खराब उपस्थिति से बाधित हुई परिषद की बैठक
कोयम्बटूर कॉर्पोरेशन परिषद की बैठक सामान्यतः सुबह 10:30 बजे शुरू होती है और नियोजित प्रक्रिया के अनुसार चलती है। लेकिन इस बार बैठक कोरम की भारी कमी के कारण बाधित हो गई। कुल 100 वार्डों में से 25% से कम पार्षद उपस्थित थे, जिससे मेयर को कुछ ही उपस्थित सदस्यों से प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिश करनी पड़ी।
कोरम, यानी न्यूनतम आवश्यक सदस्य संख्या, किसी भी निर्णय को वैध बनाने के लिए अनिवार्य होता है। इसकी अनुपस्थिति में लिए गए निर्णयों की वैधता पर सवाल उठता है। इस बैठक में, जिन प्रस्तावों को पारित करना था, वे सड़क विकास जैसे नागरिक कार्यों से जुड़े अहम प्रस्ताव थे।
औपचारिक प्रक्रिया अधूरी रह गई
सामान्यतः, बैठक की शुरुआत मेयर के भाषण से होती है, फिर प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित घोषित किया जाता है। इसके बाद पांचों क्षेत्रीय अध्यक्ष अपनी-अपनी समस्याएं साझा करते हैं और विपक्ष का नेता अपनी बात रखता है।
लेकिन इस बार, यह औपचारिक प्रक्रिया कोरम की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकी। विपक्षी पार्षद ने प्रस्ताव पारित करने का कड़ा विरोध किया, यह कहते हुए कि कोरम के बिना निर्णय लेना परिषद की लोकतांत्रिक प्रकृति का उल्लंघन है।
ज़रूरी नागरिक कार्यों में देरी
विपक्ष की आपत्ति ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया—इन प्रस्तावों के बिना, कोयम्बटूर की आधारभूत संरचना परियोजनाएं, जैसे सड़क निर्माण और मरम्मत, रुकी रहेंगी। आम तौर पर, परिषद की प्रश्नकाल लगभग 120 मिनट चलती है। लेकिन इस बार, उपस्थिति की कमी के कारण बैठक 70 मिनट से भी पहले समाप्त हो गई।
इसका सीधा असर यह हुआ कि कई पार्षदों की आवाज़ सुनी नहीं जा सकी, और महत्वपूर्ण मुद्दे लंबित रह गए।
शहरी शासन में कोरम की अहम भूमिका
यह घटना भारत में शहरी शासन की जवाबदेही की बड़ी समस्या को उजागर करती है। 74वें संविधान संशोधन के तहत, शहरी स्थानीय निकायों को नागरिक मामलों के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन उनकी सफलता منتخب प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है।
कोरम सिर्फ एक औपचारिक नियम नहीं है—it ensures that निर्णय जनप्रतिनिधित्व का सही प्रतिबिंब हों। तमिलनाडु सहित देशभर में, कोरम न बनने के कारण योजनाएं रुकी रहती हैं, बजट आवंटन अटक जाता है, और नागरिकों का शासन पर विश्वास कम होता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
कोयम्बटूर निगम में कुल वार्ड | 100 |
सामान्य बैठक प्रारंभ समय | सुबह 10:30 बजे |
न्यूनतम कोरम आवश्यकता | एक-तिहाई सदस्य |
सामान्य प्रश्नकाल की अवधि | लगभग 120 मिनट |
इस बैठक की वास्तविक अवधि | 70 मिनट से कम |
मुख्य प्रस्ताव | सड़क विकास कार्यों के लिए निधि स्वीकृति |
संविधानिक प्रावधान | 74वां संविधान संशोधन |
निगम के कुल क्षेत्रीय ज़ोन | 5 |
विपक्ष की भूमिका | कोरम के अभाव में प्रस्ताव का विरोध किया |
प्रस्तावों का महत्व | परियोजना और निधि स्वीकृति के लिए अनिवार्य |