कनाडा में वैश्विक नेताओं की बैठक
51वां G7 शिखर सम्मेलन 15 से 17 जून 2025 तक कनाडा के शांत कस्बे कनानास्किस, अल्बर्टा में आयोजित हुआ। यह सम्मेलन कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अध्यक्षता में हुआ और इसके तीन मुख्य लक्ष्य थे: वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा स्थिरता, और डिजिटल परिवर्तन। चर्चा के दौरान सुरक्षा, व्यापार, और तकनीकी मुद्दों पर कई समझौते और विरोधाभास सामने आए।
G7 और आमंत्रित देश
G7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, और अमेरिका शामिल हैं। इसके अलावा यूरोपीय संघ और भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन जैसे आमंत्रित देशों ने भाग लिया। भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
भारत की सक्रिय भूमिका
भारत ने डिजिटल समावेश, आधार और UPI मॉडल, और उत्तरदायी AI पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने डीपफेक वॉटरमार्किंग जैसे उपायों का प्रस्ताव रखा और ग्लोबल साउथ के लिए आर्थिक सहयोग की बात की।
पश्चिम एशिया संकट और सुरक्षा चिंता
सम्मेलन के दौरान इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष गहराया। अधिकांश G7 देश इस्राइल के पक्ष में खड़े रहे, लेकिन अमेरिका और फ्रांस के बीच मतभेद सामने आए। हालांकि शांति की अपील की गई, कोई संयुक्त प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
व्यापार और आर्थिक सहयोग
सम्मेलन में अमेरिका-यूके के बीच ब्रेक्जिट के बाद का व्यापार समझौता हुआ। कनाडा और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद सुलझाने पर चर्चा हुई। स्टील टैरिफ का मुद्दा अधूरा रहा। इससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था के नए स्वरूप को बल मिला।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवाचार
कनाडा ने नया ‘AI और डिजिटल इनोवेशन मंत्रालय’ शुरू किया और 2023 के हिरोशिमा AI आचार संहिता को दोहराया गया। भारत ने AI नैतिकता और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाया।
जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा चर्चा
कनाडा में जंगलों की आग की पृष्ठभूमि में जलवायु परिवर्तन चर्चा का मुख्य विषय रहा। नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु वित्त, और इंटरनेशनल सोलर अलायंस पर भारत की पहल को सराहा गया।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर मतभेद
यूक्रेन को कनाडा से 2 अरब CAD सैन्य सहायता मिली, लेकिन अमेरिका ने संयुक्त बयान को अवरुद्ध कर दिया। भारत ने तटस्थ रुख अपनाते हुए मानवीय सहायता प्रदान की।
ट्रंप का शीघ्र प्रस्थान
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान संकट के कारण सम्मेलन से पहले ही प्रस्थान कर लिया, जिससे कुछ द्विपक्षीय बैठकें नहीं हो सकीं।
सहयोग के नए क्षेत्र
AI, क्वांटम टेक्नोलॉजी, समुद्री तस्करी रोकथाम, और महत्वपूर्ण खनिज सुरक्षा पर G7 देशों ने सहमति व्यक्त की।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
G7 मेज़बान देश | कनाडा |
सम्मेलन स्थान | कनानास्किस, अल्बर्टा |
भारत के पीएम | नरेंद्र मोदी |
मुख्य वैश्विक विषय | AI शासन, व्यापार, जलवायु, पश्चिम एशिया संघर्ष |
प्रमुख व्यापार समझौता | अमेरिका-यूके पोस्ट-ब्रेक्जिट समझौता |
AI संहिता संदर्भ | हिरोशिमा AI आचार संहिता 2023 |
भारत का डिजिटल योगदान | UPI, आधार, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर |
नया मंत्रालय (कनाडा) | AI और डिजिटल नवाचार मंत्रालय |
संघर्ष का प्रभाव | इस्राइल-ईरान तनाव |
यूक्रेन को सहायता | 2 अरब CAD सैन्य सहायता (कनाडा से) |
भारत की जलवायु पहल | इंटरनेशनल सोलर अलायंस |
भारत का प्रमुख फोकस | उत्तरदायी AI, आतंकवाद, ग्लोबल साउथ सहयोग |
ट्रंप की स्थिति | शीघ्र प्रस्थान, महत्वपूर्ण बैठकें छोड़ी |
संयुक्त बयान विकल्प | कनाडा का अध्यक्षीय सारांश |
G7 सदस्य देशों की संख्या | 7 + यूरोपीय संघ (विशेष सहभागी) |
प्रथम AI आचार संहिता देने वाला देश | जापान (2023) |
आमंत्रित देश | भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन |