जेलों में समानता सुनिश्चित करने हेतु ऐतिहासिक सुधार
तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु कारागार नियम 2024 के अंतर्गत व्यापक बदलाव लागू किए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य राज्य की जेलों में जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है। यह सुधार सुधारात्मक न्याय प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
मैनुअल स्कैवेंजिंग पर सख्त प्रतिबंध
संशोधित नियमों के अनुसार, अब जेल परिसरों में मैनुअल स्कैवेंजिंग या खतरनाक सफाई कार्य जैसे कि गटर या सेप्टिक टैंक की सफाई पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। यह बदलाव मैनुअल स्कैवेंजिंग निषेध अधिनियम 2013 के अनुरूप है, जो कैदियों की गरिमा और कार्यस्थल सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
जाति विवरण दर्ज करने पर रोक
इन सुधारों में एक और प्रमुख बिंदु यह है कि अब कैदी के प्रवेश के समय जाति की जानकारी दर्ज नहीं की जाएगी। किसी भी कैदी के रिकॉर्ड में जाति से संबंधित कोई प्रविष्टि नहीं की जाएगी, जिससे प्रशासनिक निष्पक्षता और भेदभाव–मुक्त वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
जेल के भीतर कार्यों का समान आवंटन
नए नियमों के तहत कैदियों को कार्य सौंपते समय जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। सभी कार्य समान रूप से और निष्पक्ष तरीके से आवंटित किए जाएंगे, जिससे प्रणालीगत भेदभाव और श्रम असमानता को रोका जा सकेगा और एक समावेशी कारागार संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
सुधार का नाम | तमिलनाडु कारागार नियम, 2024 |
मुख्य उद्देश्य | जेलों में जातिगत भेदभाव की समाप्ति |
मैनुअल स्कैवेंजिंग नीति | 2013 अधिनियम के अनुसार पूर्ण प्रतिबंध |
जाति विवरण संग्रह | प्रवेश के समय जाति दर्ज करने पर रोक |
कार्य आवंटन | कार्य का जाति-निरपेक्ष और समान वितरण अनिवार्य |
सुधार लागू करने वाला राज्य | तमिलनाडु |
सहायक कानून | मैनुअल स्कैवेंजिंग निषेध अधिनियम, 2013 |