इसरो के भरोसेमंद लॉन्च वाहन को झटका
18 मई 2025 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को PSLV-C61 मिशन के दौरान अप्रत्याशित विफलता का सामना करना पड़ा। यह मिशन EOS-09 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को लेकर गया था, लेकिन लॉन्च के तीसरे चरण में गड़बड़ी आई, जहाँ रॉकेट को उच्च वेग प्राप्त कर उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना होता है। यह घटना PSLV के इतिहास में तीसरी बार है जब मिशन सफल नहीं हो पाया—जो कि 1990 के दशक में इसके पहले लॉन्च के बाद से एक दुर्लभ मामला है।
PSLV इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
PSLV इसरो का सबसे विश्वसनीय और बहुपरकारी रॉकेट है। इसने इस विफलता से पहले 63 सफल लॉन्च किए हैं और यह सूर्य समकालिक और भू-स्थैतिक कक्षाओं में उपग्रह स्थापित करने के लिए जाना जाता है। इसी रॉकेट से चंद्रयान-1, मंगलयान, और कई विदेशी उपग्रह लॉन्च किए गए थे, जिससे भारत को कम लागत वाली अंतरिक्ष शक्ति के रूप में मान्यता मिली। इसकी चार–चरणीय संरचना, जिसमें ठोस और तरल प्रणोदन शामिल है, इसे लचीलापन और कुशलता प्रदान करती है।
EOS-09 मिशन की जानकारी
EOS-09 उपग्रह में सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) लगा था, जो बादलों और अंधेरे के बावजूद उच्च–रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग कर सकता है। इसे 597 किलोमीटर की सूर्य समकालिक कक्षा में स्थापित करने की योजना थी। ऐसे उपग्रह कृषि, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और जलवायु निगरानी के लिए जरूरी हैं। यह विफलता इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि यह हाल ही में हुई GSLV मिशन विफलता के बाद आई है, जिससे इसरो की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठे हैं।
कारण और आगे की राह
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तीसरे चरण में प्रणोदन असफलता या मार्ग से विचलन हुआ हो सकता है, जिससे मिशन रोकना पड़ा। तीसरा चरण ठोस ईंधन पर आधारित होता है और रॉकेट को कक्षा की गति देने में प्रमुख भूमिका निभाता है। ISRO एक फेल्योर विश्लेषण समिति गठित करेगा जो इस घटना की पूरी जांच करेगी। हालांकि यह विफलताएँ निराशाजनक हैं, लेकिन वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐसी घटनाएँ आम हैं। इसरो हर बार तकनीकी सुधार और अनुभव से सीखने के लिए जाना जाता है।
इसरो की विरासत और भविष्य
इस एक दुर्लभ विफलता के बावजूद, इसरो का रिकॉर्ड बेहद मजबूत है। संगठन ने अब तक 400 से अधिक उपग्रहों को विभिन्न देशों के लिए लॉन्च किया है और अंतरिक्ष की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने में योगदान दिया है। PSLV की कम लागत और भरोसेमंद प्रदर्शन ने इसे अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक लॉन्च के लिए लोकप्रिय बनाया। आगामी चंद्रयान-4, आदित्य-L1 और गगनयान जैसे मिशनों के साथ, इसरो वैश्विक अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना रहेगा।
STATIC GK SNAPSHOT
विशेषता | विवरण |
लॉन्च वाहन | PSLV-C61 |
लॉन्च तिथि | 18 मई 2025 |
मिशन पेलोड | EOS-09 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह |
पेलोड प्रकार | सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) |
लक्षित कक्षा | 597 किमी सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा |
पूर्व PSLV विफलताएँ | 1993 (प्रथम उड़ान), 2017 (हीट शील्ड विफलता) |
इसरो मुख्यालय | बेंगलुरु, कर्नाटक |
PSLV का पूर्ण रूप | Polar Satellite Launch Vehicle |
2025 तक PSLV लॉन्च की संख्या | 64 (जिसमें 3 विफलताएँ शामिल) |
एजेंसी प्रमुख (2025 में) | डॉ. एस. सोमनाथ |