जुलाई 18, 2025 3:06 पूर्वाह्न

भारत की पहली कपड़ा निर्यात टास्क फोर्स बैठक: निर्यात को नई रफ्तार

समसामयिक मामले: वस्त्र निर्यात पर टास्क फोर्स, वाणिज्य मंत्रालय, सुनील बर्थवाल, वाणिज्य भवन दिल्ली, विकसित भारत 2047, ईएसजी अनुपालन, पीएम मित्र पार्क, आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल, वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदें

India’s First Task Force Meeting to Boost Textile Exports

भारत की कपड़ा क्षेत्र में निरंतर प्रगति

भारत का कपड़ा क्षेत्र न केवल निर्यात और रोजगार का बड़ा स्रोत है, बल्कि ग्रामीण आय के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी दिशा में एक बड़ी पहल के तहत 10 जून 2025 को नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में भारत सरकार ने पहली कपड़ा निर्यात टास्क फोर्स बैठक का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने की, और इसमें उद्योग जगत से जुड़े प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।

यह बैठक केवल एक औपचारिक संवाद नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य भारत को ग्लोबल टेक्सटाइल लीडरशिप की ओर ले जाने के लिए साझा रणनीति तैयार करना था। बदलती वैश्विक मांग, और ESG (पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक) मानदंडों के मद्देनज़र यह टास्क फोर्स नवाचार और नीतिगत सुधार पर केंद्रित है।

टिकाऊ और स्मार्ट उत्पादन को प्रोत्साहन

बैठक में सस्टेनेबिलिटी को प्रमुख विषय बनाया गया। अब भारतीय कपड़ा उद्योग को हरित ऊर्जा अपनाने और ESG अनुपालन को अनिवार्य रूप से अपनाने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। यह केवल वैश्विक मानकों जैसे कि EU Deforestation Regulation (EUDR) का पालन करने के लिए नहीं है, बल्कि भारतीय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा क्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। वैश्विक खरीदार अब “ग्रीन सर्टिफाइड” और नैतिक रूप से उत्पादित वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।

नियामक सुधार और डिजिटल संभावनाएं

कई निर्यातकों, विशेष रूप से MSME क्षेत्र, को जटिल निर्यात नियमों का पालन करना मुश्किल होता है। इस समस्या को हल करने के लिए रेगुलेटरी सरलीकरण एक अहम एजेंडा रहा। इसके अलावा, टास्क फोर्स ने कॉमर्स प्लेटफॉर्म के ज़रिये भारतीय ब्रांडों की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने पर भी चर्चा की। इससे केवल कच्चे माल नहीं, बल्कि ब्रांडेड फिनिश्ड गुड्स का निर्यात बढ़ेगा।

नवाचार और लघु उद्यमों को सहयोग

बैठक में जूट डाइवर्सिफाइड प्रोडक्ट्स (JDPs) को बढ़ावा देने, और प्राकृतिक रेशों की उत्पादकता में शोध व विकास को समर्थन देने पर भी बल दिया गया। खासकर पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में जूट उत्पादन को तकनीकी सहायता से आगे बढ़ाने की योजना पर विचार हुआ। साथ ही, RoDTEP और RoSCTL जैसी योजनाओं की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गई और इनकी प्रभावी क्रियान्वयन प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता जताई गई।

रणनीतिक फैसले और भविष्य की योजना

बैठक के निष्कर्षस्वरूप अब विभिन्न मुद्दों पर कार्य करने के लिए उपटास्क फोर्स बनाए जाएंगे। इनमें विभिन्न मंत्रालयों, निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs) और उद्योग विशेषज्ञों की भागीदारी होगी। यह टीम मॉडल सुनिश्चित करेगा कि हर क्षेत्र की आवाज़ सुनी जाए और निर्णय तेजी से लिए जाएं

Static GK Fact: कपड़ा मंत्रालय की स्थापना 1985 में हुई थी और भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक देश है, पहले स्थान पर चीन है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पहली टास्क फोर्स बैठक 10 जून 2025, वाणिज्य भवन, नई दिल्ली
अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल
उद्देश्य कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देना और प्रमुख चुनौतियों का समाधान
प्रमुख फोकस क्षेत्र ESG अनुपालन, ई-कॉमर्स, नियामक सरलीकरण, MSME सहयोग
चर्चा की गई योजनाएं RoDTEP, RoSCTL, पीएम मित्रा पार्क
नवाचार क्षेत्र नए जूट उत्पाद, GI टैग कोड, प्राकृतिक रेशा उत्पादकता
वैश्विक मानकों का पालन EU Deforestation Regulation (EUDR)
अगला कदम उप-टास्क फोर्स का गठन; मंत्रालय और EPCs की भागीदारी
स्थैतिक तथ्य भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक (चीन के बाद)
कपड़ा मंत्रालय की स्थापना 1985
India’s First Task Force Meeting to Boost Textile Exports
  1. भारत का पहला टेक्सटाइल निर्यात टास्क फोर्स सम्मेलन 10 जून 2025 को वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ।
  2. बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने की।
  3. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था भारत के वस्त्र निर्यात को बढ़ाना और उद्योग की चुनौतियों का समाधान करना
  4. इस टास्क फोर्स में देशभर के वस्त्र उद्योग से जुड़े हितधारकों को शामिल किया गया।
  5. एक प्रमुख फोकस था ईएसजी (ESG) अनुपालन, खासकर यूरोपीय संघ वनों की कटाई नियम (EUDR) के अनुसार।
  6. भारत के वस्त्र उद्योग को नवीकरणीय ऊर्जा और हरित उत्पादन की ओर प्रेरित किया जा रहा है।
  7. वैश्विक खरीदारों की मांग है कि उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल और नैतिक रूप से तैयार किए गए हों।
  8. बैठक में निर्यातकों पर नियामकीय बोझ को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  9. विशेष ध्यान MSME इकाइयों पर दिया गया जो जटिल निर्यात नियमों से जूझ रही हैं।
  10. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय दृश्यता बढ़ाने पर चर्चा की गई।
  11. भारत का लक्ष्य है मूल्यवर्धित वस्त्र ब्रांडों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना
  12. RoDTEP और RoSCTL जैसी योजनाओं की समीक्षा की गई ताकि निर्यातकों को कर वापसी में सुधार किया जा सके।
  13. जूट विविधीकृत उत्पादों (JDPs) को नवाचार के माध्यम से बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया।
  14. प्राकृतिक रेशों की उत्पादकता पर अनुसंधान असम और पश्चिम बंगाल में केंद्रित किया जाएगा।
  15. विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत उपकार्यबल (Sub-task forces) बनाए जाएंगे ताकि कार्रवाई केंद्रित और प्रभावी हो।
  16. निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संगठनों से मिले सुझावों के आधार पर नीतियों को आकार दिया जाएगा।
  17. यह बैठक विकसित भारत 2047 (Viksit Bharat 2047) की दृष्टि के अनुरूप वस्त्र क्षेत्र सुधारों का समर्थन करती है।
  18. प्रधानमंत्री मेगा इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल्स एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क योजना को निर्यात सहयोग प्रणाली के रूप में प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया।
  19. वाणिज्य भवन भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का मुख्यालय है।
  20. भारत चीन के बाद वस्त्र और परिधान का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

Q1. भारत की पहली कपड़ा निर्यात कार्यबल (टास्क फोर्स) बैठक कहाँ आयोजित की गई थी?


Q2. जून 2025 में कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आयोजित पहली कार्यबल बैठक की अध्यक्षता किसने की?


Q3. कार्यबल बैठक में किन दो निर्यात रिफंड योजनाओं के सुचारु कार्यान्वयन पर चर्चा हुई?


Q4. भारत के कपड़ा निर्यात में ईएसजी अनुपालन को प्रभावित करने वाला प्रमुख नियमन कौन-सा है?


Q5. बैठक के अनुसार, भारतीय कपड़ा ब्रांडों की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने के लिए मुख्य फोकस क्या है?


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