न्यायपालिका में बाधाओं को तोड़ते हुए
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति लेकर भारतीय न्यायपालिका के एक ऐतिहासिक अध्याय का समापन किया। वे सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्षों के इतिहास में केवल ग्यारहवीं महिला न्यायाधीश बनीं, जिससे उच्च न्यायपालिका में लैंगिक विविधता की आवश्यकता पर जोर मिला।
प्रारंभिक वर्ष और एक ऐतिहासिक कीर्तिमान
उन्होंने 1995 में अहमदाबाद सिटी सिविल एवं सेशन्स कोर्ट में न्यायिक सेवा की शुरुआत की। उसी समय उनके पिता भी उसी अदालत में न्यायाधीश थे, और यह दुर्लभ संयोग लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (1996) में दर्ज हुआ, जहाँ उन्हें पहले पिता–पुत्री न्यायाधीशों की जोड़ी के रूप में मान्यता मिली। यह उनके प्रेरणादायक न्यायिक सफर की शुरुआत थी।
गुजरात में विधिक और प्रशासनिक योगदान
2004 से 2006 तक, उन्होंने गुजरात सरकार की विधि सचिव के रूप में कार्य किया और नीति निर्माण एवं प्रशासनिक कानून के क्षेत्र में अहम अनुभव प्राप्त किया। इसके बाद, 2011 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने दीवानी, आपराधिक और संवैधानिक मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाई।
सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल
न्यायमूर्ति त्रिवेदी को 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया। सर्वोच्च न्यायालय में उन्होंने संविधान के मूल्यों पर आधारित स्पष्ट निर्णयों के लिए पहचान बनाई। उनका कार्यकाल महिलाओं के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने की धीमी लेकिन सशक्त प्रक्रिया का प्रतीक रहा। उनकी सेवानिवृत्ति मई 2025 में हुई, जिसे मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति गवई ने श्रद्धांजलि देकर चिह्नित किया। हालांकि, उनके विदाई समारोह के दौरान न्यायिक व्यवहार को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए।
एक प्रेरणात्मक विरासत
न्यायमूर्ति त्रिवेदी की यात्रा निचली अदालत से सर्वोच्च न्यायालय तक का सफर भारतीय महिला कानूनविदों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है। उनके पिता के साथ साझा रिकॉर्ड और सर्वोच्च न्यायिक पदों तक की पहुंच आने वाली पीढ़ियों के लिए समानता और प्रगति का प्रतीक है।
Static GK Snapshot (हिंदी में)
श्रेणी | विवरण |
पूरा नाम | न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी |
करियर की शुरुआत | 1995, अहमदाबाद सिटी सिविल एवं सेशन्स कोर्ट |
प्रमुख रिकॉर्ड | पिता–पुत्री न्यायाधीश (लिम्का बुक, 1996) |
गुजरात विधि सचिव | 2004–2006 |
गुजरात उच्च न्यायालय नियुक्ति | 2011 |
सुप्रीम कोर्ट नियुक्ति | 31 अगस्त 2021 |
सुप्रीम कोर्ट में महिला न्यायाधीशों की संख्या | 11 (न्यायमूर्ति त्रिवेदी सहित) |
सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति | मई 2025 |