचिरापल्ली |
सहयोगी संस्थाएँ | TIDCO, IN-SPACe |
दिए गए प्रोत्साहन | पेरोल सब्सिडी, स्पेस बे, आवास प्रोत्साहन |
राष्ट्रीय ढाँचा | भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 |