तमिलनाडु की नई संरक्षण नीति
तमिलनाडु सरकार ने ₹50 करोड़ के संकटग्रस्त प्रजाति संरक्षण कोष का प्रबंधन अब एडवांस्ड इंस्टीट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन (AIWC) को सौंप दिया है। पहले इसका प्रबंधन स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी (SFDA) कर रही थी, जिसकी निष्क्रियता को लेकर चिंताएँ जताई गई थीं। इस बदलाव से मलाबार सिवेट और सलीम अली के फल चमगादड़ जैसे विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
वाइल्डलाइफ संरक्षण संस्थान की भूमिका
AIWC, चेन्नई के पास वांडालूर में स्थित है और यह 2017 में तमिलनाडु वन विभाग के अधीन स्थापित हुआ था। यह संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान और संरक्षण प्रथाओं को एकीकृत करने में लगा है। AIWC मैदानी अध्ययन, प्रशिक्षण, और तकनीकी समर्थन के माध्यम से संरक्षण को प्रभावी बनाता है। यह संस्थान चिड़ियाघरों, विश्वविद्यालयों और शोधकर्ताओं के साथ मिलकर संकटग्रस्त प्रजातियों पर केंद्रित एक ज्ञान-आधारित मॉडल पर काम करता है।
मलाबार सिवेट पर केंद्रित विशेष ध्यान
मलाबार लार्ज–स्पॉटेड सिवेट (Viverra civettina) दुनिया के सबसे संकटग्रस्त मांसाहारी जीवों में से एक है। यह पहले केरल और तमिलनाडु के मैदानी वनों में सामान्य रूप से पाया जाता था, पर अब यह केवल छोटे जंगलों और काजू के बागानों में सीमित रह गया है। इसका वजन लगभग 18–20 पाउंड, शरीर पर धब्बेदार भूरे बाल, और काली रेखायुक्त पीठ इसे अलग बनाती है। यह रात्रिचर और एकाकी शिकारी है और इसका आहार सरीसृपों, पक्षियों, फलों और छोटे स्तनधारियों से बना होता है।
नए कोष का उद्देश्य
यह पुनः नियोजित कोष तमिलनाडु में संकटग्रस्त प्रजातियों के सर्वेक्षण, मानचित्रण और निगरानी को सक्षम करेगा। AIWC अब अनुसंधान अनुदान आमंत्रित करेगा ताकि वैज्ञानिक प्रजाति-विशेष कार्य योजनाएं बना सकें। यह प्रयास केवल संरक्षित क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मानव–प्रभावित क्षेत्रों में भी इन प्रजातियों की रक्षा को महत्व देगा।
चुनौतियाँ और आगे का मार्ग
SFDA से AIWC को प्रबंधन सौंपना वन्यजीव परियोजनाओं में जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। AIWC की प्रमाण आधारित कार्यशैली से तमिलनाडु अब विलंब और निधि निष्क्रियता को खत्म कर समय पर संरक्षण कार्यों को बढ़ावा देना चाहता है। जलवायु परिवर्तन और भूमि उपयोग में बदलाव के बीच यह विकास सक्रिय वन्यजीव प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
श्रेणी | विवरण |
संरक्षण कोष | ₹50 करोड़ संकटग्रस्त प्रजाति संरक्षण कोष |
वर्तमान प्रबंध संस्था | एडवांस्ड इंस्टीट्यूट फॉर वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन (AIWC) |
स्थान | वांडालूर, चेन्नई, तमिलनाडु |
स्थापना | अक्टूबर 2017 |
प्रमुख प्रजातियाँ | मलाबार सिवेट, सलीम अली का फल चमगादड़ |
मलाबार सिवेट का वैज्ञानिक नाम | Viverra civettina |
IUCN स्थिति | अत्यंत संकटग्रस्त (Critically Endangered) |
AIWC कार्य | अनुसंधान, प्रशिक्षण, संरक्षण तकनीक समर्थन |
पूर्व प्रबंध संस्था | स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी (SFDA) |
प्रमुख निवास स्थान | पश्चिमी घाट और खंडित काजू बागान क्षेत्र |