भारत और WHO का संयुक्त कदम आयुष को बढ़ावा देने के लिए
भारत और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक ऐतिहासिक समझौता किया है जिसका उद्देश्य भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाना है। इस समझौते के तहत WHO की International Classification of Health Interventions (ICHI) में एक पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल जोड़ा गया है। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है—यह आयुर्वेद, योग, सिद्धा और यूनानी जैसी पद्धतियों को वैज्ञानिक और वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त शब्दों में वर्गीकृत करता है।
ICHI क्या है और इसका महत्व क्या है?
ICHI WHO द्वारा विकसित एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य हस्तक्षेप वर्गीकरण प्रणाली है, जिसका उपयोग दुनियाभर के डॉक्टर, अस्पताल और स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपचारों को रिकॉर्ड, रिपोर्ट और विश्लेषण करने के लिए करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि एक सर्जरी या योग सत्र को हर देश में एक जैसे कोड और परिभाषा के साथ समझा जा सके।
अब भारत की पंचकर्म चिकित्सा और योग आधारित उपचार जैसी पद्धतियाँ भी इस वैश्विक प्रणाली का हिस्सा होंगी। इससे केरल का पंचकर्म ट्रीटमेंट अब टोक्यो या बर्लिन में भी समान रूप से मान्यता प्राप्त होगा।
आयुष को वैश्विक और सुलभ बनाना
ICHI के भीतर जोड़ा गया यह पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल कई लाभों का रास्ता खोलता है:
- आयुष सेवाओं का बिलिंग तंत्र अधिक पारदर्शी और मानकीकृत होगा।
- स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ आयुष उपचारों को आधुनिक चिकित्सा के समकक्ष मान सकेंगी।
- यह रिसर्च और अस्पतालों में डेटा विश्लेषण को बेहतर बनाएगा।
- सबसे अहम बात, यह भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुलभ और मान्य बनाता है।
ICD-11 और इसका संबंध
यह कदम WHO की एक और वैश्विक प्रणाली ICD-11 (बीमारियों का अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण – 11वां संस्करण) को भी पूरक समर्थन देता है। ICD-11, जिसे 2022 में लागू किया गया था, दुनिया भर में मौत के कारणों, रोग प्रसार और उपचार के परिणामों को रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें 17,000 से अधिक निदान श्रेणियाँ शामिल हैं।
भारत द्वारा आयुष को इन वैश्विक वर्गीकरणों में शामिल करना केवल प्रतिष्ठा का विषय नहीं है—यह पारंपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक रूप में प्रमाणित और स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
प्रमुख तत्व | विवरण |
समझौता | भारत और WHO के बीच |
उद्देश्य | आयुष को वैश्विक वर्गीकरण के माध्यम से मुख्यधारा में लाना |
उपयोग किया गया टूल | ICHI – International Classification of Health Interventions |
शामिल पद्धतियाँ | आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी |
प्रमुख लाभ | मानकीकृत बिलिंग, बीमा में समावेशन, रिसर्च डेटा, वैश्विक पहुँच |
ICD-11 लागू वर्ष | 2022 |
निदान श्रेणियाँ (ICD-11) | 17,000+ |
संबंधित मंत्रालय | आयुष मंत्रालय, भारत सरकार |
ICHI द्वारा विकसित | WHO और WHO-FIC |
सिद्ध चिकित्सा का क्षेत्र | तमिलनाडु |