भारत में जनसंख्या में आ रहे बदलाव को समझना
भारत की जनसंख्या में एक मौन परिवर्तन देखा जा रहा है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) 2021 रिपोर्ट में राज्यों में जन्म दर और प्रजनन पैटर्न को लेकर महत्वपूर्ण आँकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण और पश्चिम भारत में प्रजनन दर में तेज गिरावट हो रही है, जबकि उत्तर और पूर्वी राज्यों में जनसंख्या अब भी तेज़ी से बढ़ रही है। इन प्रवृत्तियों को समझना स्वास्थ्य, शिक्षा और नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर UPSC, TNPSC, SSC जैसी परीक्षाओं के लिए।
कच्ची जन्म दर: कौन तेजी से गिर रहा है?
CBR (Crude Birth Rate) यानी प्रति 1,000 जनसंख्या पर प्रतिवर्ष जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या। 2021 में भारत की औसत CBR 19.3 थी, जिसमें सालाना 1.12% की गिरावट दर्ज की गई। तमिलनाडु (2.35%), दिल्ली (2.23%) और केरल (2.05%) जैसे राज्यों में यह गिरावट राष्ट्रीय औसत से लगभग दो गुना है, जो शिक्षा, परिवार नियोजन और शहरीकरण में सुधार का संकेत है।
दूसरी ओर, राजस्थान (0.48%), बिहार (0.86%) और छत्तीसगढ़ (0.98%) में गिरावट सबसे धीमी रही। विशेष रूप से, उत्तराखंड ने तो CBR में वृद्धि दिखाई है, जो राष्ट्रीय रुझानों के विपरीत है।
प्रजनन दर: भारत जनसंख्या स्थिरीकरण के करीब
SRS 2021 की मुख्य विशेषता यह है कि भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 2.0 हो गई है, जो प्रत्यावर्तन स्तर (2.1) से कम है। इसका अर्थ है कि भारत जनसंख्या स्थिरीकरण के निकट है। पश्चिम बंगाल (1.4), केरल (1.6), तमिलनाडु (1.6) जैसे राज्य पहले ही इस स्तर से नीचे हैं, जबकि बिहार (3.0), उत्तर प्रदेश (2.7), मध्य प्रदेश (2.6) अब भी बहुत ऊपर हैं।
GRR (Gross Reproduction Rate)—एक महिला द्वारा जन्मी बेटियों की औसत संख्या—बिहार में सबसे अधिक (1.4) और पश्चिम बंगाल में सबसे कम (0.7) रही। ये अंतर क्षेत्रीय असंतुलन को दर्शाते हैं जो आगे आर्थिक और राजनीतिक योजना को प्रभावित कर सकते हैं।
पंजीकरण के आंकड़े: दक्षिण गिरा, उत्तर बढ़ा
नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) 2021 के अनुसार, दक्षिणी राज्यों जैसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक में पंजीकृत जन्मों में गिरावट आई है, जो कम होती प्रजनन दर की पुष्टि करता है। वहीं, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड में पंजीकरण में वृद्धि हुई है—यह या तो जनसंख्या वृद्धि का परिणाम हो सकता है या पंजीकरण प्रणाली में सुधार का।
इसका व्यापक महत्व
ये जनसांख्यिकीय बदलाव नीति निर्माताओं और परीक्षार्थियों दोनों के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं। दक्षिण भारत में प्रजनन दर में गिरावट महिला शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और शहरी जीवनशैली से जुड़ी हुई है। इसके विपरीत, उत्तरी राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य, जन जागरूकता और शिक्षा में निवेश की ज़रूरत है।
इस डेटा से रोजगार, शहरी नियोजन और संसाधनों के वितरण की चुनौतियों को समझा जा सकता है। जहाँ उच्च प्रजनन दर वाले राज्य युवा आबादी में वृद्धि देखेंगे, वहीं निम्न प्रजनन दर वाले राज्यों में बुजुर्गों की जनसंख्या बढ़ सकती है—जैसा जापान और दक्षिण कोरिया में देखा गया है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
भारत की कुल प्रजनन दर (TFR 2021) | 2.0 (प्रत्यावर्तन स्तर से नीचे) |
सबसे तेज़ CBR गिरावट | तमिलनाडु – 2.35% |
सबसे उच्च TFR | बिहार – 3.0 |
सबसे निम्न TFR | पश्चिम बंगाल – 1.4 |
CBR में वृद्धि वाला राज्य | उत्तराखंड |
रिपोर्ट जारी करने वाला | भारत के रजिस्ट्रार जनरल |
परीक्षा उपयोगिता | GS पेपर I, जनसंख्या नीति, निबंध, नीतिशास्त्र |