सर्वेक्षण ने पक्षियों की विविधता को उजागर किया
तमिलनाडु ने एक बार फिर अपनी पारिस्थितिक समृद्धि को सिद्ध किया है। समकालिक पक्षी सर्वेक्षण 2025 में राज्य भर में 7.8 लाख से अधिक आर्द्रभूमि और स्थल पक्षियों की गणना की गई, जिनमें 798 अनोखी प्रजातियाँ पाई गईं। यह विशाल सर्वेक्षण दो चरणों में किया गया, जिसमें वन अधिकारियों और स्वयंसेवकों की बड़ी टीम शामिल थी।
चरण 1 और चरण 2 के निष्कर्ष
फेज 1 में आर्द्रभूमियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस चरण में 397 प्रजातियों के 5,52,349 पक्षी दर्ज किए गए, जिनमें 1,13,606 प्रवासी पक्षी थे। वेदांतंगल पक्षी अभयारण्य और पुलिकट झील जैसे स्थल इसमें प्रमुख रहे।
फेज 2 में स्थल क्षेत्रों की गणना की गई, जिसमें 401 प्रजातियाँ और 2,32,519 पक्षी दर्ज किए गए। प्रवासी पक्षियों की संख्या दोनों चरणों में समान रही—1,13,606 पक्षी, जो सेंट्रल एशियन फ्लाईवे प्रवासन मार्ग की महत्ता को दर्शाता है।
संकटग्रस्त और रात्रिचर पक्षियों पर विशेष ध्यान
सर्वेक्षण केवल संख्या नहीं, बल्कि संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण रहा। तमिलनाडु में ज्ञात 37 संकटग्रस्त प्रजातियों में से 26 को दस्तावेजीकृत किया गया—जो संरक्षण के प्रयासों को दिशा देने में सहायक होगा।
इसके अलावा, 17 रात्रिचर पक्षियों को भी दर्ज किया गया, जिनमें उल्लू और नाइटजार जैसे पक्षी शामिल हैं जो सामान्यतः देखे नहीं जाते।
जैव विविधता मानचित्रण में योगदान
यह सर्वेक्षण तमिलनाडु को भारत के जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में सशक्त करता है। भारत पक्षी विविधता में वैश्विक स्तर पर 8वें स्थान पर है, और तमिलनाडु की आर्द्रभूमियाँ तथा वन्य क्षेत्र इस योगदान में अहम भूमिका निभाते हैं। यह डेटा प्रवास गलियारों, आवास संरक्षण, और पर्यावरण शिक्षा के लिए नीतियाँ बनाने में उपयोगी सिद्ध होगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कुल पक्षी संख्या | 7.8 लाख |
कुल प्रजातियाँ | 798 |
फेज 1 पक्षी संख्या | 5,52,349 |
फेज 2 पक्षी संख्या | 2,32,519 |
प्रवासी पक्षी संख्या | 1,13,606 (दोनों चरणों में) |
संकटग्रस्त प्रजातियाँ दर्ज | 26 में से 37 |
रात्रिचर प्रजातियाँ | 17 |
फेज 1 में प्रजातियाँ | 397 |
फेज 2 में प्रजातियाँ | 401 |
प्रवासन मार्ग | सेंट्रल एशियन फ्लाईवे |
प्रमुख पक्षी स्थल | वेदांतंगल, पुलिकट झील |
वैश्विक पक्षी विविधता रैंकिंग | भारत 8वें स्थान पर |