भारत की कपड़ा क्षेत्र में निरंतर प्रगति
भारत का कपड़ा क्षेत्र न केवल निर्यात और रोजगार का बड़ा स्रोत है, बल्कि ग्रामीण आय के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी दिशा में एक बड़ी पहल के तहत 10 जून 2025 को नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में भारत सरकार ने पहली कपड़ा निर्यात टास्क फोर्स बैठक का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने की, और इसमें उद्योग जगत से जुड़े प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
यह बैठक केवल एक औपचारिक संवाद नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य भारत को ग्लोबल टेक्सटाइल लीडरशिप की ओर ले जाने के लिए साझा रणनीति तैयार करना था। बदलती वैश्विक मांग, और ESG (पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासनिक) मानदंडों के मद्देनज़र यह टास्क फोर्स नवाचार और नीतिगत सुधार पर केंद्रित है।
टिकाऊ और स्मार्ट उत्पादन को प्रोत्साहन
बैठक में सस्टेनेबिलिटी को प्रमुख विषय बनाया गया। अब भारतीय कपड़ा उद्योग को हरित ऊर्जा अपनाने और ESG अनुपालन को अनिवार्य रूप से अपनाने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। यह केवल वैश्विक मानकों जैसे कि EU Deforestation Regulation (EUDR) का पालन करने के लिए नहीं है, बल्कि भारतीय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा क्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। वैश्विक खरीदार अब “ग्रीन सर्टिफाइड” और नैतिक रूप से उत्पादित वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नियामक सुधार और डिजिटल संभावनाएं
कई निर्यातकों, विशेष रूप से MSME क्षेत्र, को जटिल निर्यात नियमों का पालन करना मुश्किल होता है। इस समस्या को हल करने के लिए रेगुलेटरी सरलीकरण एक अहम एजेंडा रहा। इसके अलावा, टास्क फोर्स ने ई–कॉमर्स प्लेटफॉर्म के ज़रिये भारतीय ब्रांडों की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने पर भी चर्चा की। इससे केवल कच्चे माल नहीं, बल्कि ब्रांडेड फिनिश्ड गुड्स का निर्यात बढ़ेगा।
नवाचार और लघु उद्यमों को सहयोग
बैठक में जूट डाइवर्सिफाइड प्रोडक्ट्स (JDPs) को बढ़ावा देने, और प्राकृतिक रेशों की उत्पादकता में शोध व विकास को समर्थन देने पर भी बल दिया गया। खासकर पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में जूट उत्पादन को तकनीकी सहायता से आगे बढ़ाने की योजना पर विचार हुआ। साथ ही, RoDTEP और RoSCTL जैसी योजनाओं की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गई और इनकी प्रभावी क्रियान्वयन प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता जताई गई।
रणनीतिक फैसले और भविष्य की योजना
बैठक के निष्कर्षस्वरूप अब विभिन्न मुद्दों पर कार्य करने के लिए उप–टास्क फोर्स बनाए जाएंगे। इनमें विभिन्न मंत्रालयों, निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs) और उद्योग विशेषज्ञों की भागीदारी होगी। यह टीम मॉडल सुनिश्चित करेगा कि हर क्षेत्र की आवाज़ सुनी जाए और निर्णय तेजी से लिए जाएं।
Static GK Fact: कपड़ा मंत्रालय की स्थापना 1985 में हुई थी और भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक देश है, पहले स्थान पर चीन है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पहली टास्क फोर्स बैठक | 10 जून 2025, वाणिज्य भवन, नई दिल्ली |
अध्यक्षता | वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल |
उद्देश्य | कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देना और प्रमुख चुनौतियों का समाधान |
प्रमुख फोकस क्षेत्र | ESG अनुपालन, ई-कॉमर्स, नियामक सरलीकरण, MSME सहयोग |
चर्चा की गई योजनाएं | RoDTEP, RoSCTL, पीएम मित्रा पार्क |
नवाचार क्षेत्र | नए जूट उत्पाद, GI टैग कोड, प्राकृतिक रेशा उत्पादकता |
वैश्विक मानकों का पालन | EU Deforestation Regulation (EUDR) |
अगला कदम | उप-टास्क फोर्स का गठन; मंत्रालय और EPCs की भागीदारी |
स्थैतिक तथ्य | भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक (चीन के बाद) |
कपड़ा मंत्रालय की स्थापना | 1985 |